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Uttarakhand News: पति द्वारा पत्नी पर अमानवीय अत्याचार का मामला, महिला आयोग ने लिया संज्ञान — आरोपी पर सख्त कार्रवाई के निर्देश

दिनांक: 3 नवम्बर 2025 | स्थान: देहरादून (उत्तराखंड)


पति पर शारीरिक, मानसिक और यौन उत्पीड़न के गंभीर आरोप
देहरादून में एक महिला ने अपने पति पर लंबे समय से हो रहे शारीरिक, मानसिक और यौन उत्पीड़न के गंभीर आरोप लगाए हैं। पीड़िता ने थाना कोतवाली देहरादून में प्रार्थना पत्र देकर बताया कि उसका पति पुश्पांज रोहिला आए दिन शराब के नशे में उसके साथ मारपीट, गाली-गलौज और अत्याचार करता है।


अमानवीय कृत्य से घायल हुई पीड़िता, बोतल से किया गया हमला
पीड़िता ने पुलिस को बताया कि हाल ही में हुए एक झगड़े के दौरान आरोपी पति ने अत्यंत अमानवीय कृत्य किया। उसने नशे की हालत में बोतल से पीड़िता के गुप्तांगों पर वार किया, जिससे महिला गंभीर रूप से घायल हो गई। इसके अलावा आरोपी ने पीड़िता के शैक्षणिक दस्तावेज़ नष्ट कर दिए और उसे जान से मारने की धमकी भी दी।


महिला आयोग ने लिया स्वतः संज्ञान, पुलिस को दिए कड़े निर्देश
मामले की जानकारी मिलते ही उत्तराखण्ड राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष कुसुम कंडवाल ने इस भयावह प्रकरण पर तत्काल संज्ञान लिया। उन्होंने एसपी सिटी देहरादून को मामले में कठोर और त्वरित कार्रवाई के स्पष्ट निर्देश जारी किए।

कंडवाल ने कहा कि यह मामला अत्यंत संवेदनशील और भयावह है, और इसमें किसी भी स्तर पर लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी


“महिलाओं के खिलाफ क्रूरता अस्वीकार्य” — कुसुम कंडवाल
महिला आयोग अध्यक्ष ने कहा,

“महिलाओं के खिलाफ इस प्रकार की क्रूरता और हिंसा अस्वीकार्य है। आरोपी के खिलाफ कानून की सबसे सख्त धाराओं में मुकदमा दर्ज किया जाए। साथ ही पीड़िता को हर संभव सुरक्षा और चिकित्सा सहायता तत्काल उपलब्ध कराई जाए।”

उन्होंने यह भी जोड़ा कि सरकार और महिला आयोग ऐसी घटनाओं के प्रति शून्य सहनशीलता (Zero Tolerance Policy) पर कार्य कर रहे हैं।


महिला आयोग करेगा मामले की निगरानी
कुसुम कंडवाल ने स्पष्ट किया कि आयोग इस मामले की प्रत्यक्ष मॉनिटरिंग करेगा ताकि न्याय में किसी प्रकार की देरी न हो। उन्होंने कहा कि “न्याय में देरी को अन्याय माना जाएगा, इसलिए जांच की गति और निष्पक्षता पर आयोग की सीधी नजर रहेगी।”


पुलिस ने दर्ज किया मुकदमा, कार्रवाई शुरू
एसपी सिटी देहरादून ने बताया कि मामले में प्राथमिकी दर्ज कर ली गई है और आरोपी के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जा रही है। उन्होंने कहा कि जांच की प्रगति और की गई कार्रवाई से महिला आयोग को शीघ्र अवगत कराया जाएगा।


निष्कर्ष:
देहरादून का यह मामला समाज में व्याप्त घरेलू हिंसा और महिला उत्पीड़न की भयावह हकीकत को उजागर करता है। महिला आयोग की त्वरित सक्रियता से यह संदेश गया है कि उत्तराखंड में महिलाओं के खिलाफ किसी भी प्रकार की हिंसा को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। पीड़िता को न्याय दिलाने की दिशा में यह एक सख्त और निर्णायक कदम साबित हो सकता है।

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