तारीख: 11 अक्टूबर 2025
स्थान: देहरादून, उत्तराखंड
देहरादून में नशे के खिलाफ बड़ा एक्शन प्लान तैयार
उत्तराखंड की राजधानी देहरादून में जिला प्रशासन ने ‘नशा मुक्त दून’ अभियान की दिशा में बड़ा कदम उठाया है। अब नशा बेचने या फार्मा पदार्थों में मिलावट करने वालों पर संगीन धाराओं में मुकदमे दर्ज किए जाएंगे। प्रशासन ने साफ किया है कि ऐसे अपराधों के खिलाफ ज़ीरो टॉलरेंस नीति अपनाई जाएगी।
ऋषिपर्णा सभागार में हुई अहम बैठक
इस संबंध में डीएम सविन बंसल की अध्यक्षता में गुरुवार को ऋषिपर्णा सभागार में जिला स्तरीय नारकोटिक्स को-ऑर्डिनेशन समिति की बैठक आयोजित की गई। बैठक में शहर में बढ़ते नशीले पदार्थों के अवैध कारोबार पर अंकुश लगाने के लिए विभिन्न विभागों को संयुक्त रूप से कार्रवाई करने के निर्देश दिए गए।
डीएम ने कहा कि राजधानी में नशा तस्करों के लिए कोई जगह नहीं छोड़ी जाएगी। सभी संबंधित विभाग मिलकर सघन निरीक्षण करें और कार्रवाई में ढिलाई न बरतें।
मेडिकल स्टोर और दवा फैक्ट्रियों पर होगी सख्त निगरानी
डीएम बंसल ने निर्देश दिया कि सभी दवा फैक्ट्रियों और मेडिकल स्टोर्स का नियमित निरीक्षण किया जाए ताकि फार्मा पदार्थों में मिलावट और नशीले रासायनिक तत्वों की बिक्री पर रोक लगाई जा सके।
सभी मेडिकल स्टोरों पर सीसीटीवी कैमरे लगाना अनिवार्य किया गया है। साथ ही, मुख्य चिकित्सा अधिकारी (CMO) को निर्देश दिए गए कि पर्याप्त संख्या में ड्रग्स टेस्टिंग किट उपलब्ध कराई जाएं।
कॉलेजों और विश्वविद्यालयों में होगी ड्रग टेस्टिंग
डीएम ने बताया कि स्पेशल टास्क फोर्स (STF) के माध्यम से सभी सरकारी और निजी कॉलेजों, विश्वविद्यालयों एवं उच्च शिक्षण संस्थानों में ड्रग्स टेस्टिंग अभियान चलाया जाएगा।
इसके लिए जिला प्रशासन ने मौके पर ही फंड स्वीकृत किया, और हाल ही में 6,000 ड्रग्स टेस्टिंग किट्स खरीदी गई हैं।
हर महीने होगी एंटी-ड्रग्स समीक्षा बैठक
डीएम बंसल ने कहा कि जिले में हर माह एंटी ड्रग्स गतिविधियों की समीक्षा की जाएगी ताकि कार्रवाई के प्रभाव का आकलन किया जा सके। साथ ही पब्लिक हेल्पलाइन नंबर और डेडिकेटेड एंटी ड्रग्स सेल की स्थापना की प्रक्रिया भी शुरू कर दी गई है।
नशा मुक्ति और मानसिक स्वास्थ्य केंद्र की स्थापना के निर्देश
समाज कल्याण अधिकारी को निर्देश दिए गए कि रायवाला स्थित ओल्ड एज होम को जल्द ही नशा मुक्ति एवं मानसिक स्वास्थ्य केंद्र के रूप में संचालित किया जाए।
इसके अलावा सभी नशा मुक्ति केंद्रों का स्थलीय निरीक्षण कर उनकी कार्यप्रणाली की रिपोर्ट जिला प्रशासन को सौंपने को कहा गया है।
विद्यालयों के आसपास निगरानी होगी कड़ी
स्कूल और कॉलेजों के आसपास नशा प्रभावित क्षेत्रों की पहचान कर वहां सीसीटीवी कैमरे लगाने के निर्देश दिए गए।
साथ ही, सभी सरकारी व निजी शिक्षण संस्थानों में एंटी ड्रग्स कमेटियों को सक्रिय करने के आदेश दिए गए ताकि युवाओं को नशे से दूर रखने के लिए जागरूकता अभियान लगातार चलाए जा सकें।
संयुक्त एजेंसियों की टीम तोड़ेगी ‘ड्रग्स चेन’
नशे की डिमांड और सप्लाई चेन को खत्म करने के लिए प्रशासन ने सभी प्रवर्तनकारी एजेंसियों को मिलकर काम करने के निर्देश दिए।
इसमें एएनटीएफ (Anti Narcotics Task Force), एसटीएफ, पुलिस, एनसीबी (Narcotics Control Bureau) और औषधि नियंत्रक विभाग को समन्वय बनाकर संयुक्त अभियान चलाने के आदेश दिए गए हैं।
बैठक में शामिल प्रमुख अधिकारी
इस महत्वपूर्ण बैठक में डीएफओ मयंक गर्ग, एडीएम प्रशासन जय भारत सिंह, एसडीएम सदर हरिगिरी, एसडीएम स्मृता परमार, एसडीएम अपर्णा ढौंडियाल, तथा सीएमओ डॉ. मुकेश कुमार शर्मा सहित विभिन्न विभागों के वरिष्ठ अधिकारी मौजूद रहे।
निष्कर्ष
देहरादून प्रशासन का यह निर्णय राज्य में बढ़ते नशे के कारोबार पर कड़ा प्रहार साबित होगा। अब फार्मा मिलावटखोरों से लेकर नशा बेचने वालों तक पर कानूनी शिकंजा और सख्त दंडात्मक कार्रवाई की जाएगी। प्रशासन ने स्पष्ट किया है कि ‘ड्रग्स फ्री देवभूमि’ का सपना अब केवल नारा नहीं, बल्कि सरकार की ठोस कार्रवाई का हिस्सा बन चुका है।