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Delhi-Dehradun Expressway: एलिवेटेड रोड के खंभों को मिलेगी अतिरिक्त सुरक्षा

देहरादून, 24 सितंबर 2025

दिल्ली-देहरादून एक्सप्रेसवे पर बने 12 किलोमीटर लंबे एलिवेटेड रोड के खंभों को अब और मजबूत सुरक्षा कवच मिलने जा रहा है। भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (NHAI) ने भारी बारिश और बाढ़ जैसी आपदाओं से बचाव के लिए पिलरों पर 8 मीटर तक की जैकेटिंग करने का निर्णय लिया है।


क्यों उठाया गया यह कदम?

गणेशपुर से डाटकाली तक बने इस एलिवेटेड रोड के खंभे इस मानसून में पूरी तरह सुरक्षित साबित हुए। लेकिन, 15 सितंबर की रात हुई अभूतपूर्व बारिश ने 100 साल का रिकॉर्ड तोड़ दिया।
इस दौरान देहरादून की नदियां उफान पर रहीं और पानी के साथ बड़े-बड़े बोल्डर व पेड़ बहकर आए। बावजूद इसके, रोड के खंभों पर कोई असर नहीं हुआ।

भविष्य में संभावित खतरों को देखते हुए पिलरों को और अधिक सुरक्षित करने का यह फैसला लिया गया है।


पिलरों पर होगा स्टील जैकेटिंग का कवच

NHAI के अधिकारियों के अनुसार, पानी के सीधे बहाव में आने वाले 24 से 30 पिलरों को चिन्हित किया गया है। इन पर 2, 4 और 8 मीटर तक की ऊंचाई पर स्टील जैकेटिंग की जाएगी।

  • खंभों पर पहले ड्रिल कर सरिया डाला जाएगा।

  • बाहर से सरियों का मजबूत जाल तैयार किया जाएगा।

  • बाढ़ के दौरान यदि बोल्डर टकराते हैं तो उनका बल जाल पर ही रुक जाएगा।

क्योंकि यह परियोजना अभी ठेकेदार के अधीन है और लोकार्पण होना बाकी है, ऐसे में अतिरिक्त खर्च भी नहीं आएगा


ऑपरेशन सिंदूर में हो चुका है सफल ट्रायल

परियोजना निदेशक पंकज मौर्य ने बताया कि हाल ही में ऑपरेशन सिंदूर के दौरान भारतीय सेना ने युद्ध अभ्यास के लिए इस पुल का इस्तेमाल किया था। उस समय करीब 100 भारी सैन्य वाहन एकसाथ एलिवेटेड रोड से गुजरे।
यह परीक्षण एलिवेटेड रोड की मजबूती और सुरक्षा की पुष्टि करता है।


फिलहाल यातायात का संचालन एलिवेटेड रोड से

हाल ही में आई आपदा के कारण मोहंड क्षेत्र के पास दिल्ली-देहरादून राजमार्ग का एक हिस्सा धंस गया था। इसके बाद से पूरे राजमार्ग पर यातायात संचालन केवल एलिवेटेड रोड से ही किया जा रहा है


निष्कर्ष

दिल्ली-देहरादून एक्सप्रेसवे उत्तर भारत की सबसे आधुनिक परियोजनाओं में से एक है। मानसून की चुनौतियों के बावजूद इसकी मजबूती साबित हो चुकी है। अब NHAI द्वारा पिलरों को अतिरिक्त सुरक्षा देने की योजना इसे भविष्य की आपदाओं में और भी सुरक्षित बनाएगी।
इससे न केवल यात्रियों की सुरक्षा सुनिश्चित होगी, बल्कि परियोजना पर जनता का विश्वास भी और मजबूत होगा।

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