देहरादून | 1 नवंबर 2025
भाजपा मुख्यालय, देहरादून में शनिवार को मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने प्रेस वार्ता के दौरान राज्य के विकास, रजत जयंती वर्ष और कैबिनेट विस्तार को लेकर महत्वपूर्ण बयान दिए। लंबे समय से चर्चाओं में रहे कैबिनेट विस्तार के सवाल पर सीएम धामी ने संकेत देते हुए कहा—“शुभ दिन शुरू हो गए हैं, आगे भी शुभ ही होगा।”
कैबिनेट विस्तार पर सीएम का संकेत
उत्तराखंड में कई महीनों से कैबिनेट विस्तार को लेकर राजनीतिक हलचल बनी हुई है। कई बार चर्चा के बावजूद इस पर कोई ठोस निर्णय नहीं लिया गया था। प्रेस वार्ता में जब मुख्यमंत्री से इस मुद्दे पर सवाल पूछा गया, तो उन्होंने मुस्कुराते हुए कहा कि देवउठनी एकादशी के साथ शुभ समय प्रारंभ हो चुका है, जिससे राजनीतिक गलियारों में अब संभावनाओं के नए समीकरण बनने की अटकलें तेज हो गई हैं।
25 साल की विकास यात्रा और नया रोडमैप
मुख्यमंत्री धामी ने कहा कि यह पूरे उत्तराखंड के लिए गर्व का क्षण है कि राज्य अपनी स्थापना के 25 वर्ष पूरे कर रहा है। उन्होंने बताया कि रजत जयंती वर्ष केवल उत्सव नहीं, बल्कि आत्ममंथन और संकल्प का अवसर है।
सीएम ने कहा, “अगले 25 वर्षों के लिए सरकार एक समृद्ध, आत्मनिर्भर और सशक्त उत्तराखंड का रोडमैप तैयार करेगी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जिस विकसित भारत का सपना 2047 तक देखा है, उसी दिशा में उत्तराखंड को भी अग्रसर किया जाएगा।”
राज्यभर में रजतोत्सव कार्यक्रमों की तैयारियां
मुख्यमंत्री ने जानकारी दी कि एक नवंबर से 11 नवंबर तक प्रदेशभर में विभिन्न कार्यक्रमों का आयोजन किया जाएगा। इगास पर्व से शुरू होकर ये आयोजन विकास यात्रा, सांस्कृतिक गौरव और जनभागीदारी को समर्पित होंगे।
उन्होंने कहा कि रजतोत्सव समारोह केवल राज्य के अतीत को याद करने का अवसर नहीं, बल्कि भविष्य की दिशा तय करने का भी समय है।
विशेष सत्र में राष्ट्रपति और पीएम का मार्गदर्शन
सीएम धामी ने बताया कि तीन और चार नवंबर को विधानसभा का विशेष सत्र आयोजित किया जाएगा। इस दौरान 3 नवंबर को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु विशेष सत्र को संबोधित करेंगी।
वहीं, 9 नवंबर को राज्य स्थापना दिवस के मुख्य समारोह में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का मार्गदर्शन राज्य को प्राप्त होगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि यह अवसर उत्तराखंड के लिए ऐतिहासिक और प्रेरणादायी होगा।
निष्कर्ष
प्रेस वार्ता में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने उत्तराखंड के अगले 25 वर्षों की दिशा तय करने का विज़न साझा किया। उन्होंने यह भी संकेत दिया कि आने वाले दिनों में राज्य की राजनीति में “शुभ परिवर्तन” देखने को मिल सकता है।
देवभूमि उत्तराखंड अब रजत जयंती के उत्सव से आगे बढ़कर स्वर्णिम भविष्य की ओर कदम बढ़ाने को तैयार है।


