नई दिल्ली/देहरादून, 21 जून 2025 | शिक्षा न्यूज़ डेस्क
इंदिरा गांधी राष्ट्रीय मुक्त विश्वविद्यालय (IGNOU) ने राष्ट्रीय शिक्षा नीति (NEP) 2020 को लागू करते हुए उच्च शिक्षा को मातृभाषा में उपलब्ध कराने की दिशा में ऐतिहासिक कदम उठाया है। अब छात्र हिंदी और उड़िया भाषा में भी MBA (Master of Business Administration) की पढ़ाई कर सकेंगे। यह पहल उन लाखों छात्रों के लिए वरदान साबित होगी जो अब तक भाषा की बाधा के कारण मैनेजमेंट जैसे व्यावसायिक पाठ्यक्रमों से दूरी बनाए हुए थे।
IGNOU ने हिंदी और उड़िया में लॉन्च किया MBA
IGNOU के क्षेत्रीय केंद्र देहरादून के निदेशक डॉ. अनिल कुमार डिमरी ने जानकारी दी कि विश्वविद्यालय ने हिंदी और उड़िया में MBA पाठ्यक्रम शुरू करने की आधिकारिक घोषणा कर दी है। आने वाले कुछ ही हफ्तों में यह पाठ्यक्रम ऑनलाइन और प्रिंट फॉर्मेट में छात्रों के लिए उपलब्ध होगा।
“हमारा उद्देश्य भाषा की बाधाओं को हटाकर देश के हर कोने में समान और गुणवत्तापूर्ण व्यावसायिक शिक्षा पहुंचाना है,” – डॉ. डिमरी
कैसे तैयार हुआ पाठ्यक्रम?
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AICTE (अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद) और IGNOU के संयुक्त प्रयास से यह पाठ्यक्रम विकसित किया गया है।
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अंग्रेजी में पहले से मौजूद पाठ्यक्रम को AICTE के AI-आधारित अनुवाद टूल ‘अनुवादिनी’ की मदद से हिंदी और उड़िया में अनुवादित किया गया है।
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अनुवाद प्रक्रिया में विषय विशेषज्ञों, भाषाविदों और तकनीकी विशेषज्ञों की टीम ने सटीकता और व्यावसायिक शब्दावली का विशेष ध्यान रखा है।
पाठ्यक्रम की गुणवत्ता और मूल्यांकन प्रणाली समान
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IGNOU ने स्पष्ट किया है कि हिंदी और उड़िया में शुरू किए गए इस MBA प्रोग्राम की गुणवत्ता, क्रेडिट सिस्टम और मूल्यांकन प्रणाली वही रहेगी, जो अंग्रेजी पाठ्यक्रम में लागू होती है।
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यह सुनिश्चित करता है कि सभी छात्रों को एक समान शैक्षणिक अनुभव मिले, चाहे वे किसी भी भाषा में अध्ययन करें।
भविष्य की योजना: और भी भाषाओं में जल्द आएगा MBA
डॉ. डिमरी ने जानकारी दी कि विश्वविद्यालय अब अन्य 10 प्रमुख भारतीय भाषाओं – तमिल, तेलुगु, कन्नड़, पंजाबी, बंगाली, मराठी, गुजराती, मलयालम, उर्दू और असमिया – में भी MBA पाठ्यक्रम शुरू करने की योजना पर कार्य कर रहा है।
यह क्यों है खास?
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NEP 2020 का प्रमुख उद्देश्य क्षेत्रीय भाषाओं में उच्च शिक्षा को बढ़ावा देना है।
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यह पहल गांवों, कस्बों और गैर-अंग्रेजी माध्यम से पढ़े छात्रों के लिए उच्च शिक्षा को अधिक सुलभ बनाएगी।
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यह छात्रों को उनकी मातृभाषा में प्रबंधन जैसे विषयों को समझने और आत्मविश्वास से पेशेवर दुनिया में आगे बढ़ने का मौका देगा।
उत्तराखंड और देशभर के छात्रों के लिए बड़ा अवसर
उत्तराखंड जैसे राज्य, जहां बड़ी संख्या में छात्र हिंदी माध्यम से शिक्षा प्राप्त करते हैं, उनके लिए यह एक सुनहरा अवसर है। अब मैनेजमेंट की पढ़ाई और करियर की उड़ान भाषा के कारण नहीं रुकेगी।