देहरादून, 24 अगस्त: राजधानी देहरादून के प्रेमनगर इलाके में गंगोत्री बॉयज हॉस्टल के पास हुई फायरिंग की घटना का पुलिस ने खुलासा कर दिया है। इस मामले में पुलिस ने एक छात्र को गिरफ्तार कर लिया है और उसके कब्जे से तमंचा बरामद हुआ है। आरोपी छात्र बी-फार्मा तृतीय वर्ष का है। वहीं उसका साथी फरार चल रहा है, जिसकी तलाश में पुलिस दबिश दे रही है।
वर्चस्व की लड़ाई से भड़की फायरिंग
पुलिस जांच में सामने आया है कि आरोपी और पीड़ित पक्ष, दोनों ही उत्तरांचल यूनिवर्सिटी ऑफ टेक्नोलॉजी (यूआईटी) में पढ़ते हैं। विश्वविद्यालय में दो गुटों के बीच लंबे समय से वर्चस्व की लड़ाई चल रही थी। इसी विवाद के चलते रविवार को गंगोत्री बॉयज हॉस्टल के बाहर फायरिंग की घटना को अंजाम दिया गया।
घटना का खुलासा सीसीटीवी फुटेज से
वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक अजय सिंह ने बताया कि 24 अगस्त की सुबह हॉस्टल के बाहर कुछ युवकों ने फायर झोंका था। सूचना मिलते ही थानाध्यक्ष प्रेमनगर कुंदन राम पुलिस बल के साथ मौके पर पहुंचे।
घटनास्थल पर लगे सीसीटीवी कैमरों की फुटेज खंगालने और हॉस्टल संचालक साहिल ग्रेवाल (निवासी कमालपुर, छुटमलपुर, सहारनपुर) से पूछताछ के बाद पता चला कि हॉस्टल में रहने वाला छात्र वैभव तिवारी (निवासी वाराणसी) इस विवाद का प्रमुख केंद्र है। वैभव का विश्वविद्यालय के अन्य छात्रों से पुराना विवाद चल रहा था।
चार टीमों ने शुरू की तलाश
मामले की गंभीरता देखते हुए प्रेमनगर पुलिस ने चार अलग-अलग टीमें बनाई। जांच के दौरान आरोपितों की पहचान वेद भारद्वाज (निवासी फालेन, कोसीकलां, जनपद मथुरा) और विपुल (निवासी सहारनपुर) के रूप में हुई।
पुलिस ने दोनों के घरों में दबिश दी, लेकिन वे वहां नहीं मिले और अपने मोबाइल भी बंद कर दिए। आखिरकार सोमवार को पुलिस टीम ने वेद भारद्वाज को फन एंड फूड मार्ग से गिरफ्तार कर लिया। तलाशी में उसके पास से एक तमंचा भी बरामद हुआ।
फरार साथी की तलाश जारी
घटना में शामिल दूसरा आरोपी विपुल अब भी फरार है। पुलिस ने उसकी तलाश में कई जगह दबिश दी है और जल्द गिरफ्तारी की बात कही है।
पूछताछ में सामने आई चौंकाने वाली जानकारी
गिरफ्तार छात्र वेद भारद्वाज ने पूछताछ में कबूला कि विश्वविद्यालय में दो गुट बने हुए हैं। एक गुट में वे खुद, विपुल पंवार और अन्य छात्र हैं, जबकि दूसरे गुट में वैभव तिवारी और उसके साथी शामिल हैं।
गर्मियों की छुट्टियों से पहले ही दोनों पक्षों में वर्चस्व को लेकर टकराव हुआ था। नए सत्र की शुरुआत के बाद तनाव और बढ़ गया। इसी तनाव का परिणाम रविवार को फायरिंग के रूप में सामने आया, ताकि विरोधी गुट को डराया जा सके।