देहरादून, 25 अक्तूबर 2025
छोटे से विवाद ने लिया बड़ा रूप, संयुक्त परिवार में पड़ी दरार
देहरादून के नेहरू कॉलोनी थाना क्षेत्र से एक अजीबो-गरीब मामला सामने आया है, जहाँ बिल्ली के बच्चों को लेकर दो भाइयों के संयुक्त परिवार में इतना बड़ा विवाद हो गया कि मामला पुलिस थाने तक पहुँच गया। मामूली दिखने वाला यह झगड़ा अब पशु क्रूरता अधिनियम और धमकी देने जैसे गंभीर आरोपों में बदल गया है।
धर्मपुर क्षेत्र में हुआ विवाद, ‘अशुभ’ मानकर फेंक दिए बिल्ली के बच्चे
जानकारी के अनुसार, नेहरू कॉलोनी क्षेत्र के धर्मपुर में रहने वाले संयुक्त परिवार में विवाद की जड़ बनी एक बिल्ली और उसके दो बच्चे। शिकायतकर्ता रश्मि धीमान ने बताया कि बीते मार्च महीने में एक बिल्ली उनके घर आकर दो बच्चों को जन्म देकर छोड़ गई थी।
रश्मि के अनुसार, वह उन दोनों बिल्ली के बच्चों की देखभाल कर रही थीं, लेकिन उनके चाचा उमेश धीमान और चाची को यह पसंद नहीं था। उनका मानना था कि बिल्ली घर में अशुभ होती है। इसी अंधविश्वास के चलते उमेश धीमान ने कथित तौर पर बिल्ली के बच्चों को अपनी स्कूटी की डिग्गी में बंद कर कहीं दूर छोड़ दिया।
विरोध करने पर बढ़ा विवाद, मिली जान से मारने की धमकी
जब रश्मि ने इस बात का विरोध किया, तो मामला और भड़क गया। उनका आरोप है कि इस पर चाची और उनके तीनों बेटों ने घर में घुसकर उन्हें जान से मारने की धमकी दी। रश्मि ने इस पूरे प्रकरण से खुद को और अपने परिवार को खतरा बताते हुए पुलिस से सुरक्षा और सख्त कार्रवाई की मांग की है।
पुलिस ने किया मुकदमा दर्ज, जांच में जुटी टीम
नेहरू कॉलोनी थानाध्यक्ष संजीत कुमार ने बताया कि 13 अक्तूबर को शिकायत प्राप्त हुई थी, जिसमें रश्मि धीमान ने अपने चाचा-चाची और उनके बेटों के खिलाफ तहरीर दी। पुलिस ने मामले को गंभीरता से लेते हुए पशु क्रूरता अधिनियम समेत अन्य धाराओं में मुकदमा दर्ज कर लिया है।
फव्वारा चौक चौकी प्रभारी ने बताया कि मामले की जांच शुरू कर दी गई है और सभी पक्षों के बयान दर्ज किए जा रहे हैं। पुलिस का कहना है कि सत्यता के आधार पर आगे की कार्रवाई की जाएगी।
समाज में अंधविश्वास की जड़ें अब भी गहरी
यह घटना एक बार फिर यह दर्शाती है कि अंधविश्वास और अज्ञानता आज भी समाज में कितनी गहराई से जमी हुई है। सिर्फ एक बिल्ली के बच्चों को ‘अशुभ’ मान लेने के कारण दो भाइयों का परिवार टूट गया और मामला थाने तक जा पहुँचा।
निष्कर्ष — छोटी बात से बड़ा सबक
देहरादून का यह मामला समाज के लिए एक सबक है कि अंधविश्वास कभी-कभी रिश्तों की डोर तक तोड़ देता है। जीव-जंतुओं के प्रति क्रूरता न केवल अमानवीय है, बल्कि कानूनन अपराध भी है। अब उम्मीद यही की जा रही है कि पुलिस जांच के बाद सच सामने आएगा और दोषियों पर उचित कार्रवाई होगी।


