देहरादून, 23 सितंबर 2025
उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग (UKSSSC) की स्नातक स्तरीय परीक्षा एक बार फिर विवादों में है। प्रश्नपत्र की फोटो बाहर आने से परीक्षार्थियों और अभिभावकों के बीच सवालों का दौर शुरू हो गया है। जबकि आयोग ने साफ किया है कि यह मामला सिर्फ एक केंद्र और एक अभ्यर्थी से जुड़ा है, इसलिए परीक्षा रद्द नहीं की जाएगी।
पेपर का बाहर आना बना पहेली
पेपर की तस्वीरें सोशल मीडिया पर आने के बाद यह साफ हो गया कि परीक्षा केंद्रों में लगाए गए जैमर पूरी तरह नाकाम साबित हुए। बड़ा सवाल यह है कि जब परीक्षा केंद्रों में मोबाइल और सभी इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस पर सख्त प्रतिबंध था, तो आखिरकार आरोपी अभ्यर्थी खालिद ने फोटो खींचकर बाहर कैसे भेज दी।
आयोग ने माना परीक्षा कक्ष से खींची गई फोटो
आयोग ने अपने पर्यवेक्षक की रिपोर्ट के आधार पर यह स्वीकार किया है कि प्रश्नपत्र की फोटो परीक्षा कक्ष के भीतर से ही खींचकर भेजी गई। अब सबसे अहम प्रश्न यह है कि खालिद के पास मोबाइल अंदर कैसे पहुंचा। क्या इसमें कोई अंदरूनी सहयोग भी शामिल था?
खालिद अब भी फरार, पुलिस तलाश में जुटी
पुलिस का कहना है कि पेपर की फोटो भेजने का आरोपी खालिद अभी तक फरार है। उसकी तलाश में लगातार दबिश दी जा रही है। वहीं आयोग भी इस बात की जांच कर रहा है कि आरोपी को किसी अन्य व्यक्ति की मदद मिली थी या नहीं।
आयोग का रुख: परीक्षा रद्द नहीं होगी
आयोग के सचिव डॉ. शिव कुमार बरनवाल ने स्पष्ट किया कि इस मामले को पेपर लीक नहीं कहा जा सकता। उनके अनुसार, “यह घटना सिर्फ एक केंद्र पर हुई है। संभावना है कि किसी ने आरोपी की मदद की हो, लेकिन अभी कहना जल्दबाजी होगी।” उन्होंने यह भी जोड़ा कि परीक्षा रद्द नहीं होगी और आगे की जांच पुलिस के सहयोग से की जाएगी।
जांच के घेरे में सुरक्षा व्यवस्था
आयोग द्वारा सभी 445 परीक्षा केंद्रों पर जैमर लगाए गए थे, लेकिन विशेषज्ञों का कहना है कि ये सिर्फ 4-जी नेटवर्क तक सीमित थे और 5-जी नेटवर्क को रोकने में सक्षम नहीं। इस तकनीकी खामी के कारण भी प्रश्नपत्र की तस्वीरें बाहर आना संभव हुआ।
निष्कर्ष
UKSSSC की परीक्षा एक बार फिर सवालों के घेरे में है। मोबाइल प्रतिबंध और सख्त जांच व्यवस्था के बावजूद प्रश्नपत्र की तस्वीरें बाहर आना आयोग की तैयारियों की पोल खोलता है। अब सबकी निगाहें पुलिस की जांच पर टिकी हैं कि आखिर खालिद ने इतनी पाबंदियों के बावजूद पेपर की फोटो कैसे भेजी और क्या इसमें किसी अंदरूनी व्यक्ति का हाथ था।