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Cyber Fraud in Haridwar: WhatsApp से बिछाया जाल, Telegram से जोड़ा और खाते से उड़ाए 70 लाख

देहरादून, 23 सितंबर 2025

उत्तराखंड में साइबर ठगी का बड़ा मामला सामने आया है। हरिद्वार के एक बेरोजगार युवक को गूगल रिव्यू पर वेतन का झांसा देकर ठगों ने 70.31 लाख रुपये हड़प लिए। ठगों ने उसे पहले व्हाट्सएप पर मैसेज भेजा और फिर टेलीग्राम ग्रुप से जोड़कर धीरे-धीरे इतनी गहराई तक फंसा दिया कि उसने 40 लाख रुपये का कर्ज लेकर भी राशि ट्रांसफर कर दी। मामला साइबर क्राइम पुलिस स्टेशन में दर्ज हुआ है और पुलिस जांच में जुट गई है।


गूगल रिव्यू का लालच और ठगों का पहला जाल

हरिद्वार के सिडकुल निवासी विकास (काल्पनिक नाम) ने बताया कि 2 सितंबर 2025 को उन्हें व्हाट्सएप पर एक संदेश मिला। संदेश में दावा किया गया कि गूगल पर रिव्यू देने पर उन्हें अच्छा वेतन मिलेगा। बेरोजगार होने के कारण उन्होंने प्रस्ताव स्वीकार कर लिया। इसके बाद उन्हें टेलीग्राम लिंक के जरिए एक ग्रुप में जोड़ा गया।


टेलीग्राम पर नकली कंपनी का भ्रम

टेलीग्राम ग्रुप में खुद को सीएमई ग्रुप कंपनी की सदस्य बताने वाली इशिका पटेल ने विकास से 15,000 रुपये ट्रांसफर करने को कहा। फर्जी दस्तावेज और नकली वेबसाइट दिखाकर उन्हें यकीन दिलाया गया कि यह निवेश का काम है और इसमें 50% तक मुनाफा मिलेगा। जल्द ही उन्हें दूसरे ग्रुप में जोड़ा गया और नए-नए टास्क दिए जाने लगे।


निवेश से लेकर दबाव की रणनीति

शुरुआत में पीड़ित ने सोचा कि वह मुनाफा कमा लेंगे, लेकिन जैसे ही उन्होंने रकम निकालने की कोशिश की, ठगों ने नया बहाना बना दिया। कहा गया कि उनका क्रेडिट स्कोर कम है, इसलिए 8 लाख रुपये जमा करने होंगे। विकास ने यह राशि भी ट्रांसफर कर दी। इसके बाद टैक्स और अन्य शुल्क के नाम पर उनसे लगातार और धन मांगा जाने लगा।


40 लाख का लोन लेकर भी नहीं बच पाए

ठगों ने उन्हें चेतावनी दी कि यदि पैसे नहीं दिए तो उन पर कानूनी कार्रवाई होगी। इस डर से उन्होंने अपनी जीवनभर की जमा पूंजी और 40 लाख रुपये का लोन लेकर कुल 70.31 लाख रुपये ठगों के खातों में डाल दिए। इसके बाद जब कोई रकम वापस नहीं मिली तो उन्हें एहसास हुआ कि वह बड़े साइबर गिरोह के शिकार हो गए हैं।


साइबर क्राइम पुलिस की जांच शुरू

पीड़ित की तहरीर पर साइबर क्राइम पुलिस स्टेशन ने अज्ञात आरोपियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया है। पुलिस का कहना है कि मोबाइल नंबर, बैंक खातों और टेलीग्राम लिंक की जांच की जा रही है। प्राथमिक जांच में यह मामला अंतरराज्यीय या अंतरराष्ट्रीय गिरोह से जुड़ा होने की आशंका जताई जा रही है।


निष्कर्ष

हरिद्वार का यह मामला फिर साबित करता है कि साइबर ठग अब नए-नए प्लेटफॉर्म और मनोवैज्ञानिक दबाव का इस्तेमाल कर लोगों को फंसाते हैं। बेरोजगारी और ऑनलाइन कमाई की लालसा को हथियार बनाकर लाखों की ठगी की जाती है। साइबर विशेषज्ञों का कहना है कि ऐसे मैसेज और लिंक से सावधान रहें और किसी भी लालच या डर के दबाव में आर्थिक लेन-देन न करें।

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