30 जुलाई तक सभी बूथों पर BLA तैनात करने का लक्ष्य, फ्रंटल संगठनों को भी किया गया एक्टिव
देहरादून – उत्तराखंड में कांग्रेस ने पंचायत चुनाव को लेकर अपनी रणनीति तेज कर दी है। पार्टी इसे सिर्फ स्थानीय निकाय चुनाव नहीं, बल्कि 2027 विधानसभा चुनाव का सेमीफाइनल मान रही है। इसी लक्ष्य को ध्यान में रखते हुए राज्यभर में बूथ स्तर तक संगठन को मज़बूत किया जा रहा है।
कांग्रेस बूथ लेवल एजेंट (BLA) की तैनाती, फ्रंटल संगठनों के गठन और जमीनी कार्यकर्ताओं को सक्रिय करने के मिशन पर निकल चुकी है। पार्टी का फोकस इस बार बूथ जीतो – चुनाव जीतो की नीति पर केंद्रित है।
रणनीति के मुख्य बिंदु:
- 30 जुलाई तक सभी बूथों पर BLA की तैनाती
- युवक कांग्रेस, महिला कांग्रेस, एनएसयूआई और सेवादल की बूथ इकाइयों का गठन
- संगठन को पंचायत चुनाव के बहाने ग्राम स्तर तक पहुंचाने की रणनीति
- प्रदेश कांग्रेस कमेटी ने BLA-1 और BLA-2 का नेटवर्क तैयार करना शुरू कर दिया है
- ब्लॉक और मंडल स्तर के बाद अब फोकस सीधे बूथों पर
हाईकमान खुद ले रहा फीडबैक
पार्टी के प्रदेश सह प्रभारी सुरेंद्र शर्मा इन तैयारियों की सीधे निगरानी कर रहे हैं। वह उत्तराखंड में लगातार दौरे कर रहे हैं और हर जिले में बैठकें लेकर फीडबैक ले रहे हैं। सुरेंद्र शर्मा वही नेता हैं जिन्हें अमेठी लोकसभा में राहुल गांधी की सांगठनिक टीम को मज़बूती देने का ज़िम्मा भी मिल चुका है।
कांग्रेस की मंशा: तीसरी हार से पहले ज़मीन मजबूत
भाजपा द्वारा लगातार दो बार विधानसभा चुनाव जीतने के बाद, कांग्रेस इस बार अपनी जमीन फिर से तैयार करने के मूड में है। संगठन का मानना है कि पंचायत चुनाव में ग्रामीण मतदाताओं तक सीधी पहुंच बनाकर वे अगले चुनाव के लिए माहौल तैयार कर सकते हैं।
प्रदेश कांग्रेस के वरिष्ठ उपाध्यक्ष सूर्यकांत धस्माना ने कहा:
“बीएलए की नियुक्तियों के जरिए हम हर बूथ तक संगठन का विस्तार कर रहे हैं। हमारा लक्ष्य 2027 नहीं, उससे पहले की तैयारी है।”
वहीं प्रदेश सह प्रभारी सुरेंद्र शर्मा ने कहा:
“पंचायत चुनाव एक माध्यम है, लेकिन असली फोकस विधानसभा चुनाव है। हमें हर बूथ पर मजबूत संगठन खड़ा करना है।”
कांग्रेस की सांगठनिक संरचना इस तरह बन रही है:
स्तर | जिम्मेदारी |
---|---|
BLA-1 | जिला और महानगर अध्यक्ष के नेतृत्व में |
BLA-2 | विधानसभा स्तर पर BLA-1 की निगरानी में |
फ्रंटल इकाइयां | युवक कांग्रेस, महिला कांग्रेस, एनएसयूआई, सेवादल आदि |
निष्कर्ष:
कांग्रेस ने पंचायत चुनाव को एक संगठित राजनीतिक पुनरुद्धार का अवसर मानते हुए, बूथ स्तर से मिशन मोड में तैयारी शुरू कर दी है। पार्टी अब सिर्फ नारों पर नहीं, संरचना और जमीनी पकड़ को प्राथमिकता दे रही है।