तिथि: 28 नवंबर 2025
स्थान: देहरादून, उत्तराखंड
सरकार सख्त, करोड़ों के भुगतान मामले में खुली जांच के निर्देश
उत्तराखंड सरकार ने राज्य के आयुर्वेद विश्वविद्यालय से जुड़े करोड़ों रुपये के संदिग्ध भुगतान मामले में बड़ा कदम उठाया है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने 13.10 करोड़ रुपये के भुगतान में प्रशासकीय और वित्तीय अधिकारों के दुरुपयोग के आरोपों को गंभीरता से लेते हुए विजिलेंस विभाग को खुली जांच के निर्देश दे दिए हैं।
क्या है पूरा मामला?
देहरादून स्थित उत्तराखंड आयुर्वेद विश्वविद्यालय में बीते कुछ समय से करोड़ों रुपये के भुगतान को लेकर सवाल उठ रहे थे। आरोप है कि विश्वविद्यालय में 13.10 करोड़ रुपये का भुगतान बिना उचित प्रक्रिया और प्रशासनिक अनुमति के किया गया।
इन अनियमितताओं के सामने आने के बाद सतर्कता विभाग ने प्राथमिक तथ्य जुटाए, जिसके आधार पर अब इस मामले को अधिक विस्तृत और खुली जांच के लिए आगे बढ़ाया गया है।
मुख्यमंत्री ने दी फाइल को मंजूरी
सूत्रों के अनुसार, विजिलेंस जांच शुरू करने के लिए जो फाइल मुख्यमंत्री के अनुमोदन के लिए भेजी गई थी, उसे सीएम धामी ने तुरंत स्वीकृति दे दी। इसके बाद अब सतर्कता विभाग पूरे मामले की गहराई से जांच करेगा।
सरकार का यह कदम संकेत देता है कि राज्य प्रशासन ऐसे मामलों में जीरो टॉलरेंस नीति पर काम कर रहा है।
जांच में क्या-क्या होगा शामिल
- 13.10 करोड़ के भुगतान से जुड़ी संपूर्ण फाइलों की जांच
- भुगतान प्रक्रिया में शामिल अधिकारियों व कर्मचारियों की भूमिका
- प्रशासनिक और वित्तीय अनुमोदन में हुई कथित गड़बड़ियां
- विश्वविद्यालय के बजट और वित्तीय प्रबंधन की समीक्षा
विजिलेंस की टीम जल्द ही मामले में पूछताछ और दस्तावेजों के परीक्षण की प्रक्रिया शुरू करेगी।
सरकार का स्पष्ट संदेश: भ्रष्टाचार पर कड़ी कार्रवाई
उत्तराखंड सरकार ने हाल के वर्षों में कई विभागों में अनियमितताओं पर कठोर कार्रवाई की है। यह कदम भी उसी दिशा में देखा जा रहा है। सीएम धामी लगातार वित्तीय पारदर्शिता और जवाबदेही पर जोर देते रहे हैं।
निष्कर्ष
देहरादून में स्थित उत्तराखंड आयुर्वेद विश्वविद्यालय में हुए 13.10 करोड़ रुपये के संदिग्ध भुगतान मामले में जांच शुरू होना राज्य सरकार की सख्त मंशा और पारदर्शिता की नीति को दर्शाता है। विजिलेंस की खुली जांच से यह स्पष्ट होगा कि भुगतान में किस स्तर पर और किन अधिकारियों ने अपने अधिकारों का दुरुपयोग किया।
सरकार ने साफ कर दिया है कि राज्य के किसी भी विभाग में वित्तीय अनियमितताओं को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।


