देहरादून | 18 नवंबर 2025
कांग्रेस पार्टी ने उत्तराखंड में सत्तापक्ष को जमीनी मुद्दों पर घेरने तथा भाजपा के संभावित हमलों के सामने पार्टी एकता बनाए रखने की दिशा में मजबूत एक्शन प्लान तैयार करना शुरू कर दिया है। पार्टी नेतृत्व यह मानता है कि सरकार की कमियों को उजागर करने के लिए सिर्फ बयानबाज़ी नहीं, बल्कि पैठ-स्तर पर व्यवस्थित रणनीति जरूरी है।
रणनीतिक मंथन और बैठक
देहरादून में आयोजित एक महत्वपूर्ण बैठक में प्रदेश कांग्रेस कमेटी, अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के नेता, वरिष्ठ पदाधिकारी और बूथ-स्तर के कार्यकर्ता शामिल हुए।
बैठक का उद्देश्य था —
- संगठन को बूथ से ब्लॉक-जिला स्तर तक मजबूत बनाना
- सत्तापक्ष के विरुद्ध रणनीति तैयार कर जनता के मुद्दों को प्रमुखता देना
- पार्टी में अंदरूनी मतभेदों को पाटकर एकजुट मोर्चा तैयार करना
हालाँकि, चुनाव अभियान समिति के अध्यक्ष प्रीतम सिंह बैठक में अनुपस्थित रहे, जो एक संवेदनशील सवाल खड़ा करता है कि नेतृत्व में कहीं दरार तो नहीं।
मिशन 2027 — पांच प्रमुख प्रस्ताव
बैठक में प्रेम बहुखंडी ने पांच रणनीतिक प्रस्ताव पेश किए, जिन्हें ‘मिशन 2027’ के नाम से सर्वसम्मति से अपनाया गया:
- सुरक्षित उत्तराखंड
- आर्थिक, सामाजिक और पर्यावरणीय सुरक्षा
- खुशहाल परिवार
- स्वस्थ जीवन
- रोजगार और आय की गारंटी सभी के लिए
ये प्रस्ताव यह दर्शाते हैं कि कांग्रेस अपनी अगली चुनावी रणनीति सिर्फ राजनीतिक जीत के बजाय सामाजिक-आर्थिक मुद्दों पर आधारित करना चाहती है।
नेतृत्व का संदेश
प्रदेश अध्यक्ष गणेश गोदियाल ने बैठक में कहा कि 2027 का चुनाव “उत्तराखंड के भविष्य” का चुनाव है। उनका मानना है कि यदि कांग्रेस कार्यकर्ता बूथ स्तर पर दृढ़ता से खड़े हों, तो पार्टी को कोई नहीं रोक सकता।
उन्होंने भाजपा पर तीखा हमला करते हुए कहा कि पिछले दस वर्षों में उसने जनता की उम्मीदों को तोड़ दिया है — अब कांग्रेस हर बूथ पर नई ऊर्जा और भरोसे के साथ मैदान में उतरेगी।
जमीनी जुड़ाव की जरूरत
पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने जोर देकर कहा कि कांग्रेस को गांव-गांव और घर-घर तक जाना होगा। जनता की रोजमर्रा की पीड़ा, बेरोज़गारी, पलायन और महंगाई जैसी समस्याओं को हाथ में लेकर संगठन को फिर से जीवंत करना होगा।
उन्होंने कहा: “कार्यकर्ताओं को सिर्फ बड़ी रैलियों तक सीमित नहीं रहना चाहिए — बड़े नेता भी जमीनी स्तर पर उतरें, लोगों के घरों तक जाएँ।”
पार्टी एकता और चुनाव प्रबंधन
चुनाव प्रबंधन समिति के अध्यक्ष डा हरक सिंह रावत ने कहा कि कांग्रेस की रणनीति तीन स्तंभों पर आधारित है:
- मजबूत बूथ
- सशक्त, कम-भूमि कार्यकर्ता
- एकजुट नेतृत्व
इसके साथ ही बैठक में सहप्रभारी मनोज यादव, सुरेंद्र शर्मा, पूर्व मंत्री गोविंद सिंह कुंजवाल, हीरा सिंह बिष्ट, महिला कांग्रेस अध्यक्ष ज्योति रौतेला आदि ने अपनी-अपनी सोच साझा की। संचालन की जिम्मेदारी सूर्यकांत धस्माना ने संभाली।
चुनौती और खतरे
- भाजपा की ओर से संभावित जवाबी हमले को मद्देनज़र रखते हुए कांग्रेस यह सुनिश्चित करना चाहती है कि उसके विरोधी राजनीतिक हमलों में कमजोर न पड़ें।
- अंदरूनी विभाजन या नेतृत्व की गैर-उपस्थितियाँ (जैसे प्रीतम सिंह की अनुपस्थिति) पार्टी के लिए रणनीतिक संकट बन सकती हैं।
- साथ ही, कांग्रेस को यह चुनौती है कि सिर्फ घोषणाओं से आगे बढ़कर भरोसे तथा प्रभाव को जमीन तक कैसे पहुंचाया जाए।
निष्कर्ष
कांग्रेस का “मिशन 2027” न सिर्फ चुनावी रणनीति है, बल्कि एक सामाजिक-सांस्कृतिक पुनरुद्धार की कोशिश भी है।
पार्टी यह मानती है कि बदलाव तभी संभव है जब:
- जनता की असली चुनौतियों को उठाया जाए,
- संगठन हर बूथ तक मजबूत हो,
- और नेताओं तथा कार्यकर्ताओं के बीच एकता बनी रहे।
अगर कांग्रेस इस राह पर सफल होती है, तो वह सिर्फ राजनीतिक सत्ता नहीं जीत सकती — बल्कि उत्तराखंड की जनता के विश्वास को पुनः हासिल कर वास्तविक बदलाव भी ला सकती है।


