रिपोर्ट: देहरादून | तारीख: 27 जून 2025
उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने शुक्रवार को अपने शासकीय आवास पर राजस्व और सिंचाई विभाग की योजनाओं की उच्च स्तरीय समीक्षा बैठक की। इस दौरान प्रदेश की दो महत्त्वाकांक्षी परियोजनाओं — सॉन्ग बांध और जमरानी बांध — की प्रगति पर विशेष जोर दिया गया।
बांध परियोजनाओं पर सीएम सख्त, कहा – “काम में लाएं तेजी, जनता को दिखे असर”
मुख्यमंत्री धामी ने सॉन्ग और जमरानी बांध की अब तक की प्रगति की गहन समीक्षा की और अधिकारियों को निर्देश दिए कि कार्यों में तेजी और पारदर्शिता सुनिश्चित की जाए। उन्होंने स्पष्ट कहा कि ये परियोजनाएं राज्य की जल प्रबंधन, सिंचाई सुविधा और पेयजल आपूर्ति की रीढ़ बन सकती हैं, बशर्ते समयबद्ध तरीके से क्रियान्वयन हो।
“सिर्फ योजनाएं नहीं, जनता को जमीन पर नतीजे दिखने चाहिए। जल, राजस्व और पुनर्वास से जुड़ी व्यवस्थाओं में कोई ढिलाई बर्दाश्त नहीं होगी।”
— मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी
बैठक में शामिल रहे वरिष्ठ अधिकारी
बैठक में प्रमुख सचिव, सचिव सिंचाई, सचिव राजस्व और अन्य वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारी मौजूद रहे। बैठक के दौरान दोनों परियोजनाओं की तकनीकी बाधाएं, बजट प्रगति, भूमि अधिग्रहण, पुनर्वास योजना और पर्यावरणीय स्वीकृतियों की विस्तृत समीक्षा की गई।
क्यों हैं ये परियोजनाएं महत्वपूर्ण?
सॉन्ग बांध परियोजना
- देहरादून क्षेत्र में पेयजल संकट को स्थायी समाधान देने के उद्देश्य से निर्माणाधीन
- जल संरक्षण और शहर की दीर्घकालिक जरूरतों को पूरा करेगा
जमरानी बांध परियोजना
- कुमाऊं क्षेत्र के लिए सिंचाई, पेयजल आपूर्ति और बाढ़ नियंत्रण का प्रमुख स्रोत
- नैनीताल जिले की जल संसाधन समस्या के निराकरण में महत्वपूर्ण भूमिका
पुनर्वास और राजस्व व्यवस्था पर भी खास फोकस
मुख्यमंत्री ने निर्देश दिए कि बांध परियोजनाओं से प्रभावित लोगों के पुनर्वास और मुआवजे की प्रक्रिया को प्राथमिकता के साथ निष्पादित किया जाए। उन्होंने राजस्व रिकॉर्ड के डिजिटलीकरण और भूमि संबंधी विवादों के त्वरित निस्तारण को भी अहम बताया।
मुख्यमंत्री धामी की यह समीक्षा बैठक विकास योजनाओं को धरातल पर उतारने की गंभीर मंशा को दर्शाती है। उन्होंने साफ कहा कि जनता के विश्वास को मजबूत करना ही सरकार की प्राथमिकता है।