तारीख – 19 नवंबर 2025 | स्थान – चमोली, उत्तराखंड
चमोली जिले के पोखरी विकासखंड में बुधवार को गांव की एक महिला घास लेने के लिए जंगल गई थी, लेकिन देर शाम तक वापस नहीं लौटी। जंगल के रास्ते में महिला के सामान का एक ही स्थान पर मिलना कई सवाल खड़े कर रहा है। ग्रामीणों और वन विभाग को आशंका है कि महिला पर भालू या गुलदार ने हमला किया हो सकता है।
गायब हुई महिला की पहचान, सुबह गई थी घास लेने
पाव गांव निवासी रामेश्वरी देवी (42), पत्नी अनिल दत्ता, रोज़ की तरह बुधवार सुबह गांव के पास स्थित जंगल में घास लेने गई थीं। दोपहर बीत जाने पर भी जब वह वापस नहीं लौटीं, तो ग्रामीणों ने चिंतित होकर तुरंत उनकी खोज शुरू की।
रास्ते में मिले व्यक्तिगत सामान ने बढ़ाई चिंता
ग्रामीणों दीपक भंडारी और मनोज भंडारी ने जंगल के रास्ते में रामेश्वरी की—
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दरांती
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परांदा
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रस्सी
एक ही जगह पर पड़ी देखी। सामान का एक ही स्थान पर मिलना इस ओर संकेत करता है कि महिला पर अचानक और गंभीर हमला हुआ होगा। ग्रामीणों का कहना है कि घटनास्थल की परिस्थितियां भालू या गुलदार के हमले की ओर इशारा करती हैं।
वन विभाग की त्वरित कार्रवाई, लेकिन नतीजा शून्य
ग्रामीणों की सूचना पर केदारनाथ वन्यजीव प्रभाग की टीम तेजी से मौके पर पहुंची।
वन दरोगा आनंद सिंह रावत ने बताया कि प्रथम दृष्टया यह भालू का हमला लगता है। टीम ने कई घंटों तक जंगल में सर्च ऑपरेशन चलाया, लेकिन कोई सुराग हाथ नहीं लगा।
अंधेरा बढ़ने पर अभियान को रोकना पड़ा। अधिकारियों ने बताया कि सुबह फिर से बड़े स्तर पर खोज अभियान चलाया जाएगा।
वन अधिकारी बोले—टीम सतर्क, गुरुवार को बड़े पैमाने पर खोज
केदारनाथ वन्यजीव प्रभाग के वन क्षेत्राधिकारी नवल किशोर नेगी ने बताया कि लापता महिला की खोज प्राथमिकता पर की जा रही है। उन्होंने कहा कि बुधवार शाम तक कोई ठोस सुराग नहीं मिला है, लेकिन गुरुवार सुबह फिर से ग्रामीणों के सहयोग से गहन सर्च ऑपरेशन शुरू किया जाएगा।
निष्कर्ष
चमोली का यह मामला क्षेत्र में मानव-वन्यजीव संघर्ष की गंभीर स्थिति को उजागर करता है। रामेश्वरी देवी का रहस्यमय तरीके से लापता होना और उनके सामान का जंगल में मिलना खतरनाक संकेत हैं। वन विभाग और ग्रामीणों की संयुक्त कोशिशें जारी हैं, लेकिन अब पूरे क्षेत्र की निगाहें गुरुवार सुबह शुरू होने वाले खोज अभियान पर टिकी हैं। उम्मीद है कि महिला का शीघ्र ही कोई सुराग मिल सकेगा।


