देहरादून, 28 सितंबर 2025
उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग (UKSSSC) की 21 सितंबर को हुई स्नातक स्तरीय परीक्षा पेपर लीक प्रकरण में फंस गई है। इस मामले ने प्रदेश के हजारों युवाओं का भविष्य अधर में डाल दिया है। विरोध तेज़ है और युवा लगातार CBI जांच की मांग कर रहे हैं। इसी बीच मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने रविवार को प्रेसवार्ता कर इस मुद्दे पर अपनी स्पष्ट प्रतिक्रिया दी।
SIT कर रही है जांच, दोषी नहीं बचेंगे: CM धामी
भाजपा प्रदेश कार्यालय में पत्रकारों से बातचीत करते हुए सीएम धामी ने कहा कि पेपर लीक मामले में राज्य सरकार बेहद गंभीर है। “कोई भी आरोपी बख्शा नहीं जाएगा। हमने SIT गठित कर दी है और जो भी इसमें शामिल होगा, उसे सजा अवश्य मिलेगी,” सीएम ने कहा।
80 हजार से अधिक छात्र हुए प्रभावित
सीएम धामी ने बताया कि स्नातक स्तरीय परीक्षा में 80 हजार से ज्यादा छात्रों ने भाग लिया था। उन्होंने सवाल उठाया कि “अगर पेपर लीक हुआ तो यह केवल चुनिंदा लोगों तक कैसे पहुंचा? किसने और क्यों यह साजिश की?” उन्होंने कहा कि SIT इन्हीं बिंदुओं की गहराई से जांच कर रही है।
CBI जांच पर क्या बोले मुख्यमंत्री?
जब पत्रकारों ने सीबीआई जांच की मांग पर सवाल किया तो सीएम धामी ने कहा कि सरकार को किसी भी जांच एजेंसी से परहेज नहीं है। “फिलहाल SIT जांच कर रही है, पहले उसे पूरा होने दें। अगर ज़रूरत पड़ी और छात्रों के हित में होगा, तो हम CBI जांच कराने से भी पीछे नहीं हटेंगे,” उन्होंने साफ कहा।
विपक्ष के सवाल और सरकार की चुनौती
इस मामले को लेकर विपक्ष सरकार पर दबाव बनाए हुए है और युवाओं के साथ खड़ा होने का दावा कर रहा है। कांग्रेस समेत अन्य दल लगातार मांग कर रहे हैं कि जांच सीधे हाईकोर्ट की निगरानी में CBI से कराई जाए। वहीं सरकार का कहना है कि पहले SIT जांच पूरी करे, उसके बाद आगे का निर्णय लिया जाएगा।
निष्कर्ष
UKSSSC पेपर लीक मामला अब प्रदेश की सबसे बड़ी राजनीतिक और सामाजिक बहस बन गया है। जहां एक ओर युवा अपने भविष्य को लेकर चिंतित और सड़कों पर प्रदर्शन कर रहे हैं, वहीं सरकार दोषियों को सख्त सजा देने का आश्वासन दे रही है। मुख्यमंत्री धामी के इस बयान से स्पष्ट है कि सरकार किसी भी विकल्प से पीछे नहीं हटेगी, चाहे SIT हो या CBI। अब देखना होगा कि जांच से क्या सच सामने आता है और आखिरकार दोषियों को कब तक सजा मिलती है।