देहरादून, 28 अगस्त 2025
प्रदेश में ऊर्जा आपूर्ति व्यवस्था को सुचारू बनाए रखने के लिए उत्तराखंड सरकार ने बड़ा फैसला लिया है। राज्य के तीनों प्रमुख ऊर्जा निगमों—उत्तराखंड पावर कारपोरेशन लिमिटेड (यूपीसीएल), उत्तराखंड जल विद्युत निगम लिमिटेड (यूजेवीएनएल) और पावर ट्रांसमिशन कारपोरेशन ऑफ उत्तराखंड लिमिटेड (पिटकुल)—में अगले छह महीने तक उत्तर प्रदेश आवश्यक सेवाओं का अनुरक्षण अधिनियम (एस्मा) लागू कर दिया गया है।
कर्मचारियों की हड़ताल पर पूरी तरह प्रतिबंध
सरकार द्वारा जारी अधिसूचना के तहत इस अवधि में किसी भी कर्मचारी संगठन, यूनियन या महासंघ को हड़ताल करने की अनुमति नहीं होगी। ऊर्जा क्षेत्र में कार्यरत यूनियनों के सभी पदाधिकारियों—अध्यक्ष, महासचिव, महामंत्री और प्रधान महामंत्री—को इस संबंध में औपचारिक पत्र भी भेजा गया है।
अधिसूचना जारी करने वाले अधिकारी
प्रमुख सचिव ऊर्जा, आर. मीनाक्षी सुंदरम ने इस संबंध में अधिसूचना जारी की। अधिसूचना लागू होने के बाद प्रदेश की बिजली आपूर्ति और जल विद्युत उत्पादन से जुड़े सभी विभागों में हड़ताल पूरी तरह प्रतिबंधित हो जाएगी।
क्यों लिया गया यह फैसला
सरकार का कहना है कि प्रदेश में ऊर्जा आपूर्ति आम जनता की ज़रूरतों और उद्योगों की गतिविधियों से सीधा जुड़ा विषय है। किसी भी हड़ताल से बिजली व्यवस्था बाधित हो सकती है, जिससे राज्य की आम जनता और विकास कार्य प्रभावित होंगे। इसी को देखते हुए अगले छह महीनों के लिए एस्मा लागू करना आवश्यक समझा गया है।