तारीख: 9 अक्टूबर 2025 | स्थान: देहरादून, उत्तराखंड
रायपुर क्षेत्र के आंगनबाड़ी केंद्र में सड़े अंडे मिलने से फैली सनसनी
देहरादून के रायपुर क्षेत्र स्थित आंगनबाड़ी केंद्र में पौष्टिक आहार के नाम पर सड़े अंडे मिलने का मामला सामने आया है। यह वीडियो जैसे ही सोशल मीडिया पर वायरल हुआ, महिला सशक्तिकरण एवं बाल विकास विभाग में हड़कंप मच गया। बच्चों के स्वास्थ्य से जुड़ी इस गंभीर लापरवाही ने पूरे सिस्टम की कार्यप्रणाली पर सवाल खड़े कर दिए हैं।
सरकार की पौषण योजना पर उठे सवाल
बच्चों को कुपोषण से बचाने और स्वस्थ विकास सुनिश्चित करने के लिए सरकार ने पौषण आहार योजना शुरू की थी। इसके तहत दूध, अंडे और अन्य पोषक खाद्य पदार्थ वितरित किए जाते हैं। लेकिन रायपुर के इस केंद्र में जो सड़े अंडे भेजे गए, उन्होंने इस योजना की सच्चाई उजागर कर दी।
वीडियो वायरल, कार्यकर्ताओं ने अंडे लेने से किया इनकार
जानकारी के अनुसार, जब आंगनबाड़ी कार्यकर्ता अंडे लेने पहुंचीं तो सभी पेटियों से तेज बदबू आ रही थी। अंडे सड़े हुए थे, जिसके बाद कार्यकर्ताओं ने वितरण से साफ इनकार कर दिया। किसी ने इस पूरे घटनाक्रम का वीडियो बना लिया और सोशल मीडिया पर पोस्ट कर दिया। इसके बाद मामला तेजी से वायरल हो गया।
महिला सशक्तिकरण विभाग ने दिए जांच के आदेश
महिला सशक्तिकरण एवं बाल विकास विभाग के निदेशक बंशी लाल राणा ने कहा कि वीडियो का संज्ञान लिया गया है और जिला कार्यक्रम अधिकारी (डीपीओ) को जांच के निर्देश दे दिए गए हैं। उन्होंने कहा, “यदि पोषण आहार में किसी भी तरह की गड़बड़ी पाई जाती है, तो उसे तुरंत वापस किया जाएगा।”
कंपनी के नाम पर चुप्पी, अधिकारियों की भूमिका पर सवाल
विभागीय सूत्रों के अनुसार, पौषण सामग्री की आपूर्ति के लिए निजी कंपनियों से अनुबंध किया गया है। लेकिन अधिकारी यह बताने से बच रहे हैं कि अंडे किस कंपनी से सप्लाई किए गए थे। इस चुप्पी ने विभाग की कार्यशैली पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। नियमों के मुताबिक, यदि किसी सप्लायर की लापरवाही साबित होती है, तो अनुबंध तुरंत रद्द किया जाना चाहिए।
पहले भी एक्सपायरी दूध का मामला दबाया गया था
यह कोई पहला मामला नहीं है। इससे पहले दीपनगर क्षेत्र के एक आंगनबाड़ी केंद्र में एक्सपायरी दूध बांटे जाने की शिकायत सामने आई थी। तब भी जांच शुरू तो हुई, लेकिन कुछ ही दिनों में मामला दबा दिया गया। अब दोबारा “सड़े अंडों” की घटना ने विभाग की निष्पक्षता और जवाबदेही पर गहरी चोट पहुंचाई है।
बच्चों के स्वास्थ्य से खिलवाड़ असहनीय: स्थानीय लोगों में आक्रोश
इस घटना से स्थानीय अभिभावकों और सामाजिक संगठनों में गहरा रोष है। उनका कहना है कि गरीब बच्चों को मिलने वाले पौष्टिक आहार में इस तरह की लापरवाही बच्चों के स्वास्थ्य के साथ खिलवाड़ है। उन्होंने दोषी सप्लायर और अधिकारियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की है।
निष्कर्ष:
देहरादून के रायपुर क्षेत्र के आंगनबाड़ी केंद्र में सड़े अंडे मिलने की घटना ने उत्तराखंड की पौषण योजना पर बड़ा प्रश्नचिह्न लगा दिया है। पहले एक्सपायरी दूध और अब सड़े अंडे — दोनों ही घटनाएं यह दर्शाती हैं कि निगरानी तंत्र कितना कमजोर है। अब देखना यह होगा कि विभाग जांच में कितनी पारदर्शिता रखता है और क्या वाकई दोषियों पर कार्रवाई होती है या यह मामला भी पहले की तरह दबा दिया जाएगा।