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Igas Festival: अमित शाह और सांसद अनिल बलूनी ने दिल्ली में मनाया ईगास पर्व, देवभूमि में ‘भैलो’ खेल की गूंज — परंपरा और संस्कृति का अनोखा संगम

नई दिल्ली/देहरादून | 1 नवंबर 2025

देवभूमि उत्तराखंड में लोक पर्व ईगास-बग्वाल (Igas Festival) की रौनक इस बार राजधानी दिल्ली तक पहुंच गई। पारंपरिक वेशभूषा, लोकगीतों और भैलो खेल की धूम के बीच इस पर्व ने उत्तराखंडी संस्कृति का अनोखा नजारा पेश किया। दिल्ली में सांसद अनिल बलूनी के आवास पर ईगास उत्सव बड़ी धूमधाम से मनाया गया, जिसमें केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह मुख्य अतिथि के रूप में शामिल हुए।


दिल्ली में अमित शाह संग मनाया गया ईगास पर्व

गढ़वाल संसदीय क्षेत्र के सांसद और भाजपा के राष्ट्रीय मीडिया प्रमुख अनिल बलूनी ने अपने नई दिल्ली स्थित आवास पर ईगास पर्व का भव्य आयोजन किया। शुक्रवार शाम आयोजित इस कार्यक्रम में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह, रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव, केंद्रीय मंत्री अर्जुन राम मेघवाल, राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल, बाबा बागेश्वर धाम, और बॉलीवुड गायक जुबिन नौटियाल सहित कई विशिष्ट अतिथियों ने शिरकत की।

पूरे आयोजन स्थल पर उत्तराखंडी लोकगीतों की गूंज रही। पारंपरिक व्यंजनों की खुशबू और भैलो खेल ने इस सांस्कृतिक शाम को यादगार बना दिया। बलूनी ने कहा कि “ईगास हमारी पहचान है, यह पर्व हमें हमारी जड़ों से जोड़ता है और आने वाली पीढ़ियों तक हमारी संस्कृति को पहुंचाने का माध्यम है।”


सीएम धामी का संदेश – लोक परंपरा को आगे बढ़ाएं

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने प्रदेशवासियों को ईगास की शुभकामनाएं देते हुए कहा कि “हम सबका नैतिक दायित्व है कि सदियों से चली आ रही इस विरासत को नई पीढ़ी तक पहुंचाएं। सरकार और संगठन दोनों मिलकर इस लोकपर्व को देश और दुनिया में पहचान दिलाने का कार्य कर रहे हैं।”

सीएम ने बताया कि वे स्वयं अपने गृह क्षेत्र चमोली के ब्रह्मणथाला गांव में स्थानीय लोगों के साथ यह पर्व मनाएंगे। उन्होंने सभी जनप्रतिनिधियों, कार्यकर्ताओं और नागरिकों से अपील की कि वे अपने गांवों में ईगास मनाकर परंपरा को सहेजें।


भाजपा अध्यक्ष भट्ट ने किया पर्व को यादगार बनाने का आह्वान

भाजपा प्रदेश अध्यक्ष महेंद्र भट्ट ने ईगास पर्व पर सभी उत्तराखंडवासियों को शुभकामनाएं दीं। उन्होंने कहा, “यह पर्व हमारी सांस्कृतिक समृद्धि का प्रतीक है। आइए इसे गांव-गांव, घर-घर में मनाकर रजत जयंती वर्ष को अविस्मरणीय बनाएं।”
भट्ट ने कहा कि ईगास केवल पर्व नहीं, बल्कि उत्तराखंड की आत्मा का उत्सव है जो प्रवासी उत्तराखंडियों को भी अपनी मिट्टी से जोड़े रखता है।


सांसद नरेश बंसल बोले – ईगास हमारी जड़ों से जुड़ने का पर्व

राज्यसभा सांसद नरेश बंसल ने कहा कि दीपावली के 11 दिन बाद मनाया जाने वाला ईगास-बग्वाल देवभूमि की आस्था और लोकजीवन का उत्सव है।
उन्होंने कहा, “भैलो खेल, झुमैला नृत्य और पारंपरिक व्यंजन हमारी संस्कृति की पहचान हैं। यह पर्व युवाओं को अपनी जड़ों से जोड़ने का सशक्त माध्यम है।”


टिहरी में 200 भैलो खेल का भव्य आयोजन

उत्तराखंड के पर्वतीय इलाकों में ईगास की उत्सवधारा चरम पर है। टिहरी के बौराड़ी स्टेडियम में शनिवार को दोपहर दो बजे से पारंपरिक ईगास कार्यक्रम का आयोजन होगा, जिसमें 200 सामूहिक भैलो खेले जाएंगे।

समिति अध्यक्ष देवेंद्र नौडियाल ने बताया कि कार्यक्रम में वीर भड़ माधो सिंह भंडारी के जीवन पर आधारित प्रेरक नाटिका का मंचन, झुमैला नृत्य और रंगोली प्रतियोगिता मुख्य आकर्षण होंगे।
इस आयोजन में नवयुवक अभिनय श्रीरामकृष्ण लीला समिति (1952), जिला प्रशासन, और नगर पालिका की सहभागिता रहेगी।

 


ईगास पर्व की ऐतिहासिक मान्यता

लोक मान्यताओं के अनुसार, ईगास-बग्वाल पर्व की शुरुआत टिहरी में हुई। राजशाही काल में राजा के सेना नायक वीर माधो सिंह भंडारी चीन सीमा पर युद्ध के लिए गए थे। दीपावली के दिन उनके न लौटने पर लोगों ने उन्हें वीरगति को प्राप्त मान लिया।
लेकिन दीपावली के 11वें दिन खबर मिली कि सेना युद्ध जीतकर लौट आई है। उसी खुशी में लोगों ने उल्लासपूर्वक पर्व मनाया — और तभी से यह परंपरा “ईगास-बग्वाल” के रूप में स्थापित हुई।


निष्कर्ष

उत्तराखंड का लोक पर्व ईगास इस बार केवल पहाड़ों तक सीमित नहीं रहा, बल्कि दिल्ली की धरती पर भी अपनी पहचान छोड़ गया। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह की मौजूदगी और उत्तराखंडी समुदाय की भागीदारी ने इस पर्व को राष्ट्रीय स्वरूप दिया।
देवभूमि में गूंजते “भैलो” खेल और लोकगीतों की धुनों के साथ ईगास न केवल परंपरा का उत्सव बना, बल्कि यह संदेश भी दिया — संस्कृति जितनी पुरानी हो, उसे सहेजना उतना ही जरूरी है।

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