स्थान: देहरादून, उत्तराखंड
तिथि: बुधवार, 29 अक्टूबर 2025
देहरादून में एक दर्दनाक सड़क हादसे ने एक मां की दुनिया उजाड़ दी और एक 19 वर्षीय छात्रा की ज़िंदगी को मौत से जूझने पर मजबूर कर दिया।
तेज़ रफ्तार कार ने एलएलबी की छात्रा प्रज्ञा सिंह को पीछे से टक्कर मारी और चालक वाहन समेत मौके से फरार हो गया। पुलिस ने इसे हिट एंड रन केस करार दिया है और आरोपी की तलाश शुरू कर दी है।
दिल्ली से लौटी बेटी बन गई हादसे की शिकार
घटना 23 अक्टूबर की शाम की है, जब उत्तरांचल यूनिवर्सिटी में एलएलबी की पढ़ाई कर रही प्रज्ञा सिंह दिल्ली से बस से लौट रही थी।
शाम करीब 4 से 4:20 बजे के बीच, जैसे ही वह सरोवर होटल के सामने पैदल सड़क पार कर रही थी, तभी एक तेज़ रफ्तार कार ने पीछे से टक्कर मार दी।
टक्कर इतनी ज़ोरदार थी कि प्रज्ञा सड़क पर जा गिरी और गंभीर रूप से घायल हो गई।
चालक वाहन समेत मौके से फरार
प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, हादसे के बाद चालक ने गाड़ी नहीं रोकी और तेज़ी से फरार हो गया।
पुलिस ने मौके पर पहुंचकर घायल छात्रा को अस्पताल पहुंचाया और सीसीटीवी फुटेज खंगालने की प्रक्रिया शुरू कर दी है।
पटेलनगर थानाध्यक्ष चंद्रभान अधिकारी ने बताया कि प्राथमिक जांच में यह हिट एंड रन का मामला प्रतीत हो रहा है।
चालक की पहचान के लिए आसपास के सुरक्षा कैमरों की फुटेज खंगाली जा रही है।
आईसीयू के बाहर मां की टकटकी, बेटी अब भी कोमा में
प्रज्ञा फिलहाल आईसीयू में भर्ती है और डॉक्टरों के मुताबिक वह अब भी कोमा में है।
उसकी मां आशा सिंह अस्पताल के बाहर बैठी दिन-रात अपनी बेटी के स्वस्थ होने की प्रार्थना कर रही हैं।
आशा सिंह ने बताया कि उनके पति का पहले ही निधन हो चुका है, और वे अकेले तीन बच्चों की परवरिश कर रही हैं।
अब यह हादसा उनके परिवार पर एक और बड़ा पहाड़ बनकर टूटा है।
सदमे में छोटा भाई, टूटा परिवार का हौसला
आशा सिंह की 13 वर्षीय सबसे छोटी संतान इस हादसे के बाद गहरे सदमे में है।
वह घर में अकेला है जबकि मां दिन-रात अस्पताल और पुलिस थाने के चक्कर लगा रही हैं।
आशा का कहना है कि उन्हें अब सिर्फ अपनी बेटी की ज़िंदगी की चिंता है —
“बस मेरी प्रज्ञा वापस आ जाए, बाकी सब भगवान पर छोड़ दिया है।“
पुलिस जांच जारी, आरोपी की तलाश तेज़
पुलिस ने बताया कि सीसीटीवी फुटेज और गवाहों के बयानों के आधार पर
फरार चालक की तलाश की जा रही है।
सरोवर होटल क्षेत्र में कई कैमरे लगे हैं, जिनसे गाड़ी की मॉडल और नंबर प्लेट की पहचान की कोशिश हो रही है।
फिलहाल, हादसे में इस्तेमाल कार की पुष्टि नहीं हो पाई है।
सड़क सुरक्षा पर फिर उठे सवाल
इस दर्दनाक घटना ने एक बार फिर देहरादून में तेज़ रफ्तार और लापरवाह ड्राइविंग पर सवाल खड़े कर दिए हैं।
हर वर्ष सैकड़ों लोग ऐसे हादसों का शिकार होते हैं, जिनमें अधिकांश मामले हिट एंड रन के होते हैं।
स्थानीय नागरिकों ने प्रशासन से मांग की है कि सरोवर होटल क्षेत्र में स्पीड ब्रेकर और निगरानी कैमरे बढ़ाए जाएं।
निष्कर्ष: न्याय और जीवन के बीच उम्मीद की डोर
प्रज्ञा की ज़िंदगी अब डॉक्टरों के भरोसे टिकी है, जबकि उसकी मां
हर दिन अस्पताल के बाहर भगवान से उसकी वापसी की दुआ कर रही हैं।
पुलिस की जांच और समाज की संवेदना दोनों की परीक्षा इस वक्त जारी है।
यह हादसा न सिर्फ एक परिवार की त्रासदी है, बल्कि एक चेतावनी भी —
तेज़ रफ्तार लापरवाही नहीं, ज़िंदगियाँ छीन लेती है।


