तिथि – 19 अक्टूबर 2025 | स्थान – देहरादून, उत्तराखंड
उत्तराखंड राज्य स्थापना की रजत जयंती (25वीं वर्षगांठ) के अवसर पर प्रदेश में ऐतिहासिक उत्सव की तैयारी शुरू हो गई है। इसी क्रम में उत्तराखंड विधानसभा का दो दिवसीय विशेष सत्र 3 नवंबर से आयोजित किया जाएगा, जिसमें राज्य के विकास, उपलब्धियों और भविष्य की योजनाओं पर चर्चा होगी।
राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह (सेनि) ने इस विशेष सत्र के आयोजन की अधिसूचना जारी कर दी है। यह सत्र उत्तराखंड के अब तक के सफर और आने वाले वर्षों के विकास पथ को लेकर बेहद अहम माना जा रहा है।
रजत जयंती पर होगा विशेष सत्र का आयोजन
राज्य की स्थापना वर्ष 2000 में हुई थी और अब यह अपनी रजत जयंती मना रहा है। इस अवसर पर सरकार द्वारा कई कार्यक्रमों की योजना बनाई गई है, जिनमें विधानसभा का यह विशेष सत्र मुख्य आकर्षण रहेगा।
सत्र 3 और 4 नवंबर 2025 को देहरादून स्थित विधानसभा भवन में आयोजित किया जाएगा। इसमें राज्य के विभिन्न क्षेत्रों में हुए विकास कार्यों की समीक्षा और नई योजनाओं पर चर्चा की जाएगी।
राज्यपाल ने जारी की अधिसूचना
राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह (सेनि) ने इस विशेष सत्र को लेकर अधिसूचना जारी करते हुए कहा कि यह अवसर राज्य के गठन के संघर्ष, उपलब्धियों और भावी दिशा पर विचार करने का है। उन्होंने कहा कि राज्य की जनता के सहयोग से उत्तराखंड ने बीते 25 वर्षों में कई मुकाम हासिल किए हैं, अब लक्ष्य “विकसित उत्तराखंड” की ओर अग्रसर होना है।
विकास, पारदर्शिता और सुशासन पर रहेगा फोकस
विधानसभा सत्र में विकास योजनाओं, रोजगार सृजन, महिला सशक्तिकरण, पर्यावरण संरक्षण और स्वच्छ शासन प्रणाली जैसे विषयों पर विशेष चर्चा की जाएगी। साथ ही राज्य की नई नीतियों और भविष्य की दिशा तय करने वाले प्रस्ताव भी पेश किए जा सकते हैं।
विधानसभा सचिवालय के सूत्रों के अनुसार, इस सत्र में राज्य स्थापना के 25 वर्षों का रिपोर्ट कार्ड भी प्रस्तुत किया जाएगा, जिसमें सरकार की प्रमुख उपलब्धियों का ब्यौरा रहेगा।
तैयारियों में जुटा विधानसभा सचिवालय
विशेष सत्र को लेकर विधानसभा सचिवालय ने तैयारियां शुरू कर दी हैं। भवन को रजत जयंती के अनुरूप सजाया जाएगा, जबकि सत्र में भाग लेने वाले विधायकों और अतिथियों के लिए विशेष व्यवस्था की जा रही है।
इस अवसर पर राज्य की जनता से जुड़ाव बढ़ाने के लिए विधानसभा सत्र की कार्यवाही का सीधा प्रसारण भी किया जा सकता है।
निष्कर्ष
उत्तराखंड की स्थापना की रजत जयंती न केवल गर्व का क्षण है बल्कि आत्ममंथन का अवसर भी है। विधानसभा का यह विशेष सत्र राज्य के विकास की नई दिशा तय करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।
राज्य के संघर्ष से विकास तक के सफर को याद करते हुए यह सत्र उत्तराखंड के उज्जवल भविष्य की रूपरेखा प्रस्तुत करेगा।