देहरादून | शनिवार, 9 नवंबर 2025
उत्तराखंड राज्य स्थापना के रजत जयंती वर्ष पर शनिवार को देहरादून में ऐतिहासिक और भावनात्मक माहौल देखने को मिला। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कचहरी परिसर स्थित शहीद स्थल और पुलिस लाइन में आयोजित बड़े समारोहों में राज्य आंदोलनकारियों को नमन किया, शहीदों के परिजनों को सम्मानित किया और कई महत्वपूर्ण घोषणाएं कीं।
शहीद स्थल पर श्रद्धांजलि, पुलिस लाइन में सम्मान समारोह
सीएम धामी ने सुबह देहरादून कचहरी परिसर शहीद स्थल पर राज्य आंदोलनकारी शहीदों को पुष्पांजलि अर्पित की।
इसके बाद पुलिस लाइन देहरादून में आयोजित राज्य आंदोलनकारी सम्मान समारोह में उन्होंने शहीदों के परिजनों और आंदोलनकारियों को सम्मानित किया।
समारोह के दौरान आकाश से हेलिकॉप्टर द्वारा पुष्प वर्षा भी की गई, जिसने पूरे स्थल को श्रद्धा के रंगों से भर दिया।
“उत्तराखंड का निर्माण संघर्ष और तप की धरोहर” — सीएम धामी
सीएम धामी ने कहा कि उत्तराखंड का गठन केवल एक प्रशासनिक निर्णय नहीं था, बल्कि यह उन हजारों लोगों के बलिदान, समर्पण और संघर्ष की परिणति है जिन्होंने राज्य आंदोलन में सब कुछ दांव पर लगा दिया।
उन्होंने खटीमा, मसूरी और रामपुर तिराहा की त्रासद घटनाओं को राज्य के इतिहास के अमर अध्याय बताया।
सीएम ने कहा कि राज्य सरकार आंदोलनकारियों के सम्मान को हमेशा सर्वोच्च प्राथमिकता देगी और उनके लिए चलाई जा रही पेंशन योजनाएं केवल सहायता नहीं, बल्कि कृतज्ञता का प्रतीक हैं।
मुख्यमंत्री ने की बड़ी घोषणाएं
1. शहीदों के नाम पर प्रमुख सुविधाओं का नामकरण
राज्य आंदोलन में शहीद हुए पर्वत पुत्रों के सम्मान में उनके क्षेत्रों की प्रमुख अवस्थापना सुविधाओं का नामकरण किया जाएगा।
2. जेल गए या घायल आंदोलनकारियों की पेंशन बढ़ाकर 7,000 रुपये
राज्य आंदोलन के दौरान 7 दिन जेल गए या घायल हुए आंदोलनकारियों की पेंशन
6,000 रुपये से बढ़ाकर 7,000 रुपये प्रतिमाह की जाएगी।
3. अन्य श्रेणी के आंदोलनकारियों की पेंशन 5,500 रुपये
जेल या घायल श्रेणी से अलग अन्य आंदोलनकारियों की पेंशन
4,500 रुपये से बढ़ाकर 5,500 रुपये प्रतिमाह की जाएगी।
4. पूर्णतः शय्याग्रस्त आंदोलनकारियों की पेंशन 30,000 रुपये
राज्य आंदोलन के दौरान विकलांग होकर पूरी तरह बिस्तर पर पड़े आंदोलनकारियों की पेंशन
20,000 रुपये से बढ़ाकर 30,000 रुपये प्रतिमाह की जाएगी।
साथ ही उनकी देखभाल हेतु मेडिकल अटेंडेंट उपलब्ध कराया जाएगा।
5. शहीद आंदोलनकारियों के आश्रितों की पेंशन 5,500 रुपये
राज्य आंदोलन के दौरान शहीद हुए आंदोलनकारियों के आश्रितों को दी जाने वाली पेंशन
3,000 रुपये से बढ़ाकर 5,500 रुपये प्रतिमाह की जाएगी।
6. लंबित आवेदन पत्रों के निस्तारण हेतु समय बढ़ाया गया
आंदोलनकारियों के चिन्हीकरण के लिए जिलाधिकारी कार्यालयों में 2021 तक लंबित आवेदनों के
निस्तारण के लिए 6 माह का अतिरिक्त समय दिया जाएगा।
7. सभी शहीद स्मारकों का सौंदर्यीकरण
प्रदेश भर में मौजूद सभी शहीद स्मारकों का सौंदर्यीकरण किया जाएगा, ताकि भावी पीढ़ियाँ इस इतिहास को स्मरण रख सकें।
निष्कर्ष
रजत जयंती समारोह ने राज्य आंदोलन के उन अध्यायों को फिर जीवंत कर दिया जिन्होंने उत्तराखंड को अस्तित्व दिया।
मुख्यमंत्री धामी की घोषणाओं से न केवल शहीदों और आंदोलनकारियों का सम्मान बढ़ा है, बल्कि यह संदेश भी गया कि राज्य सरकार उनके संघर्ष को हमेशा सर्वोपरि मानेगी।
पेंशन वृद्धि, सुविधाओं का विस्तार और स्मारकों के पुनरोद्धार से आंदोलनकारियों को वास्तविक सम्मान मिलने की दिशा में बड़ा कदम उठाया गया है।


