BREAKING

Pahalgam Attack Victims: ये सिसकियां कलेजा चीर देंगी! उन परिवारों की कहानी, जो खुशियां ढूंढने गए, गम लेकर लौटे

बायसरन घाटी में कोई शादी के बाद नई जिंदगी के लिए सपने सजा रहा था तो कोई अपने जीवन के कैनवास में यादों के रंग भर रहा था। इस बीच आतंकियों की कायराना हरकत ने सारे सपनों और उम्मीदों को तोड़ दिया। आइए जानते हैं हमले में अपनों को गंवाने वाले परिवारों की कहानी…।

मन में खुशियां थीं… बायसरन घाटी में कोई शादी के बाद नई जिंदगी के लिए सपने सजा रहा था तो कोई अपने जीवन के कैनवास में यादों के रंग भर रहा था। इस बीच आतंकियों की कायराना हरकत ने सारे सपनों और उम्मीदों को तोड़ दिया। जीवन की सबसे अच्छी यादों में खुशियों की जगह खून के रंग भरने लगे। कुछ देर पहले तक जिस माहौल में हंसी थीं, वहां चीत्कार गूंजने लगी। गोलियों की आवाज के बीच सिसकियां और जान बचाने की गुहार थी। आतंकियों की गोलियों की बौछार के बीच जब उनके अपने दम तोड़ने लगे तो बस जुबां से यही निकला कि… हमें बख्श दो। पीड़ितों की सिसकियां और मायूसी आतंक के मंजर को बयां कर रही हैं। आइए जानते हैं उन परिवारों की कहानी, जिनकी इस हमले में खुशियां खो गईं…
आतंकी हमले में हरियाणा के 26 वर्षीय विनय नरवाल की भी मौत हो गई। नौसेना अधिकारी विनय नरवाल की 16 अप्रैल को शादी हुई थी। 19 अप्रैल को विनय अपनी पत्नी हिमांशी के साथ पहलगाम घूमने गए थे। नवदंपती अपनी नई जिंदगी के सपनों को बुन रहे थे। मगर आतंकियों की एक गोली ने हिमांशी का सब कुछ खत्म कर दिया। सोशल मीडिया पर वायरल तस्वीर में पति की लाश के पास हिमांशी गुमसुम बैठीं हैं। आंखों में मायूसी है और मन खामोश है। अपने सुहाग को खोने का गम ऐसा है कि बार-बार पूछती है कि आखिर हमारा कसूर क्या था?

‘आज मेरा पोता गया, कल किसी और का जाएगा’

लेफ्टिनेंट विनय नरवाल के दादा हवा सिंह ने मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी से कहा कि सीएम साहब, मेरा आपसे निवेदन है कि आरोपियों को सख्त से सख्त सजा दिलाओ। मैं प्रधानमंत्री मोदी से भी प्रार्थना करता हूं कि इस उग्रवाद को खत्म कराओ, आज मेरा पोता गया है कल को किसी और घर का चिराग भी ये बुझाएंगे। अच्छा नहीं होगा।
हमले में कानपुर के रहने वाले शुभम द्विवेदी की भी मौत हो गई। परिवार के साथ छुट्टियां मनाने गए शुभम के परिवार ने भी न सोचा था कि वे अपने लाडले को खो देंगे। शुभम की शादी दो महीने पहले ही हुई थी। आतंकियों के सामने पत्नी ऐशन्या अपने सुहाग को बचाने के लिए गिड़गिड़ाती रही। उसने खूब हाथ जोड़े। दहशत भरे माहौल में बंदूक के आगे उसने कई मिन्नतें कीं। मगर आंखों के सामने पति की गोली मारकर हत्या देख आंखें फटी की फटी रह गईं। पति की मौत के बाद बदहवास ऐशन्या बार-बार अपने हाथों की मेंहदी देखकर सिसक पड़ती हैं।
हमले में शिवमोगा जिले का व्यापारी मंजूनाथ राव को भी आतंकियों ने गोली मार दी। मंजूनाथ की पत्नी पल्लवी ने बताया कि मैं, पति और बच्चे के साथ कश्मीर की ट्रिप पर 19 तारीख को आई थी। आज पहलगाम आए थे और हम मिनी स्विट्जरलैंड प्वाइंट पर पहुंचे थे। इसी बीच हमको गोली चलने की आवाज सुनाई दी। हमको लगा यह आर्मी की ड्रिल है। जब हमने मुड़कर देखा तो सभी लोग भाग रहे थे। इसी बीच मेरे पति को गोली मार दी और उनकी मौत हो गई। पल्लवी ने बताया कि जिस आतंकी ने मेरे पति को मारा मैंने और मेरे बेटे ने उसको बोला कि हमको भी मारो, तो उसने बोला कि मोदी को जाकर बोलो।
Pahalgam Terror Attack: Broken dreams, lost happiness, sobbing people saying - please forgive us

 

हमले में इंदौर के वीणा नगर निवासी सुशील नथानियल भी जान गंवा बैठे। सुशील अपनी पत्नी जेनिफर, बेटे आस्टन और बेटी आकांक्षा के साथ चार दिन पहले ही कश्मीर घूमने पहुंचे थे। सुशील नथानियल के भाई विकास ने बताया कि आतंकियों ने पहले सुशील को घुटनों के बल बैठाया और कलमा पढ़ने को मजबूर किया। जब उन्होंने खुद को ईसाई बताया, तो आतंकियों ने उन पर गोलियों की बौछार कर दी। इस हमले में सुशील की बेटी आकांक्षा को पैर में गोली लगी है। हमले के दौरान सुशील ने अपनी पत्नी जेनिफर को छिपा दिया और खुद सामने आकर खड़े हो गए, जिससे उनकी पत्नी की जान बच सकी।
Pahalgam Terror Attack: Broken dreams, lost happiness, sobbing people saying - please forgive us

 

पिता और चाचा की लाश देख टूटीं असावरी
महाराष्ट्र की असावरी जगदाले भी उनमें से एक हैं, जिन्होंने अपने पिता और चाचा को हमले में खो दिया। असावरी बताती हैं कि हमलावरों ने उनके पिता से शायद कलमा (इस्लामिक आयत) सुनाने को कहा। वे नहीं सुना सके। आतंकियों ने उन्हें सिर, कान के पीछे और पीठ में तीन गोलियां मारीं। चाचा के साथ भी कुछ ऐसा ही हुआ। आतंकियों के जाने के बाद जब असावरी ने पिता और चाचा की लाश देखी तो बुरी तरह टूट गईं।

पता नहीं था यह आखिरी बात होगी
पहलगाम हमले में अमेरिका में काम करने वाले अमेरिकी भारतीय बितान अधिकारी की मौत हो गई। वे आठ अप्रैल को अपनी पत्नी सोहिनी और अपने तीन वर्षीय बेटे के साथ अमेरिका से छुट्टियों में कोलकाता स्थित अपने घर आए थे। वे पिछले सप्ताह कश्मीर गए थे और गुरुवार को वापस लौटने वाले थे। मगर बितान अधिकारी को आतंकियों ने गोली मार दी।

बितान के पिता ने बताया कि वह हम सबको साथ ले जाना चाहता था। लेकिन मैंने उसे बहू के साथ जाने को कहा। मैंने उससे बात भी की थी। बितान के भाई ने कहा कि मैंने आज सुबह अपने छोटे भाई से बात की। उसने मुझे बताया कि कश्मीर से लौटने के बाद हम आस-पास ही लंबी छुट्टियां मनाने की योजना बनाएंगे। हमें नहीं पता था कि यह आखिरी बार होगा जब हम बात करेंगे। बितान की पत्नी और बेटा सुरक्षित हैं और सरकार उन्हें घर वापस लाने की कोशिश कर रही है। पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ने बितान की पत्नी से फोन पर बात की और उन्हें भरोसा दिलाया कि उनकी सरकार उनके साथ है।

Pahalgam Terror Attack: Broken dreams, lost happiness, sobbing people saying - please forgive us

 

खुफिया ब्यूरो के अधिकारी की भी गई जान
हमले में हैदराबाद में तैनात खुफिया ब्यूरो (आईबी) के अधिकारी मनीष रंजन की भी मौत हो गई। मनीष बिहार निवासी थे। वह छुट्टी मनाने के लिए परिवार के साथ पहलगाम गए थे। आईबी के सूत्रों से मिली प्राथमिक जानकारी के मुताबिक, उन्हें उनकी पत्नी  और बच्चे के सामने गोली मारी गई। मनीष रंजन पिछले दो वर्षों से आईबी के हैदराबाद कार्यालय के मंत्री अनुभाग में कार्यरत थे।

मध्य रेलवे के सीनियर सेक्शन इंजीनियर की भी हत्या की
हमले में मारे गए एक अन्य मृतक की पहचान ठाणे निवासी अतुल मोने (45) के रूप में हुई है। अतुल मध्य रेलवे के कर्मचारी थे। 45 वर्षीय मैकेनिकल इंजीनियर अतुल वर्ष 2000 में मध्य रेलवे में जूनियर इंजीनियर के पद पर भर्ती हुए थे। परेल वर्कशॉप में सीनियर सेक्शन इंजीनियर के रूप में काम कर रहे थे। डोंबिवली में रहने वाले मोने इस सप्ताह की शुरुआत में अपने परिवार और दोस्तों के साथ जम्मू-कश्मीर घूमने गए थे।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *