नैनीताल, 28 अगस्त 2025
बुधवार देर रात नैनीताल के मल्लीताल स्थित ऐतिहासिक ओल्ड लंदन हाउस में भीषण आग लग गई। करीब तीन घंटे तक लपटों से जूझने के बाद दमकल कर्मियों ने आग पर काबू पाया, लेकिन इस बीच 86 वर्षीय बुजुर्ग महिला शांता बिष्ट की जिंदा जलकर मौत हो गई।
रात 10 बजे मची अफरातफरी
घटना बुधवार रात करीब 9:54 बजे की है। मोहल्ले में मोबाइल की दुकान चलाने वाले विनोद कुमार वर्मा ने सबसे पहले धुआं और आग की लपटें देखीं। उन्होंने तुरंत फायर ब्रिगेड को सूचना दी। देखते ही देखते लकड़ी के बने इस पुराने भवन में आग तेजी से फैल गई और पूरे इलाके में अफरा-तफरी मच गई।
दरवाजे पर बचे थे चीख-पुकार के निशान
आग लगने के दौरान शांता बिष्ट का बेटा निखिल, जो बरामदे में मौजूद था, बाहर निकल आया। प्रत्यक्षदर्शियों के मुताबिक वह लगातार “हाय मेरी मां” चिल्लाते हुए बेसुध हो रहा था। निखिल फिल्मों से जुड़े रहे हैं और फिल्म बर्फी में बतौर आर्ट डायरेक्टर काम कर चुके हैं। कुछ साल पहले वह अपनी मां की देखरेख के लिए नैनीताल लौटे थे।
तीन घंटे की मशक्कत, फिर भी नहीं बची जान
आग की सूचना मिलते ही पुलिस, जल संस्थान और दमकल विभाग की टीम मौके पर पहुंची। भीमताल, रामनगर, ऊधमसिंह नगर और रानीखेत से फायर टेंडर मंगाए गए। लगभग 40 से अधिक कर्मचारी रातभर राहत-बचाव कार्य में जुटे रहे। देर रात करीब एक बजे आग पर 90% काबू पाया गया और इसी दौरान घर के अंदर से शांता बिष्ट का शव बरामद हुआ।
1863 में बना था ओल्ड लंदन हाउस
जिस भवन में यह हादसा हुआ वह 1863 में निर्मित ऐतिहासिक इमारत है। अंग्रेजों के समय में यहां ब्रिटिश अधिकारी रहते थे। लकड़ी से बने इस घर में आग तेजी से फैल गई और आग बुझाने में भारी मुश्किलें आईं।
पानी की सप्लाई में देरी बनी बड़ी वजह
मौके पर मौजूद लोगों ने आरोप लगाया कि अग्निशमन विभाग की टीम देर से पहुंची। जबकि फायर स्टेशन घटनास्थल से केवल 500 मीटर की दूरी पर है। प्रारंभिक वाहन में पानी कम था और जब हाइड्रेंट से पानी लेने की कोशिश हुई तो पाइपलाइन से पानी नहीं आया। करीब 45 मिनट बाद जल संस्थान ने सप्लाई चालू की, तब जाकर आग पर काबू पाने की प्रक्रिया शुरू हुई।
प्रशासन का बयान
शैलेंद्र नेगी, एडीएम नैनीताल ने बताया कि “आग लगने की सूचना मिलते ही नियंत्रण कक्ष को अलर्ट कर दिया गया था। जल संस्थान के पंप खोले गए और आसपास से फायर टेंडर बुलाए गए। आग पर नियंत्रण पा लिया गया है, लेकिन दुर्भाग्य से एक महिला की जान नहीं बचाई जा सकी।”