तारीख: 23 नवंबर 2025 | स्थान: रायवाला, देहरादून
दिल्ली ब्लास्ट के बाद उत्तराखंड में हाई अलर्ट, रायवाला में बड़ा खुलासा
दिल्ली में हाल ही में हुए बम धमाके के बाद उत्तराखंड पुलिस ने सुरक्षा व्यवस्था कड़ी कर दी है। इसी सतर्कता के तहत रायवाला क्षेत्र में एक बड़ी कार्रवाई सामने आई है, जहाँ पुलिस ने सेना की प्रतिबंधित कॉम्बैट वर्दी का कपड़ा बेच रहे एक दुकानदार को पकड़ लिया है। मामले की जांच गहनता से की जा रही है।
सेना की इंटेलिजेंस इनपुट पर पुलिस की कार्रवाई, दुकान में छापा
रायवाला कोतवाली पुलिस टीम ने यह छापेमारी मिलिट्री स्टेशन रायवाला के कर्नल हिमांशु वशिष्ठ की तहरीर के आधार पर की।
इंटेलिजेंस यूनिट को सूचना मिली थी कि हनुमान चौक के पास स्थित एक दुकान में सेना की न्यू पैटर्न कॉम्बैट यूनिफॉर्म का कपड़ा और वर्दी बेची जा रही है, जो नियमों के अनुसार पूरी तरह प्रतिबंधित है।
दुकानदार बजरंग सिंह राठौर गिरफ्तार, मामला दर्ज
छापेमारी में दुकान से बड़ी मात्रा में प्रतिबंधित सेना की यूनिफॉर्म का कपड़ा बरामद किया गया।
पुलिस ने दुकान स्वामी बजरंग सिंह राठौर, निवासी हनुमान चौक, रायवाला (मूल निवासी—माडपुरा, तहसील किमसार, जिला नागौर, राजस्थान), को तत्काल हिरासत में लेकर संबंधित धाराओं में मुकदमा दर्ज कर लिया है।
सेना और पुलिस की संयुक्त जांच—दिल्ली धमाके के बाद बढ़ी सतर्कता
दिल्ली ब्लास्ट के बाद सुरक्षा एजेंसियों को यह आशंका है कि सेना जैसी वर्दी और उपकरणों का गलत इस्तेमाल कर कोई भी व्यक्ति सुरक्षा में सेंध लगाने की कोशिश कर सकता है।
इसी कारण सेना की इंटेलिजेंस यूनिट और पुलिस इन दिनों ऐसी दुकानों की लगातार निगरानी कर रही है जहाँ सैन्य वस्तुएँ बेची जाती हैं।
इंस्पेक्टर का बयान—“राष्ट्र सुरक्षा से जुड़े मामलों में किसी तरह की ढिलाई नहीं”
प्रभारी निरीक्षक राजेंद्र सिंह खोलिया ने बताया कि सेना की वर्दी व सुरक्षा से जुड़ी सामग्री की खुले बाजार में बिक्री पूरी तरह अवैध है।
सार्वजनिक सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए ऐसे लोगों पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
उन्होंने चेताया कि कोई भी व्यक्ति यदि प्रतिबंधित सैन्य सामग्री खरीदता या बेचता पाया गया तो उसके खिलाफ सख्त कानूनी कदम उठाए जाएंगे।
छावनी के पास कई दुकानों में सैन्य वर्दी की बिक्री—सुरक्षा पर उठे सवाल
रायवाला बाजार में सेना की डिसरप्टिव पैटर्न वाली वर्दी और उससे जुड़े सामान वर्षों से कुछ दुकानों पर बेचे जाते रहे हैं।
ये दुकानें छावनी के मुख्य गेट से कुछ ही कदम की दूरी पर हैं, लेकिन स्थानीय इंटेलिजेंस को इसकी जानकारी न होना सुरक्षा व्यवस्था पर बड़ा प्रश्नचिह्न खड़ा करता है।
आम नागरिकों के लिए सेना की वर्दी पहनना अपराध, फैशन ट्रेंड बना जोखिम
एक अधिकारी ने बताया कि भले ही कॉम्बैट पैटर्न कपड़े आम लोगों में फैशन बन चुके हैं, लेकिन सेना और सुरक्षा बलों जैसी दिखने वाली वर्दी पहनना अपराध की श्रेणी में आता है।
ऐसी वर्दियों का उपयोग आतंकी गतिविधियों, धोखाधड़ी या सुरक्षा घेरों में घुसपैठ के लिए हो सकता है।
सेना की वर्दी केवल आधिकारिक चैनल से मिलती है—बाजार में बिक्री प्रतिबंधित
आर्मी यूनिफॉर्म का कपड़ा सीधे सेना के स्टोर या CSD कैंटीन में ही वितरित किया जाता है, जहाँ जवानों को पहचान पत्र के आधार पर वर्दी दी जाती है।
ऐसे में बाजार में किसी भी दुकान पर सेना की कॉम्बैट वर्दी का कपड़ा बिकना पूरी तरह अवैध है।
निष्कर्ष: सुरक्षा एजेंसियों की सख्ती से उजागर हुई बड़ी लापरवाही
दिल्ली धमाके के बाद देशभर में सुरक्षा बढ़ाई गई है, और रायवाला की यह कार्रवाई उसी का हिस्सा है।
प्रतिबंधित सैन्य सामग्री का खुले बाजार में मिलना गंभीर सुरक्षा जोखिम है और यह घटना दिखाती है कि घुसपैठ, आतंकी गतिविधियों या छद्म वर्दी का दुरुपयोग रोकने के लिए निगरानी और सख्त कार्रवाई बेहद आवश्यक है।
पुलिस और सेना की इंटेलिजेंस यूनिट लगातार ऐसी दुकानों पर नजर बनाए हुए है।


