तारीख: 14 नवंबर 2025
स्थान: देहरादून
देहरादून में सेकंड हैंड वाहनों की खरीद-बिक्री में धोखाधड़ी के मामले लगातार बढ़ रहे हैं। ऑनलाइन प्लेटफॉर्म जैसे ओएलएक्स, कार बाजार और स्थानीय ऑटो मार्केट में नकली नंबर, फर्जी दस्तावेज और अविश्वसनीय कीमतों के जाल में ग्राहक फंस जाते हैं। ऐसे हालातों को देखते हुए केंद्र सरकार के परिवहन मंत्रालय ने खरीदारों को एक महत्वपूर्ण डिजिटल उपाय अपनाने की सलाह दी है।
‘एम परिवहन’ ऐप से मिलेगी गाड़ी की पूरी असलियत
आरटीओ (प्रशासन) संदीप सैनी के अनुसार, ‘एम परिवहन’ मोबाइल एप सेकंड हैंड वाहन की वास्तविक जानकारी प्राप्त करने का सबसे आसान और विश्वसनीय तरीका बनकर सामने आया है।
गाड़ी का नंबर डालते ही खरीदार को यह पूरी जानकारी तुरंत मिल जाती है—
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गाड़ी का मॉडल
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टैक्स स्टेटस
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फिटनेस वैलिडिटी
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रजिस्ट्रेशन विवरण
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लंबित चालान
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वाहन का नंबर ब्लॉक है या नहीं
यह सुविधा सुनिश्चित करती है कि ग्राहक चोरी की गाड़ी, फर्जी दस्तावेज या छुपाई गई जानकारी वाले वाहन से बच सकें।
दून में हर महीने बढ़ रहे हैं धोखाधड़ी के मामले
आरटीओ प्रशासन के अनुसार, देहरादून में हर महीने 3–4 मामले ऐसे सामने आ रहे हैं, जिनमें खरीदारों को सेकंड हैंड वाहन खरीदते समय हजारों से लेकर लाखों रुपये तक का चूना लगाया जा रहा है।
ऑनलाइन पोर्टलों पर फर्जी नंबर डालना, अवास्तविक कीमत बताना और इंटरनेट बैंकिंग के माध्यम से एडवांस लेकर फरार हो जाना अब आम होता जा रहा है।
एप देगा देश के किसी भी नंबर की जानकारी
‘एम परिवहन’ ऐप में पूरे देश के वाहन नंबरों की जानकारी उपलब्ध है।
महत्वपूर्ण बात यह है कि—
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वाहन मालिक का पूरा पता नहीं,
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सिर्फ नाम और वाहन की डिटेल दिखाई जाती है, जिससे गोपनीयता भी बनी रहती है और खरीदार को जानकारी भी मिल जाती है।
अपराध की स्थिति में भी मिलेगी महत्वपूर्ण मदद
यह ऐप सिर्फ वाहन खरीदने वालों के लिए ही नहीं, बल्कि आम नागरिकों और पुलिस के लिए भी बेहद उपयोगी साबित हो सकता है।
अगर—
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कोई संदिग्ध वाहन दिखे,
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कोई वाहन टक्कर मारकर भाग जाए,
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लूट या चेन स्नैचिंग में कोई बाइक/कार शामिल हो,
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किसी तरह का अपहरण किसी वाहन से किया गया हो,
तो केवल वाहन का नंबर याद रखना काफी है।
उसे ‘एम परिवहन’ ऐप में डालते ही वाहन मालिक और वाहन की प्राथमिक जानकारी तुरंत मिल जाती है।
कैसे डाउनलोड करें ऐप?
यह एप गूगल प्ले स्टोर और ऐपल स्टोर दोनों पर मुफ्त उपलब्ध है।
इंटरनेट कनेक्शन और गाड़ी नंबर डालकर कोई भी व्यक्ति मिनटों में वाहन की जानकारी प्राप्त कर सकता है।
निष्कर्ष
देहरादून सहित देशभर में सेकंड हैंड वाहन खरीद से जुड़े धोखाधड़ी के मामलों में तेजी आई है। ऐसे में ‘एम परिवहन’ ऐप ग्राहकों के लिए एक सुरक्षा कवच बनकर उभरा है। यह ऐप न केवल फर्जी सौदों से बचाता है, बल्कि अपराध की जांच में भी अहम भूमिका निभा सकता है।
सेकंड हैंड वाहन खरीदने से पहले एक बार ऐप पर वाहन की ‘कुंडली’ जरूर खंगालें — यह सावधानी आपको बड़े नुकसान से बचा सकती है।


