देहरादून में मनमानी फीस बढ़ाने वाला स्कूल चारों खाने चित्त, प्रशासन ने वसूला 5.72 लाख का जुर्माना
100 से अधिक अभिभावकों की शिकायत के बाद सामने आया मामला, स्कूल ने स्वीकार की गलती
देहरादून। राजधानी देहरादून में स्थित ‘द प्रेसिडेंसी इंटरनेशनल स्कूल’ को मनमानी फीस बढ़ोतरी करना भारी पड़ गया है। स्कूल पर 5.72 लाख रुपये का जुर्माना लगाया गया है, जिसे स्कूल प्रबंधन ने प्रशासन की सख्ती के बाद चेक के माध्यम से जमा कर दिया है। साथ ही, स्कूल ने अब फीस में कटौती का वादा करते हुए जिला प्रशासन को पत्र भी सौंपा है।
भनियावाला स्थित इस निजी स्कूल के खिलाफ 100 से अधिक अभिभावकों ने शिकायत दर्ज कराई थी। अभिभावकों का आरोप था कि स्कूल ने बिना किसी सूचना या स्वीकृति के अचानक फीस बढ़ा दी, जिससे उन्हें आर्थिक परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। मामले की गंभीरता को देखते हुए जिलाधिकारी सविन बंसल ने मुख्य विकास अधिकारी (सीडीओ) अभिनव शाह को जांच की जिम्मेदारी सौंपी।
प्रशासन ने जब स्कूल प्रबंधन को बार-बार तलब किया, तो प्रबंधन की ओर से कोई उपस्थिति नहीं दर्ज की गई। इसके बाद शिक्षा विभाग को निर्देशित कर स्कूल की मान्यता से संबंधित दस्तावेजों की जांच शुरू कराई गई। जांच में यह खुलासा हुआ कि स्कूल की मान्यता मार्च 2025 में समाप्त हो चुकी है, और अब तक नवीनीकरण के लिए कोई आवेदन भी नहीं किया गया है।
बिना मान्यता के स्कूल संचालित करना एक गंभीर प्रशासनिक उल्लंघन है। इसी आधार पर जिला प्रशासन ने स्कूल पर 5.72 लाख रुपये का जुर्माना लगाया। साथ ही स्पष्ट चेतावनी दी गई कि यदि तय समय सीमा में जुर्माना नहीं भरा गया, तो भूराजस्व अधिनियम के तहत रिकवरी सर्टिफिकेट (RC) जारी कर संपत्ति की कुर्की और नीलामी तक की कार्रवाई की जा सकती है।
प्रशासन के कड़े रुख को देखते हुए अंततः स्कूल प्रबंधन ने झुकते हुए यह जुर्माना अदा कर दिया और आश्वासन दिया कि वे भविष्य में इस तरह की लापरवाही नहीं दोहराएंगे। स्कूल ने फीस में कमी का भी वादा किया है और इसका आधिकारिक पत्र जिला प्रशासन को सौंपा गया है।
यह मामला न केवल निजी स्कूलों की जवाबदेही को उजागर करता है, बल्कि यह भी दिखाता है कि संगठित अभिभावक प्रयास और प्रशासनिक कार्रवाई किस प्रकार आम लोगों के हितों की रक्षा कर सकती है। अब उम्मीद की जा रही है कि अन्य स्कूल भी इस मामले से सबक लेंगे और शिक्षा के नाम पर मनमानी वसूली से बचेंगे।