तारीख: 14 नवंबर 2025
स्थान: देहरादून
उत्तराखंड में भूकंप से बचाव और आपदा प्रबंधन की तैयारियों को परखने के लिए 15 नवंबर को पूरे राज्य में व्यापक स्तर पर मॉक ड्रिल आयोजित की जाएगी। इस संदर्भ में राज्य आपातकालीन परिचालन केंद्र में गुरुवार को महत्वपूर्ण बैठक आयोजित की गई, जिसमें अभ्यास को और अधिक प्रभावी बनाने के लिए कई सुझाव दिए गए।
डिजिटल ट्विन तकनीक से होगी मॉक ड्रिल और बेहतर
राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (NDMA) के सदस्य डॉ. डी.के. असवाल ने बैठक में कहा कि मॉक ड्रिल के दौरान डिजिटल ट्विन तकनीक का प्रयोग किया जाना चाहिए।
यह तकनीक किसी स्थान, भवन या क्षेत्र की वर्चुअल प्रति (डिजिटल कॉपी) तैयार करती है, जिसे वास्तविक परिस्थितियों के परीक्षण के लिए सुरक्षित रूप से इस्तेमाल किया जा सकता है।
उनका कहना था कि मॉक ड्रिल एक ऐसा अवसर है जिसमें—
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क्षमता का परीक्षण
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संसाधनों का मूल्यांकन
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आपदा स्थितियों में टीमवर्क
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प्रतिक्रिया की तीव्रता
को परखा जा सकता है।
उत्तराखंड की संवेदनशीलता को देखते हुए जरूरी है तैयारी
डॉ. असवाल ने माना कि उत्तराखंड भौगोलिक दृष्टि से एक आपदा-संवेदनशील राज्य है।
इसलिए समुदायों का प्रशिक्षण, निरंतर अभ्यास और आधुनिक तकनीक का उपयोग अत्यंत महत्वपूर्ण है।
उन्होंने सुझाव दिया कि भविष्य की सभी मॉक ड्रिल में डिजिटल ट्विन तकनीक को शामिल किया जाना चाहिए, ताकि बिना जोखिम वास्तविक परिस्थिति की सटीक समझ मिल सके।
सभी जिलों की भूकंप तैयारियों का परीक्षण लक्ष्य
राज्य आपदा प्रबंधन सलाहकार समिति के उपाध्यक्ष विनय कुमार रुहेला ने कहा कि आपदाओं से सीखना ही सबसे महत्वपूर्ण है।
अगर सीख को लागू कर लिया जाए तो बड़ी से बड़ी आपदा का सामना भी प्रभावी तरीके से किया जा सकता है।
आपदा प्रबंधन सचिव विनोद कुमार सुमन के अनुसार, इस भूकंप मॉक ड्रिल का उद्देश्य प्रदेश के सभी जिलों की तैयारियों का आकलन करना है, ताकि वास्तविक भूकंप की स्थिति में त्वरित और प्रभावी प्रतिक्रिया दी जा सके।
भूदेव ऐप डाउनलोड करने के निर्देश
बैठक में बताया गया कि IIT रुड़की और यूएसडीएमए द्वारा विकसित ‘भूदेव’ ऐप राज्य के लिए एक बड़ी तकनीकी उपलब्धि है।
यह ऐप भूकंप आने पर मोबाइल फोन में तुरंत अलर्ट भेजेगा।
आपदा प्रबंधन सचिव ने निर्देश दिए कि मॉक ड्रिल में शामिल सभी अधिकारी और कर्मचारी अपने-अपने मोबाइल में इस ऐप को अनिवार्य रूप से डाउनलोड करें।
इन परिस्थितियों पर आधारित होगी मॉक ड्रिल
मॉक ड्रिल में विभिन्न संभावित आपदा स्थितियों का अभ्यास कराया जाएगा—
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बहुमंजिला आवासीय भवन का ढह जाना
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अस्पताल भवन का आंशिक क्षतिग्रस्त होना
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स्कूल और कॉलेज भवन के क्षतिग्रस्त होने से विद्यार्थियों का फंसना
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बड़े पैमाने पर रेस्क्यू ऑपरेशन का अभ्यास
निष्कर्ष
15 नवंबर को होने वाली यह मॉक ड्रिल उत्तराखंड के लिए एक महत्वपूर्ण अभ्यास है, जो न केवल तकनीकी तैयारी को मजबूत करेगी, बल्कि आपदा की वास्तविक स्थिति में प्रशासन की प्रतिक्रिया क्षमता का भी परीक्षण करेगी।
आधुनिक डिजिटल ट्विन तकनीक और भूदेव ऐप जैसी पहलें राज्य की आपदा प्रबंधन व्यवस्था को और सशक्त बनाने की दिशा में बड़े कदम साबित होंगी।


