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Chardham Yatra 2025: हेलीकॉप्टर हादसों का साया, एक माह बाद भी गंगनानी क्रैश की जांच अधूरी

चारधाम यात्रा के दौरान हेलीकॉप्टर सेवाओं पर सवाल — सुरक्षा व्यवस्था पस्त, जांच रिपोर्ट हवा में

देहरादून | 9 जून 2025 — उत्तराखंड की चारधाम यात्रा में हेलीकॉप्टर सेवाओं को लेकर एक बार फिर गंभीर सवाल उठ खड़े हुए हैं। उत्तरकाशी के गंगनानी में हुए हेलीकॉप्टर हादसे को एक महीना बीत चुका है, लेकिन अब तक सरकार को जांच रिपोर्ट नहीं सौंपी गई है। इस हादसे में पायलट सहित छह लोगों की मौत हो गई थी।

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने हादसे के तुरंत बाद उच्च स्तरीय जांच के आदेश दिए थे, मगर अभी तक न तो रिपोर्ट आई और न ही सुरक्षा उपायों में कोई ठोस बदलाव दिख रहा है।


लगातार हो रहे हादसे, लेकिन ठोस सुधार नदारद

चारधाम यात्रा के दौरान केदारनाथ, बदरीनाथ, गंगोत्री और हेमकुंड साहिब जैसे प्रमुख तीर्थ स्थलों के लिए हेलीकॉप्टर सेवाएं चलती हैं। लेकिन इस बार, अब तक चार हेलीकॉप्टर से जुड़ी घटनाएं सामने आ चुकी हैं:

  • उत्तरकाशी (गंगनानी): 8 मई को क्रैश, 6 मौतें

  • केदार घाटी: दो घटनाएं

  • बदरीनाथ के पास: एक हेलीकॉप्टर अनियंत्रित हुआ

इन सभी घटनाओं में एक बात सामान्य रही — सिंगल इंजन हेलिकॉप्टर, तकनीकी खराबियां, और उच्च हिमालयी क्षेत्रों में जोखिमपूर्ण मौसम।


जांच एजेंसियां मौन, रिपोर्ट गायब

गंगनानी हादसे की जांच डीजीसीए और विमान दुर्घटना जांच ब्यूरो (AAIB) की संयुक्त टीम कर रही है। लेकिन एक माह बीत जाने के बावजूद रिपोर्ट का कोई अता-पता नहीं है। हाल ही में डीजीसीए की टीम ने केदार घाटी के बड़ासू में इमरजेंसी लैंडिंग साइट का निरीक्षण किया, लेकिन निष्कर्ष साझा नहीं किया गया।


प्रशासन की प्रतिक्रिया

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा:

“हेलिकॉप्टर दुर्घटनाओं पर सरकार ने संज्ञान लिया है। सचिव, नागरिक उड्डयन को निर्देश दिए गए हैं कि हेलीकॉप्टर हादसों की शीघ्र समीक्षा बैठक बुलाई जाए।”


विपक्ष का आरोप: नियम ताक पर, श्रद्धालुओं की जान जोखिम में

कांग्रेस के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष गणेश गोदियाल ने तीखा हमला करते हुए कहा:

“एक माह में चार घटनाएं हो चुकी हैं और सरकार बेखबर है। हेलीकॉप्टर संचालन में नियमों की अनदेखी हो रही है, जो तीर्थयात्रियों की सुरक्षा के लिए खतरनाक है। जांच रिपोर्ट सार्वजनिक की जाए और इसकी निष्पक्षता सुनिश्चित हो।”


सवाल जो उठते हैं

  • हेलीकॉप्टर हादसों की जांच रिपोर्ट क्यों लटकी है?

  • सिंगल इंजन हेलिकॉप्टर को उच्च हिमालय में उड़ान की अनुमति क्यों दी जा रही है?

  • क्या डीजीसीए और राज्य सरकार यात्रियों की सुरक्षा को लेकर गंभीर हैं?


निष्कर्ष

चारधाम यात्रा में श्रद्धालुओं के लिए हेलीकॉप्टर सुविधा भले ही समय की बचत करे, लेकिन अगर सुरक्षा को प्राथमिकता नहीं दी गई तो यह सुविधा विनाश का कारण बन सकती है। हादसों की पारदर्शी जांच, सख्त निगरानी और आधुनिक तकनीक से लैस दोहरे इंजन वाले हेलीकॉप्टरों की जरूरत अब और टाली नहीं जा सकती।

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