रिपोर्ट: उत्तराखंड | अपडेट: 27 जून 2025
उत्तराखंड में ध्वनि प्रदूषण फैलाने वाले वाहनों पर शिकंजा कसने की तैयारी पूरी हो गई है। परिवहन विभाग ने इस दिशा में बड़ा कदम उठाते हुए 47 अत्याधुनिक डेसिबल मीटर खरीदे हैं, जिन्हें प्रवर्तन दस्तों को सौंप दिया गया है। अब नियमों की अनदेखी करने पर 10 हजार रुपये तक का जुर्माना, लाइसेंस निलंबन और यहां तक कि तीन माह तक की जेल भी हो सकती है।
साइलेंसर नहीं, अब कानों को सुकून चाहिए!
प्रदेश में खासकर देहरादून, हरिद्वार, हल्द्वानी और रुद्रपुर जैसे बड़े शहरों में युवाओं के बीच तेज आवाज वाले हार्न और मॉडिफाइड साइलेंसर का ट्रेंड तेजी से बढ़ा है। कुछ वाहन तो ऐसे हैं जिनसे पटाखे जैसी आवाजें, गोलियों जैसी ध्वनि या डीजे जैसे शोर निकलते हैं।
“इनकी वजह से बच्चों, बुजुर्गों और मरीजों को काफी परेशानी होती है। अब ऐसे वाहनों के खिलाफ सख्ती जरूरी हो गई है।”
— शैलेश तिवारी, सहायक परिवहन आयुक्त
अब नहीं चलेगा अंदाजा, मापी जाएगी शोर की तीव्रता
अब तक विभाग के पास ध्वनि मापने के लिए कोई ठोस उपकरण नहीं था, और चालान अंदाजे से होते थे। लेकिन अब 47 डेसिबल मीटर से सटीक माप लेकर कार्रवाई की जाएगी।
ध्वनि की अधिकतम सीमा क्या है?
वाहन प्रकार | अधिकतम ध्वनि सीमा (dB) |
---|---|
दोपहिया / तिपहिया | 80 डेसीबल |
कार | 82 डेसीबल |
4 मीट्रिक टन तक वाहन | 85 डेसीबल |
4 मीट्रिक टन से भारी वाहन | 91 डेसीबल |
ये हो सकती है सजा:
- ₹10,000 तक का जुर्माना
- लाइसेंस तीन माह तक निलंबित
- तीन माह तक का कारावास
(मोटर वाहन अधिनियम के तहत)
पहले चरण में 47 दल हुए सशक्त
परिवहन विभाग ने पहले चरण में राज्यभर के 47 प्रवर्तन दलों को डेसिबल मीटर सौंपे हैं, जो हाईवे, शहरों और संवेदनशील इलाकों में विशेष चेकिंग अभियान चलाएंगे।
द्वितीय चरण में इनकी संख्या और बढ़ाई जाएगी।
“यह उपकरण विभाग की कार्यप्रणाली में पारदर्शिता और प्रभावशीलता लाएंगे। आगे चलकर तकनीक आधारित जुर्माने को भी बढ़ावा दिया जाएगा।”
— शैलेश तिवारी
जनता से भी अपील
परिवहन विभाग ने आम जनता से भी अपील की है कि वे शोर मचाने वाले वाहन चालकों की सूचना स्थानीय कार्यालय या हेल्पलाइन पर दें, ताकि समय रहते कार्रवाई की जा सके। साथ ही वाहन मालिकों को सलाह दी गई है कि शोरगुल वाले मॉडिफाइड हार्न या साइलेंसर न लगवाएं।
Samachar India News की अपील:
आपका वाहन आपकी पहचान है, लेकिन ध्वनि प्रदूषण आपकी ज़िम्मेदारी भी है। नियमों का पालन करें, दूसरों की शांति में बाधा न डालें।