देहरादून, 23 सितंबर 2025
देहरादून के बसंत विहार थाना क्षेत्र में सोमवार सुबह चाय बागान के जंगलों में 20 वर्षीय युवती का शव मिलने से सनसनी फैल गई। शव को कट्टे में भरकर झाड़ियों में फेंका गया था। पुलिस ने शव की पहचान प्रेमनगर निवासी विशाखा के रूप में की। मामले में संदेह उसके बड़े भाई विशाल पर गहराया है, जो घटना के बाद से फरार है।
मां को सुबह चार बजे आया कॉल, फिर मिली लाश की खबर
विशाखा की मां पहले से अस्पताल में भर्ती हैं, जबकि पिता लकवाग्रस्त होकर बिस्तर पर हैं। सोमवार तड़के सुबह करीब 4 बजे मां के पास बेटे विशाल का फोन आया। उसने कहा – “मम्मी, विशाखा चली गई है, किसी को बताना मत।” इसके बाद वह फरार हो गया।
करीब 10 बजे पुलिस ने परिवार को सूचना दी कि जंगल में विशाखा का शव मिला है। बेटी की मौत की खबर सुनकर पहले से बीमार मां बेहोश हो गईं। होश में आने पर उन्होंने पुलिस को बताया कि सुबह विशाल का फोन आया था। इस बयान के बाद पुलिस का शक और गहरा गया।
घर की जिम्मेदारी उठाती थी विशाखा
परिवार के रिश्तेदारों और ममेरे भाई रोहित के अनुसार, विशाखा पॉलिटेक्निक से पढ़ाई कर रही थी और घर की सबसे जिम्मेदार सदस्य थी। उसका सपना था कि पढ़ाई पूरी करके नौकरी कर परिवार को सहारा दे।
वहीं उसका भाई विशाल नशे का आदी है और काम-धंधा नियमित नहीं करता। कभी कंडक्टर तो कभी ड्राइवर का काम करने के कारण उसका परिवार के साथ विवाद चलता रहता था। भाई की गैर-जिम्मेदारी और गलत आदतों की वजह से भाई-बहन में अक्सर झगड़े होते थे।
पुलिस ने जताया शक, हत्या का मुकदमा दर्ज
सीओ सिटी मिश्रा ने बताया कि जांच में यह स्पष्ट है कि भाई-बहन के बीच पहले भी विवाद होते रहे हैं। आशंका है कि रविवार रात भी किसी विवाद के चलते विशाल ने विशाखा की हत्या कर दी।
मां ने सीधे तौर पर अपने बेटे विशाल पर ही हत्या का संदेह जताया है। ममेरे भाई रोहित कुमार की तहरीर पर बसंत विहार थाने में हत्या का मुकदमा दर्ज किया गया है। पुलिस ने आरोपी के संभावित ठिकानों पर दबिश शुरू कर दी है और जल्द गिरफ्तारी का दावा किया है।
चाय बागान में अपराधियों का अड्डा, स्थानीय लोग नाराज़
जहां शव मिला है, उस चाय बागान में पहले भी लाशें मिल चुकी हैं। स्थानीय लोगों का कहना है कि यह इलाका लंबे समय से असामाजिक तत्वों का अड्डा बना हुआ है।
नशे के आदी युवक अक्सर सुनसान जगह का फायदा उठाकर यहां बैठते हैं, जिससे राहगीरों को असुरक्षा का सामना करना पड़ता है। स्थानीय संगठनों ने फिर से मांग उठाई है कि इलाके में पुलिस पिकेट बनाया जाए, ताकि अपराधियों की गतिविधियों पर रोक लग सके।
निष्कर्ष
देहरादून में हुई इस सनसनीखेज वारदात ने न केवल एक परिवार को पूरी तरह तोड़ दिया है बल्कि शहर की सुरक्षा व्यवस्था पर भी गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। विशाखा जैसी जिम्मेदार बेटी की हत्या से परिवार असहाय हो गया है। पुलिस के लिए अब सबसे बड़ी चुनौती आरोपी भाई विशाल को पकड़कर हत्या की गुत्थी सुलझाना है, ताकि पीड़ित परिवार को न्याय मिल सके और इलाके में फैली दहशत खत्म हो।