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NCRB रिपोर्ट 2024: उत्तराखंड में महिला अपराधों में 12% की कमी, साइबर क्राइम और दहेज हत्या के मामलों में भी आई गिरावट — पुलिस की सतर्कता और त्वरित कार्रवाई बनी बड़ी वजह, बच्चों की बरामदगी में भी मिला सफलता का रिकॉर्ड

 तिथि: सोमवार, 6 अक्टूबर 2025
 स्थान: देहरादून, उत्तराखंड


एनसीआरबी रिपोर्ट में उत्तराखंड की सकारात्मक तस्वीर

राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो (NCRB) की वर्ष 2024 की ताज़ा रिपोर्ट में उत्तराखंड राज्य ने अपराध नियंत्रण के क्षेत्र में उल्लेखनीय प्रगति दर्ज की है।
रिपोर्ट के अनुसार, महिलाओं के खिलाफ अपराधों में 12 प्रतिशत की कमी आई है, जो प्रदेश पुलिस के लगातार प्रयासों का परिणाम है।


महिला अपराधों में उल्लेखनीय गिरावट

वर्ष 2022 में महिलाओं से जुड़े 4,337 मामले दर्ज हुए थे।
2023 में यह संख्या घटकर 3,808 रह गई, जबकि 2024 में और कमी आई और 3,342 मामले ही सामने आए।
आंकड़ों से यह स्पष्ट है कि पिछले तीन वर्षों में महिला अपराधों में लगातार गिरावट देखी जा रही है।


हत्या और दहेज हत्या के मामलों में कमी

पुलिस मुख्यालय, सरदार पटेल भवन देहरादून में आयोजित प्रेस वार्ता के दौरान
पुलिस महानिरीक्षक (अपराध एवं कानून व्यवस्था) डॉ. नीलेश आनंद भरणे ने बताया कि
महिलाओं की हत्या के मामलों में 2023 की तुलना में 1.75% की कमी दर्ज हुई है — वर्ष 2024 में केवल 56 मामले सामने आए।
वहीं, दहेज हत्या के मामलों में 20% की गिरावट दर्ज की गई है, जो राज्य के सामाजिक सुधार की दिशा में एक सकारात्मक संकेत है।


अपहरण और दुष्कर्म मामलों में उच्च अनावरण दर

वर्ष 2024 में महिलाओं से जुड़े 530 अपहरण के मामले दर्ज किए गए, जिनमें से 94 प्रतिशत मामलों का अनावरण पुलिस ने कर लिया है।
इसी तरह, दुष्कर्म के मामलों में 98 प्रतिशत मामलों का समाधान किया गया — जो राष्ट्रीय स्तर पर भी एक सराहनीय उपलब्धि है।


साइबर अपराधों में आई 13 प्रतिशत की कमी

उत्तराखंड पुलिस द्वारा साइबर अपराधों को रोकने के लिए चलाए जा रहे जागरूकता अभियानों का भी असर दिखा है।
रिपोर्ट के अनुसार, वर्ष 2024 में साइबर यौन अपराधों में 13% की कमी दर्ज की गई है।
राज्य की साइबर सेल लगातार मॉनिटरिंग, ट्रैकिंग और त्वरित कार्रवाई के ज़रिए ऐसे मामलों में सक्रिय भूमिका निभा रही है।


बच्चों के गुमशुदा मामलों में भी सराहनीय कार्य

एनसीआरबी रिपोर्ट 2023 के अनुसार, उत्तराखंड में वर्ष 2023 में कुल 1025 बच्चे गुमशुदा हुए — जिनमें 729 बालिकाएं और 296 बालक शामिल थे।
पुलिस ने वर्ष के अंत तक 933 बच्चों को सुरक्षित बरामद कर लिया।
वर्तमान में शेष 92 में से 77 बच्चों को भी खोज लिया गया है, जो राज्य की पुलिस की कार्यकुशलता को दर्शाता है।


हत्या और अन्य अपराधों में भी कमी

रिपोर्ट में बताया गया कि राज्य में हत्या के मामलों में 2.14% की गिरावट आई है।
आर्म्स एक्ट के तहत दर्ज अपराधों में उत्तराखंड देश में दूसरे स्थान पर है, जबकि चोरी गई संपत्ति की बरामदगी दर 52.4% है — जो राष्ट्रीय औसत 31.4% से कहीं अधिक है।


 निष्कर्ष: जागरूकता और तत्पर पुलिसिंग से बदल रहा उत्तराखंड

एनसीआरबी की रिपोर्ट यह दर्शाती है कि उत्तराखंड ने कानून-व्यवस्था, महिला सुरक्षा और साइबर अपराध नियंत्रण के क्षेत्र में उल्लेखनीय प्रगति की है।
लगातार अभियानों, तकनीकी सुदृढ़ता और जन-जागरूकता के चलते राज्य में अपराध दर में कमी आई है।
पुलिस विभाग ने यह भी दोहराया है कि महिला सुरक्षा, बाल संरक्षण और डिजिटल अपराध नियंत्रण उनकी प्राथमिकता में सबसे ऊपर रहेगा।

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