देहरादून, 24 जून 2025
उत्तराखंड महिला सशक्तीकरण की दिशा में एक ऐतिहासिक कदम उठाने जा रहा है। राज्य सरकार ने नई राज्य महिला नीति का ड्राफ्ट तैयार कर लिया है, जो लागू होने के बाद उत्तराखंड को देश का पहला ऐसा राज्य बना सकती है, जहां 57 विभाग समन्वित रूप से महिलाओं के सर्वांगीण विकास में जुटेंगे।
क्या है महिला नीति 2025 का उद्देश्य?
नई नीति का मकसद सिर्फ योजनाएं बनाना नहीं, बल्कि सभी विभागों के बीच समन्वय स्थापित कर जेंडर बजट का प्रभावी उपयोग सुनिश्चित करना है।
राज्य में वर्तमान में 16.6 फीसदी जेंडर बजट है, लेकिन अब तक उसका उपयोग बिखरा हुआ रहा है। नई नीति के तहत:
- प्रत्येक विभाग में जेंडर बजट सेल का गठन अनिवार्य होगा
- बजट का प्रयोग शिक्षा, स्वास्थ्य, रोजगार, सामाजिक सुरक्षा, न्याय, और महिला सुरक्षा जैसे क्षेत्रों में किया जाएगा
- ग्रामीण, दूरस्थ और पर्वतीय क्षेत्रों की महिलाओं की प्राथमिकता से भागीदारी सुनिश्चित की जाएगी
नई दिल्ली में दी प्रस्तुति, देश के लिए बनेगी मिसाल
हाल ही में नई दिल्ली में केंद्र सरकार की ओर से आयोजित राष्ट्रीय परामर्श कार्यक्रम में देश के पांच राज्यों को महिला कल्याण पर प्रस्तुति देने का अवसर मिला।
उत्तराखंड की ओर से महिला सशक्तीकरण विभाग ने राज्य महिला नीति का विजन साझा किया, जिसे केंद्र के अधिकारियों और अन्य राज्यों ने आदर्श मॉडल माना।
नीति की प्रमुख बातें
- शिक्षा में भागीदारी: बेटियों की स्कूलिंग से लेकर उच्च शिक्षा तक पहुंच बढ़ाना
- स्वास्थ्य सेवाएं: मातृत्व, किशोरावस्था और वृद्धावस्था के चरणों में स्वास्थ्य सुविधाएं पहुंचाना
- रोजगार: ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में समान अवसर, कौशल विकास से जोड़ना
- सुरक्षित वातावरण: महिला सुरक्षा और संवेदनशील न्यायिक व्यवस्था
- सामाजिक न्याय: घरेलू हिंसा, भेदभाव और लैंगिक असमानता के विरुद्ध मजबूत प्रणाली
मंत्री रेखा आर्या ने क्या कहा?
राज्य की महिला एवं बाल कल्याण मंत्री रेखा आर्या ने कहा:
“नई राज्य महिला नीति से महिलाओं के लिए काम सिर्फ एक विभाग तक सीमित नहीं रहेगा। सभी 57 विभाग मिलकर उन्हें आगे बढ़ाने का काम करेंगे। यह नीति जेंडर बजट के प्रभावी उपयोग का मार्ग प्रशस्त करेगी और महिला सशक्तीकरण में नई क्रांति लाएगी।”
आगे की योजना
- नीति का ड्राफ्ट तैयार हो चुका है
- जल्द ही इसे मंत्रिमंडल की मंजूरी के लिए भेजा जाएगा
- इसके बाद राज्य स्तरीय कार्यान्वयन गाइडलाइन जारी की जाएगी
- प्रत्येक जिले में नोडल अधिकारी और जेंडर सेल का गठन किया जाएगा
विशेष टिप्पणी
“उत्तराखंड की यह महिला नीति न केवल राज्य के सामाजिक ढांचे को मजबूत करेगी, बल्कि पूरे देश के लिए एक रोडमैप साबित हो सकती है। यह बदलाव नीति से नीयत तक और नतीजों तक जाएगा।”