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देहरादून: वकीलों की हड़ताल नहीं होगी खत्म, CM से मुलाकात के बाद आज DM करेंगे बातचीत, समाधान की कोशिश तेज

देहरादून, 18 नवंबर 2025 (मंगलवार)


देहरादून में अधिवक्ताओं की लगातार बढ़ती हड़ताल अभी खत्म होती नहीं दिख रही है। आंदोलनरत वकीलों ने सोमवार को मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से मुलाकात जरूर की, लेकिन हड़ताल वापस लेने का निर्णय अभी नहीं हुआ। अब मंगलवार को जिलाधिकारी (DM) वकीलों से मुलाकात कर समस्या का समाधान निकालने की कोशिश करेंगे।


हर दिन बढ़ रहा हड़ताल का समय, आज तीन बजे तक काम बंद

देहरादून बार एसोसिएशन ने हड़ताल को चरणबद्ध तरीके से आगे बढ़ाने की रणनीति अपनाई है।
पहले दिन एक घंटे से शुरू हुई यह हड़ताल अब हर रोज आधा घंटा बढ़ती जा रही है

  • सोमवार को हड़ताल शाम 3 बजे तक रखी गई

  • मंगलवार को हड़ताल 3:30 बजे तक की जाएगी

  • आगे चलकर इसे पूरे दिन की हड़ताल में बदला जाएगा

अधिवक्ताओं ने स्पष्ट कहा है कि अब केवल आश्वासन से काम नहीं चलेगा, सरकार को ठोस निर्णय लेना होगा।


रजिस्ट्रार कार्यालय भी बंद कराने की तैयारी

बार एसोसिएशन ने चेतावनी दी है कि यदि सरकार ने जल्द ठोस कदम नहीं उठाए, तो वे रजिस्ट्रार कार्यालय भी बंद कराने की कार्रवाई करेंगे।
छह दिनों से चल रही इस हड़ताल का असर अब न्यायालय से लेकर प्रशासनिक कामकाज तक दिखने लगा है।

पहले दिन वकीलों ने हरिद्वार रोड पर जाम भी लगाया था।
इसके बाद वे हर दिन हड़ताल की अवधि बढ़ाते हुए आंदोलन जारी रखे हुए हैं।


प्रदेशभर में भी दिखा असर, शनिवार को पूरे दिन हड़ताल

शनिवार को बार काउंसिल के आह्वान पर पूरे उत्तराखंड में अधिवक्ता पूरे दिन हड़ताल पर रहे
इस दौरान कचहरियों में कोई काम नहीं हो सका और वादकारी परेशान होते रहे।

रविवार को राज्यसभा सांसद नरेश बंसल के नेतृत्व में देहरादून बार एसोसिएशन के अध्यक्ष मनमोहन कंडवाल और सचिव राजबीर सिंह बिष्ट सहित अन्य पदाधिकारियों ने मुख्यमंत्री से मुलाकात की।


मुख्यमंत्री को सौंपा गया ज्ञापन: चेंबर निर्माण पर बड़ा मुद्दा

बार एसोसिएशन के अध्यक्ष मनमोहन कंडवाल ने मुख्यमंत्री को बताया कि नए न्यायालय परिसर में चेंबर निर्माण के लिए जो भूमि आवंटित की गई है, वह सिर्फ 1,000 अधिवक्ताओं को ही समायोजित कर सकती है

जबकि—

  • देहरादून बार के अधीन 5,000 से अधिक अधिवक्ता कार्यरत हैं

  • 5,000+ स्टांप वेंडर, मुंशी और अन्य स्टाफ रोज कचहरी में बैठते हैं

  • प्रतिदिन 20,000–25,000 वादकारी और परिजन कचहरी पहुंचते हैं

इस भीड़ के लिए उचित स्थान, बैठने की व्यवस्था और सुव्यवस्थित ढांचा उपलब्ध नहीं है।


पुराने कोर्ट भवन के दून अस्पताल को आवंटन पर भी आपत्ति

अधिवक्ताओं ने बताया कि पुराना न्यायालय भवन अब दून अस्पताल को आवंटित कर दिया गया है, जबकि वह नए न्यायालय परिसर से काफी दूर है।
अधिवक्ताओं का कहना है कि यह निर्णय उनके हितों के अनुकूल नहीं है, इसलिए सरकार को इसे पुनर्विचार कर चेंबर निर्माण में सहयोग देना चाहिए।


आज DM से बैठक, समाधान की उम्मीद

मुख्यमंत्री से मुलाकात के बाद अब आज डीएम अधिवक्ताओं से बातचीत करेंगे।
प्रशासन उम्मीद कर रहा है कि वार्ता से कोई बीच का रास्ता निकलेगा और न्यायिक कामकाज सामान्य हो सकेगा।


निष्कर्ष

देहरादून में वकीलों की यह हड़ताल अब गंभीर मोड़ ले चुकी है।
अधिवक्ताओं की बढ़ती संख्या, सीमित सुविधाएं और चेंबर निर्माण का संकट न्यायालय प्रणाली पर दबाव बढ़ा रहा है।
आज होने वाली DM–वकील बैठक से समाधान की उम्मीद जरूर है, लेकिन जब तक सरकार कोई ठोस निर्णय नहीं लेती, हड़ताल जारी रहने के संकेत स्पष्ट हैं।

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