देहरादून | तारीख: 27 जून 2025
उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने ‘The Emergency Diaries: The Year That Forged Our Leaders’ पुस्तक पर प्रतिक्रिया देते हुए इसे एक प्रेरणास्रोत और ऐतिहासिक दस्तावेज बताया है। उन्होंने कहा कि कुछ किताबें केवल पढ़ने के लिए नहीं होतीं, बल्कि वे आत्मा को स्पर्श करती हैं – यह पुस्तक उनमें से एक है।
“जब सच कहना था अपराध, तब कुछ लोग मशाल बनकर खड़े रहे”
सीएम धामी ने कहा कि इस पुस्तक के पन्नों में वह राजनीतिक अंधकार का दौर जीवंत हो उठता है, जब आपातकाल (1975-77) के दौरान विचारों की स्वतंत्रता पर पहरा था और सच बोलना अपराध माना जाता था।
“उस दौर में भी युवा नरेंद्र मोदी अपने विचारों की मशाल जलाए रखे। यह पुस्तक उनकी राजनीतिक और वैचारिक संघर्षों को सामने लाती है, जिसने उन्हें तपाकर एक ऐसा नेता बनाया जो आज भारत का नेतृत्व कर रहा है,” — पुष्कर सिंह धामी, मुख्यमंत्री, उत्तराखंड
नरेंद्र मोदी की छाया, लोकतंत्र की मशाल
मुख्यमंत्री ने कहा कि यह किताब न सिर्फ ऐतिहासिक घटनाओं की जानकारी देती है, बल्कि यह बताती है कि किस तरह से कठिन दौर नेताओं की असली पहचान बनाता है।
उन्होंने कहा कि पुस्तक उन युवाओं के लिए भी मार्गदर्शक है, जो लोकतंत्र, विचारों की आजादी और नेतृत्व के मूल्यों को समझना चाहते हैं।
पुस्तक का महत्व:
- राजनीतिक इतिहास की सजीव झलकियां
- आपातकाल के दौरान व्यक्तिगत साहस और प्रतिबद्धता की दास्तां
- नरेंद्र मोदी जैसे नेताओं की वैचारिक यात्रा की पृष्ठभूमि
- भारत की लोकतांत्रिक आत्मा को बचाने का संकल्प
सीएम का संदेश युवाओं के लिए
मुख्यमंत्री धामी ने प्रदेश के युवाओं से अपील की कि वे इस पुस्तक को पढ़ें और भारतीय लोकतंत्र के उन पलों को जानें, जब बोलने की आजादी पर ताले जड़ दिए गए थे।
उन्होंने कहा कि आज की आजादी उन संघर्षों की देन है, जिन्हें ऐसे असाधारण नेताओं ने जिया, और वही आज देश को दिशा दे रहे हैं।
‘The Emergency Diaries’ सिर्फ एक किताब नहीं, यह नरेंद्र मोदी और उनके जैसे अनगिनत नेताओं की आंतरिक आग और प्रतिबद्धता की झलक है।