स्थान: देहरादून, उत्तराखंड
तारीख: 7 सितंबर 2025
उत्तराखंड के विद्यालयी शिक्षा विभाग में प्रधानमंत्री पोषण योजना (PM Poshan Scheme) के तहत ₹3.18 करोड़ से अधिक की भारी वित्तीय गड़बड़ी का खुलासा हुआ है। शिक्षा मंत्री डॉ. धन सिंह रावत ने मामले की गंभीरता को देखते हुए इसकी जांच विशेष जांच दल (SIT) को सौंपने की मंजूरी दे दी है।
शिकायत से लेकर SIT तक पहुंचा मामला
शिक्षा विभाग को देहरादून स्थित पीएम पोषण प्रकोष्ठ में वित्तीय अनियमितता की शिकायत मिली थी। विभागीय जांच के दौरान एक उपनल (UPNL) कर्मचारी को दोषी पाया गया, जिसने कथित रूप से सरकारी धन का गबन किया।
जांच रिपोर्ट अपर शिक्षा निदेशक, गढ़वाल मंडल की अध्यक्षता में तैयार कर शासन को सौंप दी गई है, जिसमें इस घोटाले की पूरी रूपरेखा सामने आई है।
2023 से 2026 तक चला घोटाला, डीईओ सहित कई अधिकारी फंस सकते हैं
विभागीय जांच में खुलासा हुआ कि यह गबन वर्ष 2023-24 से 2025-26 के बीच किया गया। पीओएस खातों से नियमों को ताक पर रखकर ऑनलाइन ट्रांजेक्शन के माध्यम से धनराशि अलग-अलग खातों में ट्रांसफर की गई।
- मुख्य आरोपी: उपनल कर्मचारी, डीईओ (बेसिक), देहरादून कार्यालय
- जांच के घेरे में: 6 जिला शिक्षा अधिकारी (बेसिक), वित्त एवं लेखाधिकारी सहित अन्य अधिकारी
इन सभी पर उत्तराखंड सरकारी सेवक (अनुशासन एवं अपील) अधिनियम के तहत कार्रवाई की तैयारी की जा रही है।
कैसे हुआ ₹3.18 करोड़ का गबन?
शिक्षा विभाग के अनुसार, बिना जांच के पीएम पोषण योजना से जुड़ी धनराशि को अन्य खातों में ऑनलाइन ट्रांसफर कर दिया गया। ऐसा लंबे समय तक चलता रहा और किसी स्तर पर निगरानी या ऑडिट नहीं किया गया।
बिना जिम्मेदार अधिकारियों की जानकारी के इतनी बड़ी धनराशि का स्थानांतरण संभव नहीं था, जिससे तत्कालीन अधिकारियों की लापरवाही और मिलीभगत की भी आशंका जताई जा रही है।
शिक्षा मंत्री ने दिए सख्त निर्देश
शिक्षा मंत्री डॉ. धन सिंह रावत ने स्पष्ट किया कि इस प्रकार की लापरवाही राज्यहित और बच्चों के पोषण जैसे संवेदनशील विषय के साथ बड़ा खिलवाड़ है। उन्होंने कहा कि:
“अब से वित्तीय और गोपनीय कार्यों की जिम्मेदारी केवल स्थायी, प्रशिक्षित और जवाबदेह कर्मियों को ही सौंपी जाएगी। दोषियों को किसी हाल में बख्शा नहीं जाएगा।”
SIT करेगी तह तक जांच, जल्द होगी गिरफ्तारी की संभावना
अब यह मामला SIT के सुपुर्द किया गया है। SIT इस पूरे घोटाले की कड़ी से कड़ी जोड़ते हुए जांच करेगी कि कहां-कहां से धन निकाला गया और किन खातों में गया।
जांच एजेंसी को उम्मीद है कि इस प्रकरण में और भी नाम सामने आ सकते हैं। जल्द ही कानूनी कार्रवाई और गिरफ्तारी भी हो सकती है।
विशेष सूचना:
प्रधानमंत्री पोषण योजना का उद्देश्य बच्चों को स्वस्थ और संतुलित भोजन देना है। यदि आप किसी भी स्कूल या अधिकारी द्वारा इस योजना के तहत लापरवाही या भ्रष्टाचार होते देखें, तो तुरंत अपनी शिकायत नजदीकी ब्लॉक शिक्षा कार्यालय या साइबर हेल्पलाइन 1930 पर दर्ज कराएं।
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