दिनांक: 12 दिसंबर 2025
स्थान: हरिद्वार / देहरादून (भगवानपुर, रुड़की)
2013 से जुड़ी कड़ी ने लिया नया मोड़, पट्टे की जमीन पर विवाद गहराया
जिला हरिद्वार के भगवानपुर विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत थाना बुग्गावाला क्षेत्र में पट्टे की भूमि को लेकर एक पुराना विवाद अब गंभीर आरोप–प्रत्यारोप और कानूनी उलझनों में बदलता नजर आ रहा है।
नदी क्षेत्र की इस भूमि को लेकर उठे विवाद ने प्रशासन और कानून व्यवस्था के सामने कई अहम सवाल खड़े कर दिए हैं।
नौकराग्रांट की विवादित भूमि का पूरा मामला
विवादित भूमि खाता संख्या 358, खसरा संख्या 295क, ग्राम नौकराग्रांट, तहसील भगवानपुर, रुड़की, जिला हरिद्वार स्थित बताई जा रही है।
आरोप है कि यह पट्टे की जमीन कंवरपाल पुत्र वीर सिंह, निवासी ग्राम नौकराग्रांट द्वारा वर्ष 2013 के आसपास 50 हजार रुपये में अरविंद कुमार पुत्र क्रम सिंह, निवासी खेड़ी शिकोहपुर को बेची गई थी।
2 दिसंबर 2025 को थाने पहुंचा मामला, एससी एक्ट के आरोप
2 दिसंबर 2025 को सुमित कुमार पुत्र कंवरपाल सिंह ने थाना बुग्गावाला में तहरीर देकर पांच लोगों को नामजद किया।
सुमित ने आरोप लगाया कि
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कलीम पुत्र सुल्तान, निवासी लालवाला खालसा ने उसे जान से मारने की धमकी दी
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खेत में जाने से रोका
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जातिसूचक शब्दों का प्रयोग किया
इन आरोपों के आधार पर सुमित ने कलीम के खिलाफ एससी/एसटी एक्ट के तहत मुकदमा दर्ज कराने की प्रक्रिया शुरू की।
कलीम की प्रेस वार्ता—“मामला साजिश, पीछे जमीन माफिया”
मामले में नामजद कलीम ने प्रेस वार्ता कर पूरे प्रकरण को साजिश बताया।
कलीम का दावा है कि—
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इस विवाद के पीछे एक जमीन माफिया है
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उक्त व्यक्ति से उनकी पुरानी रंजिश चली आ रही है
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वही व्यक्ति पहले धोखाधड़ी (420) के मामले में जेल भी जा चुका है
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अब उसी के इशारे पर सुमित को मोहरा बनाकर उन्हें फंसाया जा रहा है
“एक ही जमीन तीन बार बेची गई”—कलीम का बड़ा आरोप
कलीम ने दावा किया कि विवादित भूमि को कंवरपाल पुत्र वीर सिंह ने अलग–अलग समय पर तीन व्यक्तियों को अलग-अलग दामों पर बेचा।
उन्होंने कहा कि इस जमीन पर पिछले कई वर्षों से अरशद खान का कब्जा है।
यदि जमीन वास्तव में पुरण सिंह को बेची गई थी, तो सुमित और उसका परिवार पहले अरशद खान से कब्जा मुक्त कराए।
“मेरा जमीन से कोई लेना-देना नहीं”—फर्जी मुकदमे का आरोप
कलीम ने साफ कहा कि—
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उनका इस भूमि से कोई संबंध नहीं है
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न वे कभी सुमित से मिले, न उसके परिवार से
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उनके खिलाफ झूठा मुकदमा दर्ज कराया जा रहा है
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एससी एक्ट का गलत इस्तेमाल किया जा रहा है
उन्होंने कहा कि यदि कोई सबूत या गवाह मौजूद हों तो जांच हो, लेकिन जब मुलाकात तक नहीं हुई तो आरोप किस आधार पर हैं।
प्रशासन से निष्पक्ष जांच की मांग
कलीम ने शासन–प्रशासन से इस पूरे मामले की निष्पक्ष और गहन जांच की मांग की है।
उनका कहना है कि जमीन से जुड़े दस्तावेजों, कब्जे की स्थिति और आरोपों की सच्चाई सामने आनी चाहिए ताकि निर्दोष को न्याय मिल सके।
निष्कर्ष
भगवानपुर क्षेत्र में पट्टे की भूमि को लेकर उठा यह विवाद अब केवल जमीन तक सीमित नहीं रहा, बल्कि सामाजिक और कानूनी टकराव का रूप ले चुका है।
एक ओर एससी एक्ट जैसे गंभीर आरोप हैं, तो दूसरी ओर साजिश और जमीन माफिया के दावे।
अब निगाहें प्रशासनिक जांच और पुलिस की निष्पक्ष कार्रवाई पर टिकी हैं, जिससे यह स्पष्ट हो सके कि मामला वास्तविक उत्पीड़न का है या फिर भूमि विवाद की आड़ में रची गई साजिश।



