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Dehradun News: 26/11 मुम्बई हमले के शहीद कमांडो गजेन्द्र सिंह बिष्ट की 18वीं पुण्यतिथि पर श्रद्धांजलि — अधूरी घोषणाओं पर परिजनों की नाराज़गी भी जताई

 तिथि: 28 नवंबर 2025
 स्थान: ग्राम गणेशपुर, शिमला बाईपास रोड, देहरादून


वीर अमर शहीद कमांडो गजेन्द्र सिंह बिष्ट को नमन—गौरव सेनानी एसोसिएशन ने दी भावपूर्ण श्रद्धांजलि

26/11 मुंबई आतंकी हमले में सर्वोच्च बलिदान देने वाले अशोक चक्र से सम्मानित शहीद कमांडो गजेन्द्र सिंह बिष्ट की 18वीं पुण्यतिथि पर आज ग्राम गणेशपुर स्थित उनके स्मारक पर बड़ा श्रद्धांजलि कार्यक्रम आयोजित किया गया।
सुबह 10 बजे से स्थानीय लोग, गौरव सेनानियों और सामाजिक संगठनों के सदस्य बड़ी संख्या में उपस्थित रहे और वीर सपूत को नमन किया।


शहीद की धर्मपत्नी विनीता बिष्ट को शाल ओढ़ाकर सम्मानित

श्रद्धांजलि कार्यक्रम के दौरान शहीद की पत्नी विनीता बिष्ट को सम्मान स्वरूप शाल ओढ़ाई गई।
विनीता बिष्ट ने शहीद की स्मृतियों को याद करते हुए कहा कि—
“देश के लिए शहीद हुए मेरे पति का सम्मान हमारा गौरव है, पर उनकी यादें आज भी उतनी ही जीवंत हैं।”

कार्यक्रम में कांग्रेस के प्रदेश उपाध्यक्ष आर्येन्द्र शर्मा ने भी श्रद्धांजलि अर्पित कर वीर नारियों को सम्मानित किया।


चार साल से अधूरी हैं CM की घोषणाएँ, शहीद की पत्नी ने जताई नाराज़गी

गौरव सेनानी एसोसिएशन के अध्यक्ष महावीर सिंह राणा ने बताया कि चार साल पहले एक भव्य खेलकूद प्रतियोगिता के दौरान
उत्तराखंड मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने दो प्रमुख घोषणाएँ की थीं—

  1. मल्हान ग्राउंड में मिनी स्टेडियम का निर्माण

  2. नयागांव प्राथमिक चिकित्सालय का उच्चीकरण

लेकिन वर्षों बीत जाने के बावजूद ये घोषणाएँ आज तक धरातल पर नहीं उतरी हैं।
शहीद की पत्नी विनीता बिष्ट ने भी इस पर गहरी नाराज़गी जताई और कहा कि प्रशासन को शहीदों के सम्मान से जुड़े कार्यों में लापरवाही नहीं बरतनी चाहिए।

क्षेत्रवासियों ने भी सरकार से जल्द इन घोषणाओं को पूरा करने की मांग की।


शहीद गजेन्द्र सिंह बिष्ट: साहस और सर्वोच्च बलिदान की अमर गाथा

  • जन्म: 1 जुलाई 1972, ग्राम गणेशपुर

  • शिक्षा: जनता इंटर कॉलेज नयागांव मल्हान

  • सेना में भर्ती: 28 दिसंबर 1991, गढ़वाल राइफल्स

  • विशेष बल: 10 पैरा स्पेशल फोर्स

  • कारगिल युद्ध में अदम्य साहस का परिचय

  • बाद में नियुक्ति: NSG की 51 स्पेशल एक्शन ग्रुप (SAG)

26 नवंबर 2008 — शौर्य का दिन, बलिदान का दिन

मुंबई के नरीमन हाउस पर हुए आतंकी हमले में NSG को कमांडो भेजे गए।
कमांडो गजेन्द्र सिंह बिष्ट हेलीकॉप्टर से अपनी टीम के साथ उतरे और जान जोखिम में डालकर कई लोगों को सुरक्षित निकाला।
ग्रेनेड हमले में घायल होने के बावजूद उन्होंने आतंकियों को मुंहतोड़ जवाब दिया और कई को मार गिराया।
अपने अंतिम सांस तक लड़ते हुए उन्होंने देश के लिए सर्वोच्च बलिदान दिया।

उनकी वीरता के लिए उन्हें मरणोपरांत अशोक चक्र प्रदान किया गया।


श्रद्धांजलि कार्यक्रम में बड़ी संख्या में लोग रहे मौजूद

कार्यक्रम में उपस्थित प्रमुख लोग:
महावीर सिंह राणा, मनवर सिंह रौथाण, गिरीश जोशी, बीरेन्द्र कंडारी, विनोद सिंह नेगी, महावीर सिंह रावत, देव सिंह पटवाल,
ललित मोहन खंडूरी, विनीता बिष्ट, गौरव बिष्ट, राकेश चंद्र, चन्द्रशेखर जोशी, राकेश नैनवाल, लाल सिंह, दलवीर सिंह,
सत्येन्द्र बुटोला, भरत सिंह सहित कई सामाजिक कार्यकर्ता और ग्रामीण उपस्थित रहे।


निष्कर्ष: शहादत का सम्मान तभी सार्थक जब वादे पूरे हों

शहीद कमांडो गजेन्द्र सिंह बिष्ट की अमर गाथा देश के हर नागरिक को प्रेरित करती है।
श्रद्धांजलि कार्यक्रम ने एक बार फिर याद दिलाया कि शहीदों का सम्मान केवल शब्दों से नहीं,
बल्कि सरकारी वादों को पूरा करने और उनके परिवारों के साथ खड़े रहने से होता है।

ग्राम गणेशपुर और पूरा देहरादून आज भी इस वीर सपूत पर गर्व करता है—
और उम्मीद करता है कि सरकार शहीद के नाम पर की गई घोषणाओं को जल्द पूरा करेगी।

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