तिथि: 29 नवंबर 2025
स्थान: देहरादून, उत्तराखंड
निवेशकों से करोड़ों हड़पने वाले बिल्डर पर पासपोर्ट विभाग की बड़ी कार्रवाई
देहरादून की आवासीय परियोजनाओं में निवेश के नाम पर करोड़ों रुपये की धोखाधड़ी कर फरार हुए बिल्डर शाश्वत गर्ग और उसकी पत्नी साक्षी गर्ग के पासपोर्ट रद्द कर दिए गए हैं।
क्षेत्रीय पासपोर्ट कार्यालय ने शिकायतों की गंभीरता को देखते हुए यह कदम उठाया है।
गर्ग दंपति के साथ उनका पूरा परिवार 17 अक्टूबर से लापता है।
कई शिकायतें, कोई जवाब नहीं — अंततः पासपोर्ट निरस्त
निवेशकों द्वारा लगातार की जा रही शिकायतों के बाद क्षेत्रीय पासपोर्ट अधिकारी विजय शंकर पांडे ने शाश्वत और साक्षी को नोटिस भेजे थे।
15 दिन की अवधि बीतने के बावजूद किसी भी नोटिस का जवाब नहीं मिला।
रिमाइंडर भेजने के बाद भी चुप्पी बरकरार रही, जिसके बाद दोनों के पासपोर्ट तत्काल प्रभाव से निरस्त कर दिए गए।
पासपोर्ट अधिकारी ने बताया कि
“प्रकरण की गंभीरता और बड़े जनहित को देखते हुए यह आवश्यक था।”
पासपोर्ट रद्द होने के बाद अब दोनों के लिए देश छोड़ना लगभग असंभव हो गया है।
17 अक्टूबर से गायब है पूरा परिवार
शाश्वत गर्ग अपनी पत्नी साक्षी, बेटे रिद्वान, माता अंजली और पिता प्रवीण गर्ग के साथ 17 अक्टूबर 2025 से लापता है।
परिवार को आखिरी बार शाश्वत के साले सुलभ गोयल के हापुड़ स्थित घर पर देखा गया था।
इसके बाद से उनका कोई सुराग नहीं है।
कौन सी परियोजनाओं में हुई थी ठगी?
शाश्वत गर्ग देहरादून में दो बड़े आवासीय प्रोजेक्ट चला रहा था:
- आर्केडिया हिलाक्स (ग्रुप हाउसिंग), मसूरी रोड
- इंपीरियल वैली (प्लॉटेड डेवलपमेंट), थानो
इन दोनों परियोजनाओं में निवेशकों से करोड़ों रुपये लेने के बाद काम अधूरा छोड़ दिया गया और पूरा परिवार अचानक गायब हो गया।
निवेशकों का बढ़ता गुस्सा — लगातार मिल रही थीं शिकायतें
इंपीरियल वैली के निवेशकों
अर्चितमान शर्मा, रितेश धीमान, रोहित कौशिक और नीरज कुमार
द्वारा पासपोर्ट कार्यालय में शिकायतें दी गई थीं।
इसी बीच आर्केडिया हिलाक्स से भी 12 निवेशकों ने इसी तरह की शिकायत दर्ज कराई, जिसके बाद विभाग को मामले की गंभीरता समझते हुए तुरंत कार्रवाई करनी पड़ी।
पुलिस और RERA ने भी कस दी है नकेल
- पुलिस आर्केडिया हिलाक्स में फ्लैट आवंटन में गड़बड़ी के 21 से अधिक मामलों की शिकायत पर
गर्ग परिवार, उनके दो सालों और कुछ बैंक/वित्तीय संस्थानों के खिलाफ FIR दर्ज कर चुकी है। - RERA ने एक निवेशक की शिकायत पर
इंपीरियल वैली प्रोजेक्ट में खरीद-फरोख्त पर रोक लगा दी है।
इन कार्रवाइयों के बाद मामला और अधिक गंभीर हो गया है।
निष्कर्ष: फरारी में रह रहा गर्ग परिवार, अब गिरफ्तारी की राह आसान
पासपोर्ट निरस्त होने के बाद अब शाश्वत और साक्षी गर्ग की देश से बाहर भागने की कोई संभावना नहीं बची है।
पुलिस, RERA और पासपोर्ट विभाग की संयुक्त कार्रवाई से स्पष्ट है कि निवेशकों के साथ हुई धोखाधड़ी को लेकर प्रशासन सख्त रुख में है।
अब उम्मीद है कि जल्द ही गर्ग परिवार की लोकेशन का पता चल जाएगा और निवेशकों को न्याय के रास्ते पर आगे बढ़ने में मदद मिलेगी।


