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पीएम मोदी के दौरे से शीतकालीन यात्रा को बढ़ावा, ओंकारेश्वर प्रतिमूर्ति से उत्साह

 

दिनांक: 11 नवंबर 2025
स्थान: देहरादून / उखीमठ, रुद्रप्रयाग


देहरादून ने राज्य स्थापना दिवस के आयोजन को इस बार केवल औपचारिकता नहीं, बल्कि पर्व जैसा जिया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की उपस्थिति ने पूरे उत्तराखंड की ऊर्जा को जैसे और चमका दिया। आयोजन के बीच एक क्षण ऐसा भी रहा जिसने केदारनाथ शीतकालीन यात्रा की संभावनाओं को एक नई दिशा दे दी। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने पीएम मोदी को ओंकारेश्वर मंदिर उखीमठ की प्रतिमूर्ति भेंट की, और इसी पल ने स्थानीय लोगों के मन में बड़ी उम्मीद जगा दी।


ओंकारेश्वर मंदिर की प्रतिमूर्ति पीएमओ तक पहुंचने से उत्साह

मदमहेश्वर और केदारनाथ की शीतकालीन गद्दी स्थल के रूप में प्रतिष्ठित ओंकारेश्वर मंदिर की प्रतिकृति प्रधानमंत्री कार्यालय तक पहुंच जाना स्थानीय निवासियों और पुरोहितों के लिए गर्व का विषय बन गया।
पुजारियों ने कहा कि जब प्रतिमूर्ति स्वयं प्रधानमंत्री तक पहुंची है, तो शीतकालीन यात्रा को राष्ट्रीय स्तर पर नई पहचान मिलेगी। यह पहाड़ों के पर्यटन और धार्मिक आस्था दोनों के लिए वरदान साबित हो सकता है।


पंचकेदारों में उखीमठ की विशेष भूमिका

पंचकेदार परंपरा में उखीमठ सदैव एक महत्वपूर्ण स्थान रखता है।
शीतकाल में जब बर्फबारी के कारण केदारनाथ और मदमहेश्वर धाम के कपाट बंद हो जाते हैं, तब देवताओं की गद्दी सहित पूजन अनुष्ठान ओंकारेश्वर मंदिर में संपन्न होते हैं।
यही वजह है कि उखीमठ को गद्दी स्थल होने का दुर्लभ सौभाग्य प्राप्त है, और श्रद्धालुओं को वही आध्यात्मिक लाभ मिलता है जो मुख्य धामों में मिलता है।


18 नवंबर को बंद होंगे द्वितीय केदार मदमहेश्वर कपाट

केदारनाथ धाम के वरिष्ठ पुजारी शिव शंकर लिंग ने बताया कि
केदारनाथ के कपाट अब औपचारिक रूप से बंद हो चुके हैं, और 18 नवंबर को द्वितीय केदार मदमहेश्वर के कपाट भी शीतकाल के लिए बंद कर दिए जाएंगे।
इसके बाद 21 नवंबर को देवडोली ओंकारेश्वर मंदिर उखीमठ पहुंचकर विराजमान होगी, जिससे शीतकालीन यात्रा का औपचारिक शुभारंभ हो जाएगा।


सीएम और पीएम की चर्चा ने जलाई नई उम्मीद

पिछले सप्ताह मुख्यमंत्री धामी ने शीतकालीन यात्रा को बढ़ावा देने के मुद्दे पर उखीमठ के ओंकारेश्वर मंदिर में चर्चा की थी।
राज्य स्थापना दिवस पर मुख्यमंत्री द्वारा प्रधानमंत्री को मंदिर की प्रतिकृति भेंट किए जाने के बाद यह उम्मीद और प्रबल हो गई है कि आने वाले समय में शीतकालीन यात्रा को राज्य सरकार और केंद्र दोनों का सहयोग मिलेगा।


स्थानीय लोगों के लिए बड़ी सौगात: रोजगार में भी बढ़ोतरी की उम्मीद

केदारनाथ विधायक आशा नौटियाल के अनुसार, यह केवल धार्मिक परंपरा की मजबूती नहीं, बल्कि स्थानीय लोगों के लिए रोजगार और व्यवसायिक अवसरों की नई राह खोलेगा।
उखीमठ और आस-पास के गांवों में होटल, होमस्टे, टैक्सी सेवा, स्थानीय उत्पादों की बिक्री जैसे क्षेत्रों में भी गतिविधियां बढ़ेंगी।


निष्कर्ष

प्रधानमंत्री की उत्तराखंड यात्रा ने केवल राज्य स्थापना दिवस के उत्सव का सम्मान नहीं बढ़ाया, बल्कि केदारनाथ की शीतकालीन यात्रा को भी नई रोशनी में पेश किया।
ओंकारेश्वर मंदिर की प्रतिमूर्ति पीएमओ तक पहुंचना प्रतीकात्मक जरूर है, पर इसके संकेत गहरे और दूरगामी हैं। यह संकेत है कि पहाड़ की संस्कृति, अध्यात्म और अर्थव्यवस्था अब और मजबूती से राष्ट्रीय विमर्श में शामिल होंगी।

इस सर्दी, उखीमठ एक बार फिर देवडोली के स्वागत में तैयार खड़ा होगा, और शायद इस बार श्रद्धालुओं की नई उमंग भी उसके साथ होगी।

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