स्थान – देहरादून | तिथि – 19 अक्टूबर 2025
दीपावली के उत्सव में रोशनी और खुशियों के साथ पटाखों की चमक भी शामिल होती है, लेकिन इसी चमक के बीच छिपा होता है धुएं और चिंगारियों का खतरा। विशेषज्ञों के अनुसार, पटाखों से निकलने वाला धुआं त्वचा, आंखों और सांस संबंधी बीमारियों को बढ़ा देता है। इसलिए इस पर्व पर सुरक्षा उपायों को नज़रअंदाज करना आपकी सेहत के लिए नुकसानदायक साबित हो सकता है।
पटाखों का धुआं और रासायनिक तत्व बढ़ा रहे खतरा
जिला चिकित्सालय देहरादून के फिजीशियन डॉ. प्रवीण पंवार ने बताया कि पटाखों से निकलने वाला धुआं और रासायनिक तत्व शरीर के लिए हानिकारक होते हैं। यह त्वचा में जलन, सूजन और एलर्जी का कारण बनते हैं। विशेष रूप से सांस संबंधी रोगियों के लिए यह स्थिति और भी गंभीर हो सकती है। उन्होंने सलाह दी कि ऐसे लोग त्योहार के दौरान धुएं से बचें और मास्क का प्रयोग करें।
आंखों की सुरक्षा को न करें नजरअंदाज
राजकीय दून मेडिकल कॉलेज अस्पताल की नेत्र विभागाध्यक्ष डॉ. शांति पांडेय ने कहा कि पटाखे जलाते समय लगातार तेज रोशनी की ओर न देखें। इससे आंखों में तनाव और जलन की समस्या हो सकती है।
यदि आंखों में कोई कण या चिंगारी चली जाए तो उसे रगड़ें नहीं, बल्कि ठंडे पानी से धोएं। जलन या लाली बनी रहने पर तुरंत डॉक्टर से सलाह लें। उन्होंने यह भी कहा कि पटाखे जलाते समय कॉन्टैक्ट लेंस का उपयोग बिल्कुल न करें, बल्कि पारदर्शी सेफ्टी ग्लास पहन सकते हैं।
कपड़ों और दूरी पर रखें ध्यान
डॉ. पांडेय ने चेतावनी दी कि पटाखे जलाते समय ढीले या आग पकड़ने वाले कपड़े न पहनें। सिंथेटिक कपड़ों की जगह सूती वस्त्र पहनना ज्यादा सुरक्षित होता है।
साथ ही, सुरक्षित दूरी बनाए रखना बेहद जरूरी है — न केवल खुद को बल्कि आसपास के लोगों को भी सुरक्षित रखने के लिए।
सावधानी ही सुरक्षा की कुंजी
त्योहार की खुशी में लापरवाही अक्सर हादसों का कारण बन जाती है। विशेषज्ञों का कहना है कि थोड़ी सी सतर्कता बड़ी दुर्घटनाओं से बचा सकती है। धुएं और पटाखों की चमक से बचाव के उपाय अपनाकर ही दीपावली का आनंद सुरक्षित और स्वस्थ तरीके से लिया जा सकता है।
निष्कर्ष
दीपावली रोशनी का त्योहार है, लेकिन इस रोशनी में स्वास्थ्य की सुरक्षा सबसे पहली प्राथमिकता होनी चाहिए। पटाखों की जगह दीपक जलाएं, पर्यावरण को स्वच्छ रखें और अपनों की सुरक्षा का ध्यान रखते हुए त्योहार का आनंद उठाएं।