नई दिल्ली, 12 अगस्त 2025। लोकसभा में विपक्ष के नेता और कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने चुनाव आयोग की ओर से ‘वोट चोरी’ विवाद में शपथपत्र पर हस्ताक्षर की मांग पर कड़ा रुख अपनाया। मीडिया से बातचीत में राहुल गांधी ने कहा, “मैं शपथपत्र पर हस्ताक्षर क्यों करूं? यह उनका (चुनाव आयोग का) डेटा है, मेरा नहीं। उन्हें यह अपनी वेबसाइट से लेना चाहिए। यह सिर्फ ध्यान भटकाने की कोशिश है।”
राहुल गांधी ने आरोप लगाया कि ‘वोट चोरी’ का मामला केवल बेंगलुरु तक सीमित नहीं है, बल्कि देश के कई निर्वाचन क्षेत्रों में हुआ है। उन्होंने कहा, “चुनाव आयोग आज कुछ छिपाने की कोशिश कर रहा है, लेकिन एक दिन सच सामने आकर रहेगा। यह लड़ाई राजनीतिक नहीं, बल्कि संविधान और एक व्यक्ति एक वोट के अधिकार की है। कर्नाटक में हमने साफ दिखा दिया कि यह मल्टीपल मैन, मल्टीपल वोट का मामला था।”
विपक्षी मार्च में पुलिस की रोक
सोमवार को विपक्षी सांसदों ने कथित ‘वोट चोरी’ और बिहार में मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (SIR) के खिलाफ संसद से चुनाव आयोग मुख्यालय तक मार्च निकाला। लेकिन पुलिस ने संसद मार्ग पर ही रोक दिया और बाद में सभी को हिरासत में ले लिया।
कांग्रेस महासचिव केसी वेणुगोपाल ने कहा, “पुलिस और सरकार हमें 30 सेकंड भी मार्च नहीं करने दे रही। देश में कैसा लोकतंत्र है, जहां सांसदों को चुनाव आयोग तक जाने की आजादी नहीं है?”
रणदीप सुरजेवाला का नारा
हिरासत में लिए जाने के बाद कांग्रेस सांसद रणदीप सुरजेवाला ने कहा, “क्या जेल की सलाखें राहुल गांधी और विपक्ष को रोक पाएंगी? अब नारा है — ‘बोल रहा है पूरा देश, वोट हमारा छू के देख’। देश की जनता ने मोदी सरकार और चुनाव आयोग की साझेदारी को नकार दिया है।”
‘चुनाव आयोग, चुराव आयोग नहीं बन सकता’
कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने आरोप लगाया कि संसद के बाहर लोकतंत्र पर हमला किया जा रहा है। उन्होंने कहा, “चुनाव आयोग को चुनाव आयोग ही रहना चाहिए, वह ‘चुराव आयोग’ नहीं बन सकता।”
राजनीतिक हलकों में यह विवाद अब और गरमाता दिख रहा है, क्योंकि विपक्ष ने साफ किया है कि वह इस मुद्दे पर पीछे हटने वाला नहीं है, वहीं चुनाव आयोग पर पारदर्शिता बनाए रखने का दबाव लगातार बढ़ रहा है।