BREAKING

Uttarakhand News : धामी सरकार का बड़ा फैसला — पेपर लीक मामले में रद्द हुई UKSSSC स्नातक परीक्षा, युवाओं का बढ़ा भरोसा, विपक्ष की धार कुंद पड़ी

तारीख: 11 अक्टूबर 2025
स्थान: देहरादून, उत्तराखंड


पेपर लीक मामले में धामी सरकार का निर्णायक कदम

उत्तराखंड की राजनीति और युवा अभ्यर्थियों के बीच चर्चित UKSSSC पेपर लीक प्रकरण पर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने बड़ा और निर्णायक फैसला लिया है। सरकार ने एकल सदस्यीय जांच आयोग की रिपोर्ट मिलने के बाद स्नातक स्तरीय परीक्षा रद्द करने का निर्णय लिया।
यह कदम न केवल युवाओं के हित में एक सशक्त संदेश है, बल्कि सरकार की पारदर्शिता और नकल विरोधी नीति की दिशा में ठोस कार्रवाई भी है।


सरकार ने दिखाया साहस, युवाओं का बढ़ा विश्वास

मुख्यमंत्री धामी ने जैसे ही आयोग की रिपोर्ट प्राप्त की, उन्होंने बिना किसी देरी के परीक्षा रद्द करने का अनुमोदन दिया।
राजनीतिक दृष्टि से यह निर्णय आसान नहीं था, परंतु सरकार ने यह दिखा दिया कि जब बात जनहित और युवाओं के भविष्य की हो, तो वह कठिन निर्णय लेने से पीछे नहीं हटती।

इस निर्णय ने युवाओं में सरकार के प्रति विश्वास को और गहरा किया है। अभ्यर्थियों का कहना है कि मुख्यमंत्री ने एक बार फिर यह साबित किया है कि “धामी सरकार युवाओं की सरकार है।”


नकल विरोधी कानून बना सरकार की ढाल

प्रदेश में पिछली भर्ती परीक्षाओं में गड़बड़ियों की घटनाओं को देखते हुए सरकार ने पहले ही सख्त नकल विरोधी कानून लागू किया था। इस कानून ने प्रतियोगी परीक्षाओं की विश्वसनीयता को मजबूत किया।
इसके बाद हुई 13 परीक्षाएं शांतिपूर्ण और निष्पक्ष रूप से संपन्न हुईं। कई अभ्यर्थियों ने तो एक से अधिक परीक्षाओं में सफलता हासिल कर इस नीति की प्रभावशीलता को प्रमाणित किया।


सरकार की सतर्कता: त्वरित कार्रवाई से बनी पारदर्शिता

हाल ही में अधीनस्थ चयन सेवा आयोग की परीक्षा में जब कुछ प्रश्नपत्र लीक होने की आशंका सामने आई, तब भी मुख्यमंत्री ने तुरंत कदम उठाया।
वे लगातार मामले की निगरानी करते रहे और युवाओं को आश्वस्त किया कि उनके हितों पर किसी प्रकार की आंच नहीं आने दी जाएगी।

मुख्यमंत्री धामी ने व्यक्तिगत स्तर पर आंदोलनरत छात्रों से मुलाकात की, उनकी भावनाओं को समझा और उनकी मांगों को प्राथमिकता दी। इसी दौरान उन्होंने सीबीआई जांच की सिफारिश और छात्रों पर दर्ज मुकदमों को वापस लेने की घोषणा कर बड़ा दिल दिखाया।


जांच आयोग की रिपोर्ट पर त्वरित फैसला

एकल सदस्यीय जांच आयोग द्वारा किए गए जनसंवाद के दौरान युवाओं ने परीक्षा प्रणाली की खामियों को खुलकर रखा। आयोग ने अपनी रिपोर्ट में भर्ती परीक्षा निरस्त करने की सिफारिश दी।
मुख्यमंत्री धामी ने बिना किसी देरी के इस सिफारिश को स्वीकृति दी। इसके बाद अधीनस्थ सेवा चयन आयोग (UKSSSC) ने भी परीक्षा निरस्त करने की औपचारिक घोषणा कर दी।


विपक्ष की रणनीति पर भारी पड़ा सरकार का निर्णय

पेपर लीक प्रकरण को लेकर जहां विपक्ष सरकार पर हमलावर था, वहीं भाजपा के भीतर भी कुछ असंतोष की स्थिति थी।
विपक्ष ने पहले सीबीआई जांच की मांग की, जिस पर मुख्यमंत्री ने तुरंत हामी भर दी। इसके बाद विपक्ष परीक्षा रद्द करने की मांग पर अड़ गया।
मुख्यमंत्री धामी ने अपनी राजनीतिक कुशलता और प्रशासनिक समझदारी का परिचय देते हुए यह मांग भी पूरी कर दी, जिससे विपक्ष की धार स्वतः कुंद पड़ गई।


मुख्यमंत्री धामी का युवाओं के प्रति संदेश

मुख्यमंत्री ने कहा था —

“मैं युवाओं के लिए सिर झुका भी सकता हूं और सिर कटा भी सकता हूं।”

इस कथन ने युवाओं के दिलों में जगह बनाई। धामी सरकार का यह रुख स्पष्ट करता है कि राज्य सरकार केवल कथनी की नहीं, बल्कि करनी की राजनीति में विश्वास रखती है।


निष्कर्ष: विश्वास, पारदर्शिता और सुधार का प्रतीक

UKSSSC परीक्षा रद्द करने का निर्णय न केवल एक परीक्षा से जुड़ा कदम है, बल्कि यह उत्तराखंड सरकार की पारदर्शी भर्ती प्रक्रिया की प्रतिबद्धता का प्रतीक है।
सरकार ने युवाओं की आवाज सुनी, जांच कराई, जिम्मेदारी तय की और न्याय सुनिश्चित किया।
इस फैसले ने न केवल युवाओं का विश्वास जीता, बल्कि यह भी साबित किया कि उत्तराखंड की सरकार ईमानदार शासन और निष्पक्ष अवसरों की गारंटी के लिए प्रतिबद्ध है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *