देहरादून/हरिद्वार, 23 सितंबर 2025
उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग (UKSSSC) की स्नातक स्तरीय परीक्षा पेपर लीक प्रकरण में पुलिस की बड़ी कार्रवाई सामने आई है। सोमवार को बहन साबिया की गिरफ्तारी के बाद अब मास्टरमाइंड और अभ्यर्थी खालिद को भी पुलिस ने पकड़ लिया है। पुलिस ने खालिद को हरिद्वार जिले के लक्सर क्षेत्र से हिरासत में लेकर देहरादून रवाना कर दिया है।
तीन दिन से था फरार, लक्सर से मिली जानकारी
मुख्य आरोपी खालिद पिछले तीन दिनों से फरार चल रहा था। पुलिस को लक्सर इलाके में उसके होने की सूचना मिली थी। सूचना के आधार पर पहुंची टीम ने खालिद को धर दबोचा। एसएसपी अजय सिंह ने गिरफ्तारी की पुष्टि करते हुए बताया कि प्रारंभिक पूछताछ में मामला पेपर लीक से जुड़ा नहीं लग रहा, बल्कि यह परीक्षा में चीटिंग का मामला प्रतीत हो रहा है।
मोबाइल पर प्रतिबंध के बावजूद फोटो कैसे खींचा गया?
इस पूरे मामले में सबसे बड़ा सवाल यही है कि जब आयोग ने परीक्षा केंद्रों में मोबाइल और इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस पर सख्त प्रतिबंध लगाया था, तो आखिरकार प्रश्नपत्र की फोटो कैसे खींची गई। क्या आरोपी खालिद को अंदर से किसी ने मदद की? जांच एजेंसियां इस बिंदु पर फोकस कर रही हैं।
445 परीक्षा केंद्रों पर लगे जैमर साबित हुए नाकाम
यूकेएसएसएससी ने इस बार सभी 445 परीक्षा केंद्रों पर जैमर लगाए थे ताकि पेपर बाहर न जा सके। लेकिन ये जैमर तकनीकी रूप से 5-जी नेटवर्क रोकने में सक्षम नहीं थे। विशेषज्ञों के मुताबिक, ये केवल 4-जी नेटवर्क तक सीमित थे। जबकि प्रदेश के अधिकांश शहरों में 5-जी नेटवर्क संचालित हो रहा है। यही वजह रही कि पेपर की फोटो खींचकर बाहर भेजना संभव हो पाया।
जांच में तकनीकी खामी भी उजागर
सूत्रों के अनुसार, यह जैमर इलेक्ट्रॉनिक्स कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड (ECIL) की ओर से लगाए गए थे। आयोग ने पहले केवल संवेदनशील केंद्रों पर जैमर लगाए थे, लेकिन इस बार पूरे प्रदेश में व्यापक स्तर पर लगाए गए। बावजूद इसके, सुरक्षा व्यवस्था ध्वस्त साबित हुई और पेपर बाहर जाने से आयोग की साख पर सवाल खड़े हो गए।
निष्कर्ष
खालिद की गिरफ्तारी के साथ ही पुलिस ने इस प्रकरण की गुत्थी सुलझाने की दिशा में एक और अहम कदम बढ़ा दिया है। हालांकि, अब तक की जांच में यह मामला संगठित पेपर लीक गिरोह से जुड़ा नहीं पाया गया है, लेकिन जैमर की नाकामी और सुरक्षा इंतजामों पर गंभीर सवाल उठ खड़े हुए हैं। आयोग और पुलिस दोनों ही अब इस बात की तह तक जाने की कोशिश कर रहे हैं कि आखिरकार प्रतिबंधों के बावजूद परीक्षा का प्रश्नपत्र बाहर कैसे गया।