नई दिल्ली, 19 अगस्त 2025
केंद्र सरकार ने ऑनलाइन रियल मनी गेमिंग प्लेटफॉर्म को विनियमित करने की दिशा में बड़ा कदम उठाया है। मंगलवार को केंद्रीय मंत्रिमंडल ने इससे जुड़े विधेयक को मंजूरी दे दी। सूत्रों के अनुसार यह विधेयक बुधवार को संसद में पेश किया जा सकता है।
कैबिनेट की मंजूरी, संसद में पेश होने की तैयारी
सूत्रों ने जानकारी दी कि कैबिनेट ने उन ऑनलाइन गेमिंग प्लेटफॉर्म्स पर सख्त कानून लाने का फैसला लिया है, जिनमें वास्तविक धन का लेनदेन होता है। सरकार का मानना है कि इस तरह के गेम्स युवाओं में मानसिक स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं बढ़ा रहे हैं और साथ ही धन शोधन, धोखाधड़ीपूर्ण वित्तीय लेनदेन और साइबर अपराध को भी बढ़ावा दे रहे हैं।
क्यों जरूरी पड़ा नया कानून?
अभी तक ऑनलाइन मनी गेमिंग पर निगरानी का जिम्मा मुख्य रूप से राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के पास है। वे जुआ और सट्टेबाजी से जुड़े मामलों में कार्रवाई करते हैं। लेकिन कई गेमिंग कंपनियां खुद को “कौशल का खेल” बताकर कानून के दायरे से बाहर निकलने की कोशिश करती रही हैं। यही कारण है कि केंद्र सरकार ने अब इसे राष्ट्रीय स्तर पर विनियमित करने की तैयारी की है।
मद्रास हाईकोर्ट का बड़ा फैसला
जून 2025 में मद्रास हाईकोर्ट ने प्ले गेम्स 24X7, हेड डिजिटल वर्क्स, जंगली गेम्स और अन्य कंपनियों की याचिका को खारिज कर दिया था। इन कंपनियों ने तमिलनाडु सरकार द्वारा लगाए गए प्रतिबंध को चुनौती दी थी। अदालत ने कहा था कि राज्य सरकार को सार्वजनिक स्वास्थ्य को ध्यान में रखते हुए ऐसे कानून बनाने का अधिकार है और “कौशल” व “संयोग” वाले खेलों को अलग करने का तर्क स्वीकार्य नहीं है।
तमिलनाडु सरकार की चिंता
तमिलनाडु सरकार ने अदालत को बताया था कि वास्तविक धन से जुड़े ऑनलाइन गेम राज्य में गंभीर मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य संकट पैदा कर रहे हैं। विशेषज्ञ समिति की रिपोर्ट में यह भी सामने आया था कि कई मामलों में ऑनलाइन गेमिंग की लत के कारण आत्महत्याएं हुईं।
अदालत की टिप्पणी
रियल मनी गेमिंग कंपनियों ने अपनी दलीलों में कहा था कि केंद्र के आईटी नियम 2021 में इनके लिए पर्याप्त सुरक्षा उपाय दिए गए हैं। हालांकि अदालत ने स्पष्ट किया कि यह नियम पूरी तरह से लागू नहीं हुए हैं और राज्य सरकारों को स्वास्थ्य संबंधी जोखिमों को देखते हुए कानून बनाने की पूरी शक्ति है।
फिलहाल क्या हैं नियम?
वर्तमान में ऑनलाइन मनी गेमिंग पर नियंत्रण जीएसटी खुफिया महानिदेशालय और सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम, 2000 के तहत किया जा रहा है। इसके अलावा आईजीएसटी अधिनियम, 2017 के प्रावधान भी इन पर लागू होते हैं।
केंद्र सरकार ने 2022 से जून 2025 तक ऑनलाइन सट्टेबाजी और जुआ प्लेटफॉर्म्स को रोकने के लिए कुल 1,524 आदेश जारी किए हैं।
निष्कर्ष
केंद्र का यह नया विधेयक ऑनलाइन रियल मनी गेमिंग प्लेटफॉर्म्स पर नियंत्रण को लेकर एक एकीकृत और सख्त ढांचा तैयार करेगा। अब सबकी निगाहें बुधवार को संसद पर होंगी, जब यह विधेयक पेश किया जाएगा।