ऊखीमठ (रुद्रप्रयाग), 25 अक्तूबर 2025
आस्था और भक्ति का अनोखा संगम, ऊखीमठ में गूंजे जयकारे
केदारनाथ धाम के कपाट 23 अक्तूबर को भैया दूज पर्व के अवसर पर शीतकाल के लिए विधिवत बंद कर दिए गए। इसके साथ ही भगवान केदारनाथ की पंचमुखी चल विग्रह डोली की शीतकालीन यात्रा का शुभारंभ हुआ। शनिवार को यह डोली अपने अंतिम पड़ाव ऊखीमठ स्थित ओंकारेश्वर मंदिर में पहुँचकर विराजमान हो गई, जहाँ अगले छह माह तक भगवान केदारनाथ की पूजा-अर्चना संपन्न होगी।
विशेष पूजा-अर्चना के साथ शुरू हुई यात्रा
कपाट बंद होने के बाद पंचमुखी डोली पहले दिन न्यालसू रामपुर में ठहरी। अगले दिन भक्तों की जयकारों और सेना की बैंड धुन के बीच डोली गुप्तकाशी के विश्वनाथ मंदिर पहुँची, जहाँ वेदपाठियों द्वारा वैदिक मंत्रोच्चारण के साथ विशेष पूजा-अर्चना की गई। मंदिर के मुख्य पुजारी शांतलिंग ने भगवान केदारनाथ और भगवान विश्वनाथ की संयुक्त पूजा संपन्न कराई।
ओंकारेश्वर मंदिर में भव्य स्वागत, गूंजा हर-हर महादेव
शनिवार की सुबह साढ़े आठ बजे पंचमुखी डोली गुप्तकाशी से अपने शीतकालीन गद्दीस्थल की ओर रवाना हुई। सेमी-भैंसारी और विद्यापीठ होते हुए डोली तलचुन्नी पहुँची, जहाँ सैकड़ों भक्तों ने पूजा-अर्चना कर भगवान केदारनाथ को सामूहिक अर्घ्य अर्पित किया।
दोपहर लगभग एक बजे जब डोली ओंकारेश्वर मंदिर परिसर में पहुँची, तो पूरा क्षेत्र “जय बाबा केदार” और “हर-हर महादेव” के जयकारों से गूंज उठा। भक्तों ने पुष्पवर्षा और मंगल गीतों के बीच डोली का स्वागत किया। मंदिर की परिक्रमा के बाद डोली अपने स्थान पर विधिवत विराजमान हुई।
भक्ति और उल्लास से भरा वातावरण, श्रद्धालुओं की उमड़ी भीड़
इस दौरान सेना की मधुर बैंड धुन, ढोल-नगाड़ों और शंखध्वनि से पूरा ऊखीमठ क्षेत्र भक्तिमय वातावरण में डूब गया। दूर-दूर से आए सैकड़ों श्रद्धालुओं ने बाबा केदार के दर्शन किए और घर-परिवार की सुख-समृद्धि की कामना की। मंदिर प्रांगण में दीपों और फूलों से विशेष सजावट की गई थी।
छह माह तक ओंकारेश्वर मंदिर में होंगी पूजा-अर्चनाएं
अब आने वाले छह माह तक भगवान केदारनाथ की पूजा-अर्चना ऊखीमठ के ओंकारेश्वर मंदिर में ही संपन्न होगी। श्रद्धालु इस अवधि में यहीं दर्शन कर सकेंगे और बाबा केदार की कृपा प्राप्त करेंगे।
बीकेटीसी अध्यक्ष ने दी श्रद्धालुओं को संदेश
बदरीनाथ-केदारनाथ मंदिर समिति (बीकेटीसी) के अध्यक्ष हेमंत द्विवेदी ने बताया कि भगवान केदारनाथ की पंचमुखी चल विग्रह डोली विधि-विधानपूर्वक ओंकारेश्वर मंदिर में विराजमान हो गई है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के दिशा-निर्देशों के अनुसार शीतकालीन यात्रा को प्रोत्साहित किया जाएगा।
उन्होंने श्रद्धालुओं से अपील की कि वे ऊखीमठ आकर भगवान केदारनाथ की शीतकालीन पूजा-अर्चना में भाग लें। साथ ही उन्होंने कहा कि बदरीनाथ और केदारनाथ दोनों ही धामों की शीतकालीन धार्मिक गतिविधियों को अधिक व्यापक रूप में बढ़ावा दिया जाएगा।
निष्कर्ष — श्रद्धा, संस्कृति और परंपरा का अद्भुत संगम
ऊखीमठ का ओंकारेश्वर मंदिर अब छह माह तक भगवान केदारनाथ का शीतकालीन धाम रहेगा। यह आयोजन केवल धार्मिक परंपरा ही नहीं, बल्कि आस्था, संस्कृति और हिमालयी जीवन का प्रतीक भी है। जय बाबा केदार के जयघोष के बीच भक्तों की आँखों में भक्ति की चमक और हृदय में उल्लास साफ झलक रहा था — जो यह संदेश देता है कि भक्ति की यह डोर कभी नहीं टूटेगी।





