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Pahalgam Attack: एनआईए का बड़ा खुलासा, क्यों बना बायसरन घाटी आतंकी निशाना?

श्रीनगर, 28 अगस्त 2025

जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में 22 अप्रैल को हुए भीषण आतंकी हमले को लेकर राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने बड़ा खुलासा किया है। एनआईए की रिपोर्ट के अनुसार आतंकियों ने बायसरन घाटी को इसलिए चुना क्योंकि यह पर्यटकों से भरा रहने वाला इलाका है और सुरक्षा के लिहाज से अपेक्षाकृत अलग-थलग पड़ता है।


22 अप्रैल का खूनी हमला

इस हमले में आतंकियों ने 26 निर्दोष लोगों की बेरहमी से हत्या कर दी थी। जांच में सामने आया कि लश्कर-ए-तैयबा से जुड़े तीन पाकिस्तानी आतंकी इस हमले में सीधे शामिल थे। बाद में सुरक्षाबलों ने इन तीनों आतंकियों को मुठभेड़ में मार गिराया।


क्यों चुनी गई बायसरन घाटी?

एनआईए ने बताया कि बायसरन घाटी, जिसे ‘मिनी स्विट्जरलैंड’ कहा जाता है, पर्यटकों के बीच बेहद लोकप्रिय है। यहां पर पिकनिक स्पॉट, खाने-पीने की दुकानें और टट्टू सवारी जैसी गतिविधियां अधिक चलती रहती हैं। सुरक्षा बलों की तुरंत पहुंच यहां मुश्किल होती है, इसलिए आतंकियों ने इसे आसान और बड़ा निशाना समझा।


स्थानीय मददगारों की गिरफ्तारी

जांच एजेंसी ने जून में परवेज अहमद जोठार और बशीर अहमद जोठार नामक दो स्थानीय लोगों को गिरफ्तार किया। दोनों पर आतंकियों को पनाह देने, खाने-पीने की सामग्री और अन्य रसद उपलब्ध कराने का आरोप है। इनकी गिरफ्तारी के बाद साफ हुआ कि पूरी साजिश पाकिस्तान में रची गई थी।


ऑपरेशन सिंदूर: आतंकियों पर सटीक प्रहार

हमले के बाद भारतीय सेना ने सात मई को ‘ऑपरेशन सिंदूर’ चलाकर पाकिस्तान स्थित लश्कर-ए-तैयबा और जैश-ए-मोहम्मद के ठिकानों को निशाना बनाया। इस कार्रवाई में कुल नौ आतंकवादी ठिकानों को तबाह किया गया।


ऑपरेशन महादेव: आतंकी ढेर

आगे की कार्रवाई में सुरक्षाबलों ने 28 जुलाई को श्रीनगर के बाहरी इलाके में ‘ऑपरेशन महादेव’ के तहत तीनों पाकिस्तानी आतंकियों को ढेर कर दिया। ये आतंकी हमले के बाद से डाचीगाम-हरवन के जंगलों में छिपे हुए थे।


पाकिस्तान की भूमिका पर सवाल

एनआईए ने अपनी रिपोर्ट में साफ कहा है कि यह हमला पाकिस्तान में बैठे आतंकी संगठनों की योजना के तहत किया गया था। बायसरन घाटी में हुए हमले का मकसद भारत की छवि खराब करना और पर्यटकों में दहशत फैलाना था।


 यह खबर अब साफ करती है कि पहलगाम हमला कोई सामान्य आतंकी वारदात नहीं बल्कि पाकिस्तान से रची गई एक गहरी साजिश थी।

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