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देहरादून: मर्चेंट नेवी के जहाज से लापता करनदीप सिंह का 18 दिन बाद भी नहीं चला सुराग, जांच में शामिल होगा परिवार

तारीख: 9 अक्टूबर 2025
स्थान: देहरादून, उत्तराखंड


20 सितंबर को जहाज से लापता हुए थे करनदीप सिंह
देहरादून के करनदीप सिंह राणा 20 सितंबर को मर्चेंट नेवी के जहाज एमटी फ्रंट प्रिंसेस से रहस्यमय परिस्थितियों में लापता हो गए थे। करनदीप मर्चेंट नेवी में सीनियर डेक कैडेट के पद पर तैनात थे। जहाज उस समय सिंगापुर से चीन की ओर रवाना था। घटना के 18 दिन बीत जाने के बावजूद करनदीप का अब तक कोई सुराग नहीं लग पाया है।


परिवार की उम्मीदें अब भी बरकरार
आंसुओं और उम्मीदों के बीच करनदीप का परिवार लगातार डीजी शिपिंग के अधिकारियों के संपर्क में है। चार दिन तक समुद्र और जहाज पर हुई तलाशी के बावजूद कुछ पता नहीं चलने से परिवार की चिंता बढ़ गई है।


अब चीन में शुरू हुई जांच, परिवार के सदस्य होंगे शामिल
अब जब जहाज चीन पहुंच चुका है, तो वहां पूरी जांच प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। डीजी शिपिंग की ओर से इस जांच में परिवार के दो सदस्यों को भी शामिल करने का निर्णय लिया गया है। बुधवार को उनके पासपोर्ट तैयार कराए गए ताकि वे चीन जाकर जांच प्रक्रिया का हिस्सा बन सकें।


कैप्टन और चार अधिकारियों से हुई पूछताछ
जांच के पहले दिन जहाज पर मौजूद कैप्टन, चीफ ऑफिसर सहित चार वरिष्ठ अधिकारियों के बयान दर्ज किए गए। बताया गया कि करनदीप को आखिरी बार शिप के चीफ कुक ने देखा था। उसके बाद से ही वह लापता हैं।


मिला जूता और कैमरा, फिर भी नहीं मिला कोई ठोस सुराग
जहाज पर जहां करनदीप को आखिरी बार देखा गया था, वहीं से उनका एक जूता और कैमरा बरामद हुआ है। हालांकि डीजी शिपिंग ने इस बरामदगी की कोई आधिकारिक पुष्टि नहीं की है। परिवार का कहना है कि करनदीप जहाज के काम के तहत रोजाना फोटो खींचते थे और लापता होने से पहले भी फोटो खींचने ही निकले थे।


परिवार की पीड़ा—न जवाब, न मदद
करनदीप की बहन सिमरन ने बताया कि भाई के लापता होने की सूचना 20 सितंबर की रात 9:30 बजे दी गई थी। अधिकारी लगातार संपर्क में रहने की बात तो करते हैं, लेकिन कोई स्पष्ट जवाब नहीं दे रहे। परिवार ने प्रधानमंत्री, मुख्यमंत्री और अन्य अधिकारियों को पत्र लिखकर मदद की गुहार लगाई है, पर अब तक कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया।


आखिरी कॉल में कहा था—“यहां सब ठीक है”
20 सितंबर की सुबह करनदीप ने अपनी मां शशि राणा और बहन सिमरन से वीडियो कॉल पर बात की थी। उन्होंने कहा था, “यहां सब ठीक है।” दोपहर 12:30 बजे हुई आखिरी कॉल के बाद रात 9:30 बजे परिवार को उनके लापता होने की सूचना मिली। यह खबर सुनते ही परिवार पर दुखों का पहाड़ टूट पड़ा।


देहरादून से रुद्रप्रयाग तक पसरा मातम
मूल रूप से रुद्रप्रयाग के रहने वाले करनदीप के पिता नरेंद्र सिंह राणा पिछले कई वर्षों से देहरादून के पटेलनगर में रह रहे हैं। पूरा परिवार अब बेटे की सुरक्षित वापसी की दुआ कर रहा है। सोशल मीडिया पर भी लोग करनदीप की तलाश के लिए अपील कर रहे हैं।


निष्कर्ष:
18 दिन बीत जाने के बाद भी मर्चेंट नेवी के सीनियर डेक कैडेट करनदीप सिंह राणा का कोई सुराग नहीं लग पाया है। चीन में जांच जारी है और परिवार के दो सदस्य अब इस प्रक्रिया में शामिल होंगे। परिवार उम्मीद कर रहा है कि शायद अब जांच से कोई नई जानकारी मिले और उनका बेटा जल्द सुरक्षित लौट आए।

 

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