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Air Pollution: दीपावली से पहले उत्तराखंड में हवा की गुणवत्ता की होगी जांच, चार पैरामीटर पर निगरानी — निजी कंपनी को सौंपी गई जिम्मेदारी

देहरादून, 12 अक्टूबर 2025

 दीपावली से पहले प्रदूषण के बढ़ते स्तर पर अंकुश लगाने के लिए उत्तराखंड सरकार ने राज्यभर में वायु गुणवत्ता की जांच की तैयारी पूरी कर ली है।
राज्य में अब हवा की स्थिति का परीक्षण चार प्रमुख पैरामीटरों पर किया जाएगा। इसके लिए पर्यावरण संरक्षण एवं प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (UEPPCB) ने एक निजी कंपनी ‘आईटीएस कंपनी’ को थर्ड पार्टी एजेंसी के रूप में निगरानी का दायित्व सौंपा है।


 दीपावली से पहले तैयार प्रशासन, जांच करेगी आईटीएस कंपनी

दीपावली के दौरान पटाखों के धुएं और गैसों से वायु गुणवत्ता पर पड़ने वाले असर को मापने के लिए यह निगरानी की जा रही है।
आईटीएस कंपनी को बतौर थर्ड पार्टी ऑडिटर नियुक्त किया गया है, जो गढ़वाल मंडल के चार स्थलों पर हवा की गुणवत्ता की जांच करेगी।
इन स्थलों में देहरादून के दो क्षेत्र, ऋषिकेश का एक स्थल और इस बार टिहरी को भी शामिल किया गया है।


 चार पैरामीटर पर होगी हवा की जांच

वायु गुणवत्ता की निगरानी निम्नलिखित चार मुख्य पैरामीटरों पर की जाएगी —

  1. PM 10 (Particulate Matter 10): 24 घंटे में अधिकतम 100 माइक्रोग्राम प्रति क्यूबिक मीटर तक सीमित
  2. PM 2.5 (Particulate Matter 2.5): 24 घंटे में अधिकतम 60 माइक्रोग्राम प्रति क्यूबिक मीटर तक।
  3. सल्फर डाइऑक्साइड (SO₂): 24 घंटे में अधिकतम 80 माइक्रोग्राम प्रति क्यूबिक मीटर तक।
  4. नाइट्रोजन डाइऑक्साइड (NO₂): 24 घंटे में अधिकतम 80 माइक्रोग्राम प्रति क्यूबिक मीटर तक।

इन सभी आंकड़ों के आधार पर एयर क्वालिटी इंडेक्स (AQI) तैयार किया जाएगा, जिससे यह पता चलेगा कि दीपावली से पहले और बाद में हवा कितनी प्रदूषित हुई।


 ध्वनि प्रदूषण की भी होगी मॉनिटरिंग

वायु गुणवत्ता के साथ-साथ इस बार ध्वनि प्रदूषण (Noise Pollution) की जांच भी की जाएगी।
प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के क्षेत्रीय अधिकारी अमित पोखरियाल ने बताया कि दीपावली से पहले और बाद में ध्वनि प्रदूषण के स्तर की तुलना की जाएगी ताकि यह स्पष्ट हो सके कि पटाखों से शोर का स्तर कितना बढ़ता है।


 पिछले वर्षों का वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI)

वर्ष घंटाघर नेहरू कॉलोनी ऋषिकेश
2024 288 243 173
2023 333 349 196
2022 252 242 236
2021 248 306 257
2020 317 198

इन आंकड़ों से स्पष्ट है कि हर वर्ष दीपावली पर वायु गुणवत्ता सूचकांक “मध्यम से बहुत बुरी” श्रेणी में पहुंच जाता है।


 AQI के मानक: हवा का हाल

  • 0–50: अच्छा

  • 51–100: संतोषजनक

  • 101–200: मध्यम

  • 201–300: बुरी

  • 301–400: बहुत बुरी

  • 401 और अधिक: अति गंभीर


 उद्देश्य — प्रदूषण पर सटीक नियंत्रण

आईटीएस कंपनी द्वारा तैयार की गई रिपोर्ट के आधार पर सरकार दीपावली के बाद प्रदूषण नियंत्रण रणनीतियों पर निर्णय लेगी।
रिपोर्ट से यह पता चलेगा कि पटाखों, वाहनों और औद्योगिक गतिविधियों से हवा पर कितना अतिरिक्त बोझ पड़ा।
इन आंकड़ों के आधार पर अगले वर्ष के लिए नीतिगत सुधार और प्रतिबंधों की रूपरेखा तैयार की जाएगी।


 निष्कर्ष

उत्तराखंड में दीपावली से पहले शुरू हुई यह पहल राज्य की पर्यावरण सुरक्षा दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।
चार प्रमुख पैरामीटरों पर आधारित निगरानी से सरकार को हवा की वास्तविक स्थिति का अंदाजा मिलेगा और भविष्य में स्वच्छ हवा व सुरक्षित त्योहार की दिशा में कदम उठाना आसान होगा।

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