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Uttarakhand News: रजत जयंती पर कांग्रेस ने शहीदों को दी श्रद्धांजलि, हरीश रावत बोले – “हम फिर देहरादून में ही रह गए”

देहरादून | 1 नवंबर 2025

उत्तराखंड राज्य की रजत जयंती समारोह की शुरुआत आज कांग्रेस ने शहीदों को नमन करते हुए की। देहरादून स्थित शहीद स्मारक पर कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने श्रद्धांजलि अर्पित की और जनगीत गाकर पखवाड़े भर चलने वाले रजत जयंती समारोह की औपचारिक शुरुआत की।


शहीदों को नमन कर हुई रजत जयंती की शुरुआत

राज्य निर्माण के 25 वर्ष पूरे होने पर कांग्रेस ने उन आंदोलनकारियों और शहीदों को याद किया, जिन्होंने उत्तराखंड की लड़ाई में अपना बलिदान दिया। इस मौके पर कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने कहा कि “उत्तराखंड के 25 वर्षों की यह यात्रा संतोषजनक तो रही, लेकिन अधूरी भी है। अभी भी कई चुनौतियां और कमियां हैं, जिन्हें दूर किया जाना बाकी है।”


हरीश रावत बोले – “हम फिर देहरादून में रह गए”

राज्य विधानसभा के आगामी विशेष सत्र पर टिप्पणी करते हुए हरीश रावत ने कहा कि यह सत्र भराड़ीसैंण (गैरसैंण) में आयोजित होना चाहिए था। उन्होंने कहा,

“अगर हम हिमालय को सामने रखकर कहते कि 25 साल पहले संसद ने जिस हिमालयी राज्य की कल्पना की थी, हम उसी दिशा में आगे बढ़ेंगे, तो यह सत्र और भी ऐतिहासिक होता। राष्ट्रपति के संबोधन के साथ इसकी शुरुआत होती। लेकिन अफसोस, हम फिर देहरादून में ही रह गए।”

पूर्व मुख्यमंत्री ने आगे कहा कि राज्य आंदोलनकारियों का सपना केवल राजधानी का नहीं, बल्कि न्यायपूर्ण और आत्मनिर्भर उत्तराखंड का था। उन्होंने कहा, “महिलाओं, गरीब ग्रामीणों, मजदूरों और नौजवानों के लिए बहुत कुछ किया जाना बाकी है। राज्य की राजनीतिक अस्थिरता ने कई बार विकास की गति को रोका, लेकिन अब आत्ममंथन कर आगे बढ़ने की जरूरत है।”


“दो दिन का सत्र विशेष कहना राज्य का अपमान” – करन माहरा

कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष करन माहरा ने भी सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि “दो दिन के सत्र को ‘विशेष सत्र’ कहना राज्य की गरिमा के साथ मज़ाक है।”
उन्होंने कहा कि विधायक सीएम के विभागों से जुड़े सवाल पूछना चाहते हैं, लेकिन विधानसभा को उस स्तर तक नहीं लाया गया कि संवाद हो सके। माहरा ने कहा कि राज्य आंदोलनकारियों के सपनों का उत्तराखंड अब तक नहीं बन पाया है।

उन्होंने कई गंभीर मुद्दे उठाए –

  • नौ हिमालयी राज्यों में महिला अपराध के मामलों में उत्तराखंड पहले स्थान पर है।

  • एक रिपोर्ट के अनुसार, हर दिन तीन बच्चे देवभूमि से गायब हो रहे हैं।

  • भू-कानून जनभावनाओं के अनुरूप नहीं है और युवाओं में निराशा बढ़ रही है।


“असंतुलित विकास और बढ़ता कर्ज” – यशपाल आर्य

नेता प्रतिपक्ष यशपाल आर्य ने कहा कि राज्य में विकास असंतुलित रहा है। स्वास्थ्य, सड़क, बिजली और पानी जैसी बुनियादी सुविधाओं की स्थिति अभी भी चिंताजनक है।
उन्होंने कहा, “राज्य पर एक लाख करोड़ का कर्ज चढ़ चुका है। पलायन की वजह से पहाड़ खाली हो रहे हैं और गांव उजड़ते जा रहे हैं। यह समय आत्ममंथन का है, न कि केवल उत्सव मनाने का।”


निष्कर्ष

उत्तराखंड की रजत जयंती के पहले दिन कांग्रेस ने उत्सव को आत्ममंथन का अवसर बताया। शहीदों को श्रद्धांजलि देकर कांग्रेस नेताओं ने स्पष्ट किया कि राज्य की असली पहचान केवल 25 साल पूरे करने में नहीं, बल्कि उस सपने को साकार करने में है जिसके लिए उत्तराखंड बना था।
देवभूमि के इस रजत वर्ष में जब सरकार जश्न मना रही है, वहीं कांग्रेस ने जनता की आवाज़ और अधूरी उम्मीदों को सामने रखकर एक अलग संदेश देने की कोशिश की है।

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