तारीख: 9 अक्टूबर 2025 | स्थान: देहरादून, उत्तराखंड
सरकारी शिक्षक और पत्नी बने ‘क्राइम पार्टनर’
देहरादून पुलिस ने करोड़ों की वित्तीय धोखाधड़ी के आरोप में एक सरकारी शिक्षक जगमोहन सिंह चौहान को गिरफ्तार किया है। आरोपी ने अपनी पत्नी नीलम चौहान के साथ मिलकर माइक्रो फाइनेंस कंपनी के नाम पर लोगों से भारी भरकम रकम वसूली और फरार हो गया था। दोनों पति-पत्नी ने भोले-भाले निवेशकों को सरकारी योजनाओं जैसी स्कीमों का झांसा देकर करोड़ों की ठगी को अंजाम दिया।
माइक्रो फाइनेंस कंपनी के नाम पर किया गया बड़ा खेल
जगमोहन सिंह चौहान, जो सहसपुर ब्लॉक के एक सरकारी स्कूल में शिक्षक है, ने “माइक्रो फाइनेंस इंडिया एसोसिएशन” नाम की कंपनी बनाई थी। कंपनी का मुख्य कार्यालय देहरादून के नेहरू कॉलोनी क्षेत्र में संचालित होता था। आरोपियों ने लोगों को बताया कि वे सरकारी बचत योजनाओं जैसी आरडी, एफडी और डीडीएस योजनाओं पर ऊंचा ब्याज देंगे। लोगों को भरोसा दिलाने के लिए कार्यालय तक खोला गया और आकर्षक ऑफर दिए गए।
ज्यादा ब्याज का लालच बना ठगी का हथियार
पुलिस जांच में सामने आया कि आरोपी ने लोगों को 18 से 24 प्रतिशत तक ब्याज देने का लालच दिया। कई लोगों ने अपनी जीवनभर की जमा पूंजी इस कंपनी में निवेश कर दी। लेकिन कुछ महीनों बाद ही कंपनी ने पैसे लौटाना बंद कर दिया और कार्यालय में ताला लगाकर दोनों पति-पत्नी फरार हो गए।
पुलिस ने जांच शुरू की, खुद बनी शिकायतकर्ता
देहरादून के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक अजय सिंह ने बताया कि नेहरू कॉलोनी क्षेत्र के कई लोगों ने धोखाधड़ी की शिकायत दी थी। मामले की गंभीरता को देखते हुए पुलिस ने स्वयं शिकायतकर्ता बनकर 2 अक्टूबर को चौकी प्रभारी बायपास प्रवीण पुंडीर की तहरीर पर मुकदमा दर्ज किया। जांच के दौरान पता चला कि कंपनी के फाउंडर मेंबर जगमोहन सिंह चौहान और डायरेक्टर नीलम चौहान ही इस ठगी के मुख्य आरोपी हैं।
बैंक खाते सीज, पत्नी अब भी फरार
जांच में पता चला कि सारे वित्तीय लेन-देन कंपनी के उसी कार्यालय में जगमोहन सिंह चौहान की निगरानी में होते थे। पुलिस ने तत्काल कार्रवाई करते हुए कंपनी से संबंधित सभी बैंक खातों को सीज कर दिया है। वहीं, आरोपी की पत्नी नीलम चौहान की तलाश जारी है। पुलिस ने अन्य संभावित साझेदारों पर भी नजर रखी है।
पुलिस टीम ने रातोंरात की गिरफ्तारी
मंगलवार रात नेहरू कॉलोनी क्षेत्र में दबिश देकर पुलिस ने जगमोहन सिंह चौहान को गिरफ्तार कर लिया। एसएसपी अजय सिंह ने बताया कि आरोपी को पूछताछ के बाद कोर्ट में पेश किया जाएगा और अन्य फरार आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए टीमें गठित कर दी गई हैं।
एसएसपी ने दी चेतावनी — ‘निवेश से पहले करें कंपनी की जांच’
एसएसपी अजय सिंह ने लोगों को चेतावनी दी कि “मुनाफे का लालच दिखाकर कई कंपनियां आम लोगों की मेहनत की कमाई को हड़प लेती हैं। निवेश करने से पहले हमेशा कंपनी की पंजीकरण स्थिति, वैधता और बैंकिंग रिकॉर्ड की जांच करें। यदि किसी कंपनी की गतिविधि संदिग्ध लगे तो तुरंत पुलिस को सूचना दें।”
निवेशकों में हड़कंप, कई परिवारों की जमा पूंजी फंसी
पुलिस जांच में सामने आया है कि इस ठगी का शिकार देहरादून, टिहरी और हरिद्वार के कई लोग बने हैं। कई परिवारों ने अपनी बचत और सेवानिवृत्ति राशि इस कंपनी में लगाई थी। अब जब कंपनी गायब हो गई, तो निवेशक ठगा हुआ महसूस कर रहे हैं।
निष्कर्ष:
देहरादून में सरकारी शिक्षक द्वारा पत्नी के साथ मिलकर की गई यह करोड़ों की धोखाधड़ी न केवल कानून के खिलाफ है, बल्कि यह विश्वास और जिम्मेदारी की गद्दारी भी है। पुलिस ने तेजी से कार्रवाई करते हुए आरोपी को गिरफ्तार कर लिया है, लेकिन निवेशकों की गाढ़ी कमाई की भरपाई अब भी सवालों के घेरे में है। यह घटना एक बार फिर चेतावनी है — मुनाफे के लालच में बिना जांच किए निवेश करना बेहद खतरनाक हो सकता है।